इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Sunday, March 11, 2012

प्रेम के क्षण और क्षणिकाएं प्रेम की.....

अभी-अभी 
छू कर गयी जो मुझे
बसन्ती बयार थी 
या तुम थे ???
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

कतरा कतरा थी जिंदगी 
पाया तुम्हें तो 
हो गयी नदी,
मीठे पानी की..........
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~


तुमसे जुड़ी हर बात
मधुर है 
तुम्हारा स्पर्श,खुशबू,आवाज़ सब.......
तुमने रुलाया तो 
आँख से निकला पानी भी 
मीठा था............
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अनु 

37 comments:

  1. यही वफ़ा का सिला है ...तो कोई बात नहीं ....
    तुम्हीं ने दर्द दिया है ...तो कोई बात नहीं ...
    कोमल एहसास ...

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  2. तुमने रुलाया तो
    आँख से निकला पानी भी
    मीठा था............waah ....

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  3. अभी-अभी
    छू कर गयी जो मुझे
    बसन्ती बयार थी
    या तुम थे ???

    बहुत बढ़िया प्रस्तुति,...

    MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...

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  4. @कतरा कतरा थी जिंदगी
    पाया तुम्हें तो
    हो गयी नदी
    मीठे पानी की

    भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।

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  5. सभी क्षणिकाएं बहूत सुंदर है
    गहन भावाभिव्यक्ती ....
    हृदयस्पर्शी क्षणिकाएं ....

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  6. ये प्यार और विश्वास का अहसास है ....
    आँख से निकला पानी भी
    मीठा था............
    शुभकामनाएँ!

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  7. तुम में मेरा वजूद
    कुछ इस तरह
    समाया था
    तेरे दिये
    दर्द में भी
    जैसे
    हरसिंगार झर
    आया था .....

    सुंदर प्रेमाभिव्यक्ति

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  8. आपके संतोषपने पर ईर्ष्या होती है !

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  9. सुन्दर क्षणिकाएं....
    सादर बढ़ाई.

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    1. तुमने रुलाया तो
      आँख से निकला पानी भी
      मीठा था....
      वाह! फिर पढ़ा... नया ही एहसास है...
      सुन्दर क्षणिकाएं...
      सादर बधाई...

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  10. बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना, शुभकामनाएँ।

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  11. एक से बढ़कर एक।

    सादर

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  12. कल 12/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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    1. शुक्रिया यशवंत.......
      :-)

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  13. पुरूष के भीतर भी यदि प्रेम की लौ जलती रह सके,तो दुनिया रहने लायक बने!

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  14. गाफिल जी हैं व्यस्त, चलो चलें चर्चा करें,
    शुरू रात की गश्त, हस्त लगें शम-दस्यु कुछ ।

    आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सोमवारीय चर्चा-मंच पर है |

    charchamanch.blogspot.com

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    1. आपका बहुत आभार रविकर जी...
      शुक्रिया

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  15. अहसासों की मिठास बनी रहे . सुँदर भावमयी पंक्तियाँ.

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  16. बहुत ही सुन्दर क्षणिकाएं!
    सादर

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  17. छोटी छोटी परन्तु खूबसूरत और अर्थपूर्ण......
    शुक्रिया....
    मेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए....
    मेरा पता.....
    punamsinha0@gmail.com

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  18. बहुत सुन्दर क्षणिकाएं |यह बहुत अच्छी लगी
    "कतरा कतरा थी जिंदगी
    पाया तुम्हें तो
    हो गयी नदी
    मीठे पानी की "
    आशा

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  19. तुमने रुलाया तो आँख से निकला पानी भी मीठा था....
    प्रेम की खूबसूरत भाभिव्यक्ति !

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  20. कतरा कतरा थी जिंदगी
    पाया तुम्हें तो
    हो गयी नदी,
    मीठे पानी की..........
    सुन्दर अभिव्यक्ति नेह की नही के स्पर्श की कुछ कुछ ऐसी -

    आंसू सूखा कहकहा हुआ ,पानी सूखा तो हवा हुआ .

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  21. खूबसूरत क्षणिकाएं.. प्रेम सच में इतना ही मीठा एहसास है..

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  22. अभी-अभी
    छू कर गयी जो मुझे
    बसन्ती बयार थी
    या तुम थे ???
    ...वह जीवनदायी स्पर्श!वाह बहुत सुन्दर !!!

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  23. sach hai pyar ek saugaat hai aur usme doob jana prem ki parinati...

    तुमने रुलाया तो
    आँख से निकला पानी भी
    मीठा था............

    sabhi kshanikaayen bahut komal, shubhkaamnaayen.

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  24. tumne rulaya to aankho se nikla paani bhee meetha tha..kya baat hai..sundar prastuti..sadar badhayee aaur amantran ke sath

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  25. तुमसे जुड़ी हर बात
    मधुर है
    तुम्हारा स्पर्श,खुशबू,आवाज़ सब.......
    तुमने रुलाया तो
    आँख से निकला पानी भी
    मीठा था............

    कमाल का अंदाज़े बयाँ। अदृभुत रच रही हैं आप तो!

    ReplyDelete
  26. तुमसे जुड़ी हर बात
    मधुर है
    तुम्हारा स्पर्श,खुशबू,आवाज़ सब.......
    तुमने रुलाया तो
    आँख से निकला पानी भी
    मीठा था............

    कमाल का अंदाज़े बयाँ। अदृभुत रच रही हैं आप तो!

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  27. छोटी...मगर दिल से निकलीं रचनायें...

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  28. बहुत मीठे - मीठे से जज़्बात ........

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  29. कतरा कतरा थी जिंदगी
    पाया तुम्हें तो
    हो गयी नदी,
    मीठे पानी की........

    kisi ko pane ka value dikh raha hai..
    :)
    behtareen!!

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  30. आपकी ही कुछ पंक्तियाँ -
    तुम से शुरू और तुम पे ही आकर रुकी है मेरी हर नज़्म......तुमसे जुदा कोई बात नज़्म सी लगती नहीं ,
    क्या करूँ !!
    :)

    बहुत सुंदर

    सादर
    -आकाश

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