जाने कितनी खट्टी-मीठी यादें जुड़ी होती हैं हर त्यौहार से........कुछ भूल बिसरा याद भी आता है,.............आपके लिए आज बस ये कविता...............मेरी डायरी बंद है................आप भी अपनों के साथ खुशियाँ बाँटें........और जो साथ नहीं हैं उन्हें याद करें.......
चलिए त्यौहार मनायें ......रंग उडायें.......... मस्त मलंग बन जाएँ.....
मीठी चली बयार
बिखरे रंग हज़ार
फागुन आया रे.........
फैला अबीर गुलाल
फैला अबीर गुलाल
छलका आँखों से प्यार
फागुन आया रे........
महका सारा आलम है
बहका है संसार
फागुन आया रे........
यारों में अब खूब बनी
भूले हर तकरार
फागुन आया रे.........
अपनों की फिर याद आई
जो रहते सागर पार
फागुन आया रे........
आँखें नम हो जाती हैं
क्यूँ छोड़ा घर- बार
फागुन आया रे.........
-अनु
फागुन आया रे........
महका सारा आलम है
बहका है संसार
फागुन आया रे........
यारों में अब खूब बनी
भूले हर तकरार
फागुन आया रे.........
अपनों की फिर याद आई
जो रहते सागर पार
फागुन आया रे........
आँखें नम हो जाती हैं
क्यूँ छोड़ा घर- बार
फागुन आया रे.........
-अनु
अपनों की फिर याद आई
ReplyDeleteजो रहते सागर पार
फागुन आया रे........
बहुत सुंदर प्रस्तुति,....
अनु जी,..सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
फैला अबीर गुलाल
ReplyDeleteछलका आँखों से प्यार
फागुन आया रे........
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुंदर प्रस्तुति,....
ReplyDeleteअनु जी,सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteआपको महिला दिवस और होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
कल 09/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
शुक्रिया यशवंत....खुद को हलचल में पाकर खुशी हुई..
Delete:-)
happy holi :-)
ReplyDeleteरंगों भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं..
ReplyDeletedheeraj thodaa saa rakho
ReplyDeletejab bhee aayein phagun manaa lenaa
त्यौहार पर घरों से दूरी वाकई कष्टप्रद होती है...होली और फागुन में तो ये कसक और बढ़ जाती है...सुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..होली की शुभकामनायें..मेरे ब्लॉग filmihai.blogspot.com पर स्वागत है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्यार भरी रचना...
ReplyDeleteफागुन आया रे.........सब गिले शिकवे दूर कर....फिर से एक हो जाने का त्यौहार ....आप के लिए बहुत शुभ हो !
ReplyDeleteफागुन आया रे.........सब गिले शिकवे दूर कर....फिर से एक हो जाने का त्यौहार ....आप के लिए बहुत शुभ हो !
ReplyDeleteसहज ... मन की भावनाओं को व्यक्त करती अच्छी रचना ॥
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteहोली की बधाईयां...
.
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण गीत है …
इस सरस-सुंदर रचना के लिए आभार …
साथ ही
स्वीकार करें मंगलकामनाएं आगामी होली तक के लिए …
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♥होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार !♥
♥मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !!♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत सुन्दर प्यारी रचना...
ReplyDeleteचिट्ठी आई है , के जैसी रचना , सुन्दर
ReplyDeleteसादर
-आकाश