आज जो पन्ना खुला उससे बड़ी भीनी सी खुशबु आ रही है........शायद कुछ मोहब्बत का ज़िक्र होगा इसमें........चलिए रूमानियत के सफर पर लिए चलती हूँ आज.
बड़ा लंबा सफर तय किया हमने एक साथ,और तुम कहते हो पता ही नहीं चला .....शायद यही मोहब्ब्त की निशानी होती है कि वक्त का एहसास ही ना हो.......
मगर मैं इस ख़याल पर ज़रा ठहरूं और थोडा सोचूं तो फिर ये कहूँगी कि मैंने तो हर लम्हा महसूस किया.....हर पल का एहसास था मुझे.....हर क्षण जिया मैंने तुम्हारे साथ........
बरस के पूरे 365 दिन तुम और तुम्हारे ख़याल से लिपटी रही हूँ मैं......कभी लिपटे थे तुम किसी रंगीन/गुलाबी कागज़ की तरह.....मानों "गिफ्ट रैप्ड"...जो महकता हो भीनी भीनी खुशबु से....कभी दिन गुज़रा मानों पुराने अखबार में लिपटा सा....
जो भी हो,बड़ी लंबी दूरी तय की हमने.......और बाकी है अभी बहुत कुछ.......
आने वाला कल.......उसकी आस....... हमें सदा ऊर्जा से भर देती है.......
मन में भविष्य की मीठी उम्मीद पल रही हो तो वर्तमान भी हसीन लगता है...
जैसे लाल रसभरी स्ट्राबेरी की आस में ,हरी हरी स्ट्राबेरी देख भी हम पुलकित हो जाते हैं....-अनु
सुन्दर भविष्य दिख रहा हो तो वर्तमान अपने आप सुन्दर होता है -सौ टके की बात
ReplyDeleteआशान्वित करती रचना
ReplyDelete|बहुत सुन्दर चित्र |होली पर हार्दिक शुभकामनाएं |
आशा
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ...जैसे दिल की बात कह दी
ReplyDeleteहोली का त्यौहार, मनाये इस्ट्राबेरी ।
ReplyDeleteहरी हरी हो लाल, करे काहे तू देरी ।
सुन्दर स्वाद सुगंध, मोह लेती है मन को
भर लो रंग-गुलाल, बजे होली रणभेरी ।।
दिनेश की टिप्पणी-आपकी पोस्ट का लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
शुक्रिया रविकर जी...
Deleteमेरे पन्ने को अपनी टिप्पणी से सुशोभित करने के लिए आपका आभार..
सभी रचनाकारों का शुक्रिया जिन्होंने मुझे वक्त दिया..
बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
ReplyDeleteमै आपका फालोवर बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी,..
मेरे पोस्ट पर आइये स्वागत है,..
NEW POST...फिर से आई होली...
NEW POST फुहार...डिस्को रंग...
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति| होली की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है आपने ... आभार
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावमय प्रस्तुति.
ReplyDeleteहोली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
वर्तमान की जमीन पे ही तो भविष्य खड़ा होता है ...
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति है ...
बहुत ही उम्दा लिखा आप ने,आप का ब्लॉग भी बहुत प्यारा है,और स्ट्राबेरी को देखकर तो मुंह में पानी ही आ गया :)
ReplyDeleteअच्छा लिखती है आप ,ऐसे ही लिखती रहें मेरी शुभकामनाएं
ReplyDeleteअच्छा लिखती है आप ,ऐसे ही लिखती रहें मेरी शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी रचना में वाकई पकी स्ट्राबेरी जैसी मीठा, रस व ताज़गी है .... रचन मन को बहुत भा गई !
ReplyDeleteऐसे ही कविता के साथ रहें....प्यार हो जायेगा !
ReplyDeleteआने वाला कल...उसकी आस.... हमें सदा ऊर्जा से भर देती है.....
ReplyDeleteकोमल भावों की सुंदर अभिव्यक्तिं
होली की शुभकामनाएं !
आस ... जीवन में ऊर्जा भर देती है ... सुंदर शैली है लिखने की ...मन रम जाता है पढ़ कर ।
ReplyDeleteअपने level के बाहर की पोस्ट है ये :)
ReplyDeleteलेकिन आखिर में लिखी स्ट्राबेरी वाली लाइन ने पूरी पोस्ट का मर्म समझा दिया |
सादर
-आकाश