इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Tuesday, March 6, 2012

उम्मीद .........


तुमने जो रोपा था पौधा उसमें नन्ही नन्ही कोंपलें फूट रही है....
कहीं कोई संकेत तो नहीं है ये सृष्टिकर्ता का.......जब से तुम गए हो अलविदा  कह कर ,तब से तुम्हारे इस पौधे की सब पत्तियां पीली पड़ गयीं......शायद मुझसे मुकाबला करने लगीं थीं.......जैसे मेरा चेहरा लोगों को मुरझाया ज़र्द  सा लगता था..........बड़ा गुस्सा आता था मुझे.....और मैं या तो आइना देखती नहीं थी या फिर गहरा सा मेकअप पोत लिया करती.........खुद के लिए नहीं  तो कम से कम दुनिया को दिखाने के लिए खुश रहा करती........याने कोशिश तो किया ही करती.......
फिर उस पौधे की पत्तियां झड गयीं एक एक करके..........जैसे जब-तब मेरी आँखें झरा करतीं थीं..........
कितनी कोशिश की मैंने उस पौधे को हरा रखने की ..........मगर कोई फायदा नहीं हुआ......वैसे ही मैं हमारे रिश्ते को ना बचा पायी...........
 कुम्हलाया सा वो पौधा...और वैसी ही मैं.........बस जिंदा थे दोनों.........जाने क्यूँ मरे नहीं......
अब जाने कहाँ से ये कोंपलें फूटी हैं..............तुम आओ ना आओ ,मुझे तो आदत है इस पौधे की तरह हो जाने की.....सो जान लो तुम भी, कि आजकल  हम भी लहलहाते से फिरते हैं.........बिना वजह खुश..........
देखती हूँ जब इसमें कली खिलेगी  तब तुम आते हो या  नहीं............एक उम्मीद पल रही है दिल में क्यूंकि अकसर कहते सुना है लोगों को कि-

जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
चाहे पौधा हो या रिश्ता...... 



21 comments:

  1. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये तो कभी मरता नहीं,चाहे पौधा
    हो या रिश्ता......
    बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
    होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,

    ReplyDelete
  2. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
    चाहे पौधा हो या रिश्ता......
    उत्तम विचार।

    ReplyDelete
  3. देखती हूँ जब इसमें कली खिलेगी तब तुम आते हो या नहीं............एक उम्मीद पल रही है दिल में ..

    umeed par duniya jeeti hai...

    Nice thoughts and beautiful expression ..

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
    होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    ReplyDelete
  5. सच कहा है ........तो रिश्ता मरता नही !
    होली का पर्व मुबारक हो !
    शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete
  6. अभी-अभी तो आया है
    मेरे जीवन में मृदुल बसंत,
    अभी न होगा मेरा अंत
    --निराला

    होली में आपकी मनोकामना पूर्ण हो !

    ReplyDelete
  7. बिना वजह कोई संत ही खुश रह पाता है। जिसने उसकी संगति छोड़ दी,अभागा था।

    ReplyDelete
  8. nice expression from expression ,keep on expressing ,the way u have expressed in this poem

    ReplyDelete
  9. भावों को खूबसूरत शब्द दिये हैं .... सुंदर विचार

    ReplyDelete
  10. बहुत सुन्दर रचना है.....
    बिना प्यार सब फीका है ....

    ReplyDelete
  11. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
    चाहे पौधा हो या रिश्ता...... !!

    sahi kaha......

    ReplyDelete
  12. "जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
    चाहे पौधा हो या रिश्ता...... "

    सहमत हूँ इस बात से।


    सादर

    ReplyDelete
  13. एक अलग ही खुशबु लिए होती है आपकी बातें... हुई...

    ReplyDelete
  14. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये तो कभी मरता नहीं,चाहे पौधा
    हो या रिश्ता......
    रिश्तों की जड़ों को सींचती रचना

    ReplyDelete
  15. प्रेम-प्रीत को बिरवा चले लगाय ,
    सींचन की सुधि लीजो ,मुरझि न जाय .
    - जो बिरवे को सींच न सके नेह जल से ,उस का लगाना बिलकुल महत्वहीन है .

    ReplyDelete
  16. रिश्तों की जडों को मजबूती दैती रचना । बहत सुंदर ।

    ReplyDelete
  17. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
    चाहे पौधा हो या रिश्ता...... ".
    बहुत सराहनीय प्रस्तुति.
    बहुत सुंदर बात कही है इन पंक्तियों में.

    ReplyDelete
  18. बिना वजह खुश.....
    पूरी पोस्ट के सबसे खूबसूरत शब्द |

    सादर
    -आकाश

    ReplyDelete
  19. जड़ें मजबूत हों और प्रेम से सींचा जाये.... तो कभी मरता नहीं.......
    चाहे पौधा हो या रिश्ता..... bahut gehri baat kahi hai anu di

    ReplyDelete

नए पुराने मौसम

मौसम अपने संक्रमण काल में है|धीरे धीरे बादलों में पानी जमा हो रहा है पर बरसने को तैयार नहीं...शायद उनकी आसमान से यारी छूट नहीं रही ! मोह...