इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Friday, April 27, 2012

एक गुलाबी/एक बेरंगा

मेरी डायरी का कोई पन्ना धूसर है कोई सफ़ेद....कोई गुलाबी ,कोई इन्द्रधनुषी.....कोई फटा तो कोई सीला....कोई खारा तो खुशबू लिए.....क्यूंकि ये जीवन जो कभी एक सा नहीं रहता......कभी खुशी,कभी गम; कहीं धूप, कहीं छांव;कहीं आँसूं कहीं हंसी;कभी उम्मीद कभी उदासी ;कभी मिलन कभी जुदाई.......


जैसा दिन वैसी कविता........आज पढ़िए एक गुलाबी और एक बेरंगी!!!!



वो आया
धड़कने बढ़ गयीं....
मन हिरन की तरह कुलांचें मारने लगा,
मानों कोई कीमती सौगात मिली हो....
हाथों में उसका हाथ...
साँसों से मिलती उसकी साँसें....
मुस्कुराते लब...
हर रात मानों
हो पूरे चाँद  की रात....





उसके जाते ही-
थम गयी धड़कनें
रीता हो गया मन...
जैसे कुछ बाकी न रहा...
खाली मुट्ठी,

गहरी साँसे,
सिसकियां .....
देखो ना !!

वो चाँद मुझे अमावास दे गया....


-अनु 

46 comments:

  1. उसका आना तो मानो पूर्णिमा और जाना अमावस .... बहुत सुंदर रचना ....

    कुछ ऐसा हो तो ---

    उसके जाने के बाद भी
    मेरी आँखों में
    चाँद ठहरा रहा
    अमावस में भी चाँदनी
    बिखरी हुई थी ।

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  2. ओह..पर अमावस के बाद फिर से चाँद निकलता है...
    सुन्दर कविता.

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  3. उसी से ही रौशन ये जहाँ मेरा ....
    उसी के ही खिलने से होता सवेरा ....
    उसी से है चाँद ...उसी से ही सूरज ...
    उसी से ही मन कि भावनाओं का समुंदर ....!!
    बस उसकी कृपा बनी रहे .....!!
    बहुत शुभकामनायें ....!!

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  4. इसीलिए शायद प्रकृति ने हमें अमावस और पूनम दोनों alternatively दिए हैं... मिलन और विरह खट्टे-मीठे एहसासों जैसे आते-जाते रहते हैं..
    बहरहाल, दोनों रचनाएँ खूबसोरत और एक-दुसरे को कॉम्प्लीमेंट करती हुई... :)
    सादर
    मधुरेश

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  5. बहुत अच्छी तरह प्रकट किया है

    विरह और मिलन को ।

    आभार ।

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  6. डायरी के पन्ने जीवन को जब्त कर लेते हैं .... फडफडाते पन्नों से कभी मुस्कान , कभी आंसू .... निकलते हैं . और प्यार तो प्यार है

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  7. सुन्दर कविता....
    "मिलना" और "बिछड़ना " जीवन के दो रंग है ...

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  8. You never cease to amaze me, Anu!! What a contrast in these two poems!! and the pics alongside are so complimentary...

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  9. You never cease to amaze me, Anu!! What a contrast in these two poems!! and the pics alongside are so complimentary...

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  10. waah anu ji..milam aur virah dono rupon ko achhe se dhaala hai..

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  11. बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ... आना और जाना ...

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  12. मिलन और विरह की सुन्दर अभिव्यक्ति एक साथ !
    बेहतरीन प्रयास .

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  13. उसका आना तो मानो पूर्णिमा और जाना अमावस .... बहुत सुंदर रचना .... अनु

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  14. संयोग और वियोग का बहुत ही प्रभावी वर्णन .....
    सुन्दर रचना....

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  15. खाली मुट्ठी,
    गहरी साँसे,
    सिसकियां .....
    देखो ना !!
    वो चाँद मुझे अमावास दे गया....
    karawaan yun hi chalata hai .
    raagini yun hi banati hai.......

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  16. अमावस न हो तो पूनो के चाँद का क्या महत्व अनु जी ?

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  17. संयोग -वियोग की सुँदर युगलबंदी . आभार

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  18. कल 29/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    हलचल - एक निवेदन +आज के लिंक्स

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  19. कल 29/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    हलचल - एक निवेदन +आज के लिंक्स

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  20. That's a very beautiful poem Anu. Have a great weekend.

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  21. विरह और मिलन दोनों ही जीवन के महत्वपूर्ण रंग हैं... सुन्दर अभिव्यक्ति...

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  22. अमावस के बाद फिर से पूनम को आना ही है।

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  23. विरह और मिलन का अच्छा समायोजन बधाई आज की रचना के लिए |
    आशा

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  24. "देखो ना !!
    वो चाँद मुझे अमावास दे गया...."
    वाह अनु जी ! अति सुंदर !

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  25. अमावस की रात सर्वदा नहीं रहती

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  26. "वो चाँद मुझे अमावास दे गया..."
    बहुत सूंदर ! अमावस और पूनम का चक्र तो चलता ही रहता है...:) यही जीवन है खुशी और ग़म!

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  27. @ वो चाँद मुझे अमावास दे गया

    वाह, इस प्रतीक ने कविता को गहन अर्थ प्रदान किया है।

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  28. बहुत खूब ...पूनम और अमावस दोनों जीवन में हमेशा नहीं रहते ...चक्र चलता है जीवन का

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  29. क्या ऐसा नहीं हो सकता की हर उस पल को हम किसी safety locker में रख दें और फिर जब चाहें उन्हें निकालकर ..उन्हें जीकर पुन: रख दें आगे के लिए ..फिर तो पूनम ही पूनम होगी है ना

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  30. बहुत सुन्दर... मिलन और जुदाई दोनों का अपना अलग ही रंग होता है

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  31. अनु जी मेल मिलन होता ही ऐसा है दिल की धडकन शांत ...दो दिल एक ...और विरह में उफान सूनापन अकुलाहट व्याकुलता ..काश ये चाँद संग ही रहे .....कोमल रचना
    भ्रमर ५

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  32. सुख की ओट में ही दुख छुपा रहता है और आनंद शोक की ही प्रतिध्वनि होता है...इसी में जीवन की पूर्णता और सुंदरता है।

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  33. मिलन और विरह के भाव को अभिव्यक्त करने के लिए बेहतरीन शब्द चमत्कार।

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  34. विरह और मिलन के भावों की बहुत सुंदर और प्रभावी अभिव्यक्ति....

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  35. bhaut hi sundar wa dil ko chhoo lene wali post apki

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  36. piya bin jiya naa jaaye...ek premika ke manobhavo birah aaur milan par ..bahut hee shandaar chitran..bahut hee umda rachna

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  37. वाह क्या बात है ... चाँद अमावस दे गया ... क्या सचमुच चाँद दे गया या दिल की उदासी ...

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  38. वो चाँद मुझे अमावास दे गया....

    सच्ची न ,... ऐसा ही तो होता है .

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  39. beautiful contrast...jab bhi mauka mil raha hai dhire dhire aap ki rachanyen padh raha hoon.

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