कुछ नया नहीं है डायरी के इस पन्ने में.........हर इंसान की जीवन की डायरी में ये पन्ना ज़रूर होता है.........मोटे मोटे अक्षरों से लिखा........कि मुझे मौत अच्छी नहीं लगती..........
किसे अच्छी लगती है?????
मगर यहाँ मै बता रहीं हूँ वो बातें जिनकी वजह से मुझे मौत पसंद नहीं.....
मुझे मौत नापसंद है क्यूंकि मुझे उजाले पसंद है....(खिला हो इन्द्रधनुष हमेशा )
और उजालों में कम से कम साया तो साथ होता है........
मुझे मौत बुरी लगती है क्यूंकि मुझे बोलना पसंद है........मौत के सन्नाटे से नफरत है मुझे......
नफरत है मुझे मौत से क्योंकि मुझे
दौडना पसंद है..................................हरे हरे मैदानों में.
हंसना पसंद है..................................बेवजह.
रंग पसंद है..........
फरिश्तों के पास सुना सिर्फ काला सफ़ेद रंग होता है.
मुझे नहीं चाहिए मौत, क्योंकि मुझे चाहिए
रिश्तों के बंधन
नातों के बंधन
स्नेह के बंधन
साँसों के बंधन
तुम्हारी बाहों के बंधन......
और जानती हूँ मौत मुझे मुक्त कर देगी सभी बंधनों से...................
नोट- अब चाहती हूँ कोई ना कोई कहे- "अरे मरें तुम्हारे दुश्मन..."
किसे अच्छी लगती है?????
मगर यहाँ मै बता रहीं हूँ वो बातें जिनकी वजह से मुझे मौत पसंद नहीं.....
मुझे मौत नापसंद है क्यूंकि मुझे उजाले पसंद है....(खिला हो इन्द्रधनुष हमेशा )
और उजालों में कम से कम साया तो साथ होता है........
मुझे मौत बुरी लगती है क्यूंकि मुझे बोलना पसंद है........मौत के सन्नाटे से नफरत है मुझे......
नफरत है मुझे मौत से क्योंकि मुझे
दौडना पसंद है..................................हरे हरे मैदानों में.
हंसना पसंद है..................................बेवजह.
रंग पसंद है..........
फरिश्तों के पास सुना सिर्फ काला सफ़ेद रंग होता है.
मुझे नहीं चाहिए मौत, क्योंकि मुझे चाहिए
रिश्तों के बंधन
नातों के बंधन
स्नेह के बंधन
साँसों के बंधन
तुम्हारी बाहों के बंधन......
और जानती हूँ मौत मुझे मुक्त कर देगी सभी बंधनों से...................
मुझे नहीं चाहिए मौत................आज नहीं,कल नहीं...................कभी भी नहीं....................
नोट- अब चाहती हूँ कोई ना कोई कहे- "अरे मरें तुम्हारे दुश्मन..."
your poem is just an lively optimism...
ReplyDeleteजो चाहें ..वोही मिलें !
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
aapki ye jijivasha hamesha bani rahe aur aapki zindgi hamesha khushiyon sang chalti rahe yahi meri shbhkamnaye..aapka note padhklar bahut hasi aayi...aapke note mein vyakt panktiyan to nahin kah sakti par itna kahungi...aapke dushman bhi aapke dost ban jaye...:)
ReplyDeleteमिष्ठी लिखा ही इसलिए था....कोई दुश्मन है ही नहीं हमारा :-)
Deleteकोई ना कोई तो बोलेगा ही की आपके दुश्मन मरे . मै बोलता हूँ " मृत्युमा अमृतं गमय"
ReplyDeleteअरे मरें तुम्हारे दुश्मन... :)
ReplyDelete:-)
Deleteजिंदगी जिंदादिली का नाम है,मुर्दा दिल का खाक जिया करते हैं.
ReplyDeleteजिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं.
ReplyDeleteमौत
ReplyDeleteआयेगी एक दिन
उससे कहाँ भागोगे..
कौन ...
रोक पाया है उसे
वह आयेगी ...
एक दिन जरुर आयेगी..
यदि हमारी मर्जी का
हो जाता सब कुछ
हम कभी जी नही पाते...
सदा एक दूसरे को सताते..
क्यूँकि बंधनों का टूटना
बहुत दुखदायी होता है।
-परमजीत सिहँ-
A good poem.....
ReplyDeletewe like all the colors of happiness,joy ,family and relationships... but one day will come for everyone.... enjoy the colors and be ready for that.....
little complicated for me as i am a follower of "Shri madbhagwadgeeta"
but loved it as its really lively poem.....
:)
जीने के लिये इसी ज़ज्बे की ज़रूरत होती है...
ReplyDeleteबहुत संवेदनशील रचना,बहुत ही सुंदरप्रस्तुति
ReplyDeleteआप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ
,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
आपका
सवाई सिंह{आगरा }
जिन्दगी जीने के लिए है,मरने के लिए नही,....
ReplyDeleteबढ़िया रचना,बहुत सुंदर भाव प्रस्तुति,बेहतरीन पोस्ट,...
MY RECENT POST...फुहार....: दो क्षणिकाऐ,...
सबको एक दिन मरना ही है। पर मरें तो जीकर मरें।
ReplyDeleteमौत है तभी तो जीवन का हर लम्हा सुंदर है .....
ReplyDeletebadhiya lagi rachna ....
jeene ke liye saahas ki jarurat hoti hae or aap sakshat prman haen aapse mera nivedan hae ki aap meri aek purani post "maut"avashya padhen .
ReplyDeleteजिंदगी जिंदाबाद..
ReplyDeleteतुम्हारी इस सोच को अमरत्व मिले
ReplyDeleteजीवन और मौत एक सिक्के के दो पहलु हैं..जब मौत है तभी तो जीवन है...
ReplyDeleteकविता में संदेश है और वह संदेश प्रेरक है।
ReplyDeleteएक दिन सबको मरना ही है पर "अरे मरें तुम्हारे दुश्मन..."
ReplyDeleteअभी तो जी भर के जीना है
ReplyDeleteदोस्तों की संगत मे :)
आपकी हर पोस्ट को पढ़ने का अपना ही आनंद है।
सादर
जिन्दादिली रहे तो ज़िंदगी है ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteमौत किसे अच्छी लगती है, आपने सही लिखा है. but इस पर हिंदी फिल्म "मुकद्दर का सिकंदर" का यह गाना याद आता है-'....जिंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी, मौत महबूबा है जो साथ लेकर जायेगी....'
ReplyDeletejeevan hai to ji bhar ke jiyenge ----------bahut sundar
ReplyDeleteमौत हर कठिनाइयों का अंत है, जीवन है तो सुख दुःख है. मृत्यु के बाद क्या होता कौन जाने. फिर भी मौत से भाग तो सकता नहीं कोई पर जब आएगी तब देखी जायेगी. जब तक जीवित हैं जिंदादिली से जीवन जियो. मौत रुक जाना है और रुकना पसंद नहीं. बहुत अच्छी और संदेशप्रद अभिव्यक्ति. बधाई.
ReplyDeleteप्रेम और स्नेह से बड़ा कोई बंधन नहीं है...जब तक ये रहेगा...कोई क्यों मरना चाहेगा...इस बंधन को बनाये रखिये...
ReplyDeleteजीवन से भरी ...सोच ...
ReplyDeleteसुंदर रचना ...!!
ज़िंदगी की तरफ सकारात्मक दृष्टिकोण .... सुंदर भाव भरी प्रस्तुति
ReplyDeleteये जज़्बा बना रहे..बेहद खूबसूरत ख़याल.. !!
ReplyDeleteबस यही जज्बा और उम्मीद ही तो चहिये जीने के लिए...... खुबसूरत प्रस्तुती......
ReplyDeletezindadili..bahut khoob!!
ReplyDeleteसकारात्मक सोच जिंदगी की दिशा बदल देती है
ReplyDeleteसुन्दर रचना
Wah Khoob ! Bahut sundar pharmaish !
ReplyDeletei like ur positive attitude ............
ReplyDeleteअपनी क्या चाहत और उसका मायने क्या ? जिंदगी जो भी सौगात मे देती है, सब कुबूल है, खुशी-खुशी कुबूल है । मौत भी तो जिंदगी की ही एक सौगात है, तो फिर इससे क्या डरना या क्या नापसंदगी । यदि जिंदगी को खूबसूरत मानते हो तो मौत भी तो एक खूबसूरत पड़ाव ही होता है, वसर्ते अपने वक्त पर ही हो ।
ReplyDeleteजीवन में मृत्यु का होना ही दुखद लगता है, लेकिन कोई बचाव भी तो नहीं, "यद्गत्वा न निवर्तंते तद्धामम परमं ममः ...
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