बड़ा आसान है मेरे लिए यकीं कर लेना....जो कहीं है उस पर और जो नहीं है उस पर भी...मुझे यकीन है हर एहसास पर जो किसी के दिल में पलता है..यकीन है मुस्कराहट पर जो होंठों पर खेलती है...यकीन है धडकन पर जो जिंदा रखती है मुझे/तुम्हें......
जीना बड़ा आसान हो जाता है गर मन में विश्वास हो....आस्था हो.
बरगद तले बैठे बूढ़े फकीरों पर....
-जो कहते हैं कि सब ठीक होगा एक दिन.
मुझे यकीन है हर अच्छे -बुरे इंसान पर
जिसे देखा नहीं उस भगवान पर....
-जो मुझे बनने नहीं देता बुरा कभी.
मुझे यकीन है जगमगाते तारों पर
जितने हैं आस्मां में,उन सारों पर....
-कि कोई एक टूटेगा ज़रूर और मुराद पूरी होगी मेरी.
मुझे यकीन है तुम्हारे इरादों पर
अब तक किये सभी वादों पर....
-क्यूंकि उम्मीद पर ही तो दुनिया टिकी है.
मुझे यकीन है प्यार पर
खुदा के बनाए इस संसार पर
-क्यूंकि यकीन ही तो हिम्मत और अवसर देता है प्यार के...-अनु
यकीनन....
ReplyDeleteमुझे यकीन है जगमगाते तारों पर
ReplyDeleteजितने हैं आस्मां में,उन सारों पर....
-कि कोई एक टूटेगा ज़रूर और मुराद पूरी होगी मेरी.
आपकी हर मुराद ज़रूर पूरी होगी ।
सादर
शुक्रिया यशवंत :-)
Deletebilkul sahee baat hai....muraadein poori ho sabki yahee kaamna hai!
ReplyDeleteविश्वास और आस्था ही तो हिम्मत और अवसर देता है हर इच्छा और मुराद पूरी करने का ..मेरी भी शुभकामनाएं हैं तुम्हारी हर इच्छा हर मुराद जल्दी से जल्दी पूरी हो...अनु..
ReplyDeleteBohot gehri baat keh di...
ReplyDeleteMujhe bhi yakeen he...
इस यकी़न पे मुझे भी पूरा यकी़न है ... आभार
ReplyDeleteयकीन है और होना भी चाहिए...
ReplyDeleteमुझे यकीन है अंधविश्वासों पर
ReplyDeleteअपने हाथ की लकीरों पर
और सबसे ज्यादा खुद पर ....
जब मृत्यु तय है
तो मैं , लकीरें .... सब अंधविश्वास हैं
आमीन!!!
ReplyDeleteयह है बुधवार की खबर ।
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति चर्चा मंच पर ।।
आइये-
सादर ।।
रविकर जी बहुत शुक्रिया , आभार
DeleteBeautiful!
ReplyDeleteFaith is eternal!
यकीन पर यकीन रखना ही बेहतर है .... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteयह यकीन ही तो जीवन संतुलित तरीके से जीने की प्रेरणा है.बनाये रखिये इसे.
ReplyDeleteसुन्दर रचना :)
जरुर टूटेगा वो मुरादों वाला तारा और सब मुरादें पूरी होंगी क्योंकि आपको यकीन है अपने इरादों पर ... शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteआपका 'यकीन ' यूँ ही बना रहे ..
'कलमदान ' पे पधारने के लिए धन्यवाद ..
आपका 'यकीन' यूँ ही बना रहे ....
ReplyDeleteसुंदर रचना !!
यकीं ,,यक़ीनन पूरा होगा !!!
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
वाह अनुजी ...हर पंक्ति कितनी सुन्दर ......हर शब्द यकीन से भरा हुआ...बहुत सुन्दर विश्वास से भरी रचना
ReplyDeleteyakeen sach aur safal hoga .
ReplyDeleteInnocent thoughts-but essential for life.
ReplyDeleteजहाँ विश्वास ही परम्परा है , ये यकीन तो इश्वर का रूप है . मानो तो देव नहीं तो पत्थर
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने मुझे भी यकीन है ..........
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने .......मुझे भी यकीन है ......
ReplyDeleteइन्हीं यक़ीनों पर तो दुनिया टिकी है।
ReplyDeleteक्यूंकि यकीन ही तो हिम्मत और अवसर देता है प्यार के...
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा आपने
खुद पर यकीन से बेहतर कुछ भी नहीं...!
ReplyDeleteआड़ी-तिरछी हाथ में, होती बहुत लकीर।
ReplyDeleteकोई है राजा यहाँ, कोई रंक-फकीर।।
सकरत्मक्ता की पुरज़ोर वर्षा .....सुंदर रचना ...!!
ReplyDeleteशुभकामनायें...अनु ...
मुझे यकीन है हर अच्छे -बुरे इंसान पर
ReplyDeleteजिसे देखा नहीं उस भगवान पर....
जो मुझे बनने नहीं देता बुरा कभी....
सुन्दर रचना .....
आपका 'यकीन ' यूँ ही बना रहे ..
-क्यूंकि यकीन ही तो हिम्मत और अवसर देता है प्यार के...
ReplyDeleteSach hai... Bahut Sunder Vichar
जीवन ऐसा ही है कभी हार जाने को नहीं कहता है !
ReplyDeleteसुंदर रचना अनु जी,
सच है जीवन में आशा और यकीन नहीं होगा तो जिंदगी बहुत छोटी हो जायगी ... जीने की प्रेरणा नहीं रहेगी ... लाजवाब रचना ..
ReplyDeleteजिसे यक़ीन है इतना
ReplyDeleteमुराद पूरी हो उसकी..
यकीं हो खुद पे और उस खुदा पे , बस दुनिया फिर आपकी है |
ReplyDeleteउत्कृष्ट लेखन |
Very Positive !! Beautiful poem .
ReplyDeleteक्यूंकि यकीन ही तो हिम्मत और अवसर देता है प्यार के...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विचार...
सकारात्मक सोच व्यक्त करती
बेहतरीन रचना...
:-)
आपकी कई कवितायेँ पढ़ी. कई तो दिल को छू लेने वाली थी. अब नियमित पढने का बंदोबस्त भी कर लिया. आप यूँ ही सदा लिखती रहें. शुभकामना और शुक्रिया.
ReplyDeleteसकारात्मक सोच इसी को कहते हैं। मध्यमवर्गीय इसी के सहारे पूरा जीवन जीता है।
ReplyDeleteयकीं ही खुद हिम्मत दे देता है .....
ReplyDeleteसकारात्मक सोच की बहुत अच्छी कविता ......
वाह क्या बात है , अति सुन्दर
ReplyDelete(अरुन शर्मा = arunsblog.in)
..so very innocent:) beautifully expressed Anu. ..bhagwaan kare ki aapki har ek muraad poori ho! Amen!
ReplyDeleteयकीनन अनु जी ----
ReplyDeletemujhe bhi yakin hai, par bahut baar ye yakin tutta bhi hai:) behatreen!!
ReplyDeleteआपके यकीन पर मुझे भी यकीन है...साथ ही यह भी यकीन है कि देर से आने के लिए माफ़ी मिल जाएगीः)नेट की समस्या थी|
ReplyDeleteआपका सदा स्वागत है ऋता जी......
Deleteस्नेह बना रहे बस...
:-)
बहुत सुन्दर रचना.बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteमुझे यकीन है जगमगाते तारों पर
ReplyDeleteजितने हैं आस्मां में,उन सारों पर....
-कि कोई एक टूटेगा ज़रूर और मुराद पूरी होगी मेरी.
Wow!!It's AWESUM!! :)
सुंदर रचना शुभकामनायें...
ReplyDeleteअटूट आस्था और अपराजेय विश्वास की कविता है यह । आपकी समर्थ लेखनी से निकली यह रचना मुझे सचमुच बहुत अच्छी लगी। कुछ अच्छी पंक्तियों से होकर गुजरने का अवसर देने के लिए धन्यवाद! - दिनेश
ReplyDeleteअटूट आस्था और अपराजेय विश्वास की कविता है यह । आपकी समर्थ लेखनी से निकली यह रचना मुझे सचमुच बहुत अच्छी लगी। कुछ अच्छी पंक्तियों से होकर गुजरने का अवसर देने के लिए धन्यवाद! - दिनेश
ReplyDeleteयकीन और विश्वास पर ही तो दुनिया टिकी है ...बहुत खूबसूरत
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...यकीन और विश्वास पर तो दुनिया टिकी है .आभार
ReplyDeleteachha sunder sakaratmak vichaar..
ReplyDeleteयकीनन, यकीन पर दुनिया कायम है और यह यकीन कायम रहे -यह भरोसा कायम रहे ..
ReplyDeleteआशा और विश्वास से दमकती एक रचना ..पाजिटिक सोच से दुनिया बदली जा सकती है ..
maza aa gaya
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है...यकीनन अच्छा होगा...हौसला रखिये.
ReplyDeleteAnulata Raj Nair Jee, Mujhe link bhejna nahi aata. isliye Parul Gupta kee kriti post kar raha hoon. Usne isme tare ke tootne ka dard alag andaz se bayan kiya hai. ummeed hai apko pasand ayega
ReplyDeleteदुआ या बददुआ...
बड़ी दिलकश थी कल क़ि रात...
चाँद तारो ने अपने नूर से थी सजाई....
तारा कोई टिमटिमाता कोई जगमगाता आया...
चांदनी भी चाँद के साथ थी आई....
क्या गजब आसमा का समा दिख रहा था...
मखमली तारो क़ि रोशनी में...
ये मन हजारो ख्वाब बुन रहा था....
कोई झुण्ड में था आया....
कोई अकेला घूमता टहलता..
चांदनी भी थी शरमाई -शरमाई...
मानो आसमा में सबने मिलकर...
चाँद क़ि बरात हो सजाई...
आसमा का नूर सबकी रोशनी से सज रहा था....
मगर दूर एक तारा एकदम उदास और तनहा दिख रहा था....
मैंने उस तारे से पुछा...
क्या हुआ..:-( है क्यू तू इतना उदास और बेक़रार...
क्या तुझे भी है किसी का इन्तजार...
भर आई उसकी आवाज ..अश्क आँखों से बह आये....
तारा बोला....
ये इंसान इतने जालिम क्यू हैं हो जाते....
अपनी दुआ पूरी करने के लिए...
तारे के टूटने क़ि दुआ साथ में क्यू हैं कर जाते....
कल रात ऐसी ही एक दुआ मेरे लिए बददुआ बन गई...
मेरी मोहब्बत..किसी क़ि दुआ पूरी करने...
कल रात आसमा से टूट के गिर गई... :'|
छोड़ गई मुझे तनहा और अकेला..
जिंदगी मेरी टुकडो में बिखर गई....
ए दुनियावालो क्यू तुम ऐसी दुआ करते हो...
हमारे प्यार को हमसे जुदा करते हो...
मेरी मोहब्बत को मुझसे जुदा कर दिया...अब मेरी भी जान लो..
आज अपनी दुआ पूरी करने के लिए ...
मेरे टूट जाने क़ि दुआ मांग लो..
दुआ मांग लो...
----parul
यकीन मानिए , भगवान कुछ भी नहीं सिर्फ हमारा यकीन है |
ReplyDeleteकोई पत्थर की मूरत पे यकीन करता है तो कोई किसी टोटके पर |
सादर
finally sari posts padh li...yupppppp.....:-))
ReplyDeletewoww....kya likhte ho mam.....amazing.....such me kaha se itni samajh or himmat le aate ho......
n really aapki dairy ka har ek page kuch hi nahi bahut kuch kahta hai...:-))