मेरी यह रचना भास्कर भूमि में.http://bhaskarbhumi.com/epaper/index.php?d=2012-06-26&id=8&city=Rajnandgaon
जानते हो !!
मखमली घास पर
बिखरा है जो
हरसिंगार
वो फूल नहीं है,
वो तारे हैं..
जिन्हें आसमान ने
पिछली रात
घर निकाला दे डाला है.
ज़रूर झगड़े होंगे
किसी बात पर......
रात भर रोते रहे वो तारे
और उनके आंसुओं को
तुमने ओस समझ कर
रौंद डाला.......
चांदी का थाल लिए
उन फूलों को जो चुन रही है
वो कोई और नहीं..
वो चाँद है !!!
पहचानते नहीं क्या????
तारों की चिरौरी कर
उन्हें मना कर ले जाने
धरती पर उतरा है चाँद...
तारों बिना आसमान
सूना जो हो गया
चाँद अकेला जो हो गया ....
-अनु
जानते हो !!
मखमली घास पर
बिखरा है जो
हरसिंगार
वो फूल नहीं है,
वो तारे हैं..
जिन्हें आसमान ने
पिछली रात
घर निकाला दे डाला है.
ज़रूर झगड़े होंगे
किसी बात पर......
रात भर रोते रहे वो तारे
और उनके आंसुओं को
तुमने ओस समझ कर
रौंद डाला.......
चांदी का थाल लिए
उन फूलों को जो चुन रही है
वो कोई और नहीं..
वो चाँद है !!!
पहचानते नहीं क्या????
तारों की चिरौरी कर
उन्हें मना कर ले जाने
धरती पर उतरा है चाँद...
तारों बिना आसमान
सूना जो हो गया
चाँद अकेला जो हो गया ....
-अनु
तारों की चिरौरी कर
ReplyDeleteउन्हें मना कर ले जाने
धरती पर उतरा है चाँद...
बहुत सुंदर .....
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
आकाश से झरती हँसी और हरसिंगार ....
ReplyDeleteतारों की चिरौरी कर
ReplyDeleteउन्हें मना कर ले जाने
धरती पर उतरा है चाँद..
वाह ,,, बहुत सुंदर रचना,,,
RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,
तारों बिना आसमान
ReplyDeleteसूना जो हो गया
चाँद अकेला जो हो गया ....
Sahi kaha....sath rehna hi jivan h. . .
तारे होते बेदखल, सूरज आँखे मूंद |
ReplyDeleteअद्वितीय अनुकल्पना, आंसू शबनम बूंद |
आंसू शबनम बूंद, सूर्य को तपना भाये |
किन्तु वियोगी चाँद, अकेला रह न पाए |
उतर धरा पर चाँद, इकट्ठा करे संभारे |
छूकर प्रभु के चरण, गगन पुनि चमकें तारे ||
हारसिंगार के फूल और तारों का बिम्ब .... बहुत सुंदर और प्यारी रचना
ReplyDeleteवाह, हारसिंगार के फूल बिखरे सितारों जैसे , बहुत बढ़िया बिम्ब . रूठे सितारे फिर से फलक पर . . .
ReplyDeleteअनुपम भाव लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ... आभार
ReplyDeleteसुन्दर विम्ब!
ReplyDeleteझगडना ,चिचोरी,जैसे शब्द जहाँ कविता में चुलबुलाहट दाल रहे हैं वहीँ, हरसिंगार और तारों का बिम्ब गज़ब की खूबसूरती बिखेर रहा है. और तस्वीर भी क़यामत सी है.
ReplyDeleteबहुत प्यारी लगी ये कविता आपकी.
कोमल सुंदर भाव लिये ...बहुत प्यारी रचना ...!!
ReplyDeleteशुभकामनायें अनु ...
muahhhh ... kitni pyaari si rachnaa hai mere pasandida foolon ke liye
ReplyDelete:-)
Deletethanks !!
अनु ! एक बात खटक रही है...चाँद पुर्लिंग है "फूलों को जो चुन रहा है " होना चाहिए था शायद.
ReplyDeleteचाँद तो पुर्लिंग है शिखा जी मगर चाँद सी जो है वो तो स्त्री है......
Deleteजैसे चौदवीं का चाँद स्त्री के लिए प्रयुक्त हुआ न..
:-)
पता नहीं मैं आपको कनविंस कर पायी या नहीं...????
सादर.
अच्छी कल्पना है।
ReplyDeleteतारों बिन बेचारा अकेला चाँद !
ReplyDeleteखूबसूरत , कोमल अहसास .
एक ही शब्द .... 'मोहक'
ReplyDeleteVery beautiful lines-Kaash sabhi jhagarne wale aise hi mana lete.
ReplyDeleteसुंदर मनमोहक प्यारी रचना !!!
ReplyDeleteसस्नेह
बहुत सुन्दर भाव
ReplyDeleteकोमल सी रचना...
:-)
बड़ा मीठा-सा दर्द और कोमल-सा भींगा अहसास गुंथा है इस रचना में।
ReplyDeleteअति सुन्दर...वैसे स्त्रीलिंग की तुलना पुलिंग से करना जंचता नहीं है..व्याकरण की दृष्टि से..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर चित्रण
ReplyDeleteaap saath hain to chand akela kaise ho sakta hai!
ReplyDeleteसुन्दर मनमोहक रचना....
ReplyDeleteबड़ी सुन्दर कल्पना.....!!
ReplyDeleteअक्सर हमें दूसरों के आंसू दिखाई नहीं देते अनु ...
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति के लिए बधाई !
उम्दा !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना..
ReplyDeleteबड़ी सुन्दर सी कविता :) :) :)
ReplyDeleteरात भर रोते रहे वो तारे
ReplyDeleteऔर उनके आंसुओं को
तुमने ओस समझ कर
रौंद डाला,,,
bahut khoob.... aur dher saari badhayiyaan.... aapki book ke liye...
:)
अनुपम भाव लिए प्यारी सी रचना..बहुत सुन्दर ..अनु..
ReplyDeletebahut sundar ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteघर निकाला नहीं दिया था
बस चाँद ने तारों से
कुछ कुछ कह दिया था
तारों को बुरा लग गया था
एक तारा कूद पड़ा गुस्से में
आसमान से जब उस समय
बचाने को उसको तारों
का झुंड भी कूद पड़ा था
बात बहुत छोटी सी थी
चाँद ने तारों से बस यही
तो कह दिया था
कि जगे रह्ते हें वो रात भर
थोड़ा सोते क्यों नहीं हैं !
bahut bahut sundar .......:)
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