published in bhaskar bhoomi http://bhaskarbhumi.com/epaper/index.php?d=2012-06-07&id=8&city=Rajnandgaon
जग में फैले कितने झूठ
शहद में लिपटे कड़वे झूठ
सच्चे झूठ,झूठे झूठ
सच को झुठलाते मीठे झूठ
झूठ सफेद और काले झूठ
करते गडबड झाले झूठ
छोटा झूठ,बड़ा झूठ
खुद को सच कहकर अड़ा झूठ....
झूठ भरा है रिश्तों में
ये निभते जैसे किश्तों में....
झूठ पला है अपनों में
झूठ ही दिखता सपनों में...
झूठ बोलते नन्हें बच्चे
तो बड़े बड़े भी कहाँ के सच्चे??
सावन की अब बारिश झूठी
मन में पलती ख्वाहिश झूठी
झूठों का अम्बार लगा है
झूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ........
-अनु
जग में फैले कितने झूठ
शहद में लिपटे कड़वे झूठ
सच्चे झूठ,झूठे झूठ
सच को झुठलाते मीठे झूठ
झूठ सफेद और काले झूठ
करते गडबड झाले झूठ
छोटा झूठ,बड़ा झूठ
खुद को सच कहकर अड़ा झूठ....
झूठ भरा है रिश्तों में
ये निभते जैसे किश्तों में....
झूठ पला है अपनों में
झूठ ही दिखता सपनों में...
झूठ बोलते नन्हें बच्चे
तो बड़े बड़े भी कहाँ के सच्चे??
सावन की अब बारिश झूठी
मन में पलती ख्वाहिश झूठी
झूठों का अम्बार लगा है
झूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ........
-अनु
जाने सच किस कोने में बैठा है होठों पर पपड़ी लिए
ReplyDeleteझूठ की मशालें इतनी जल गयीं कि सच के फफोले डराने लगे
झूठ का विस्तृत साम्राज्य चित्रित करती कविता में सत्य के प्रति अपार आस्था देख रहे हैं हम...!
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन लिखा है आपने
ReplyDeleteकल 06/06/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' क्या क्या छूट गया ''
झूठ बोलते नन्हें बच्चे
ReplyDeleteतो बड़े बड़े भी कहाँ के सच्चे??
बड़ों ने ही तो बच्चों को सिखाया है झूठ बोलना
सच्चे के सच को... झुठलाता झूठ
ReplyDeleteसच की मैयत में गाता झूठ........!
खूबसूरत झूठ का...सच्चा झूठ ....
शुभकामनाएँ!
सत्य सिर्फ एक और झूठ अनेक...!
ReplyDeleteBahut sundar kavita. Yes it is very true - there is untruth everywhere. Lies have engulfed every strata of society.
ReplyDeleteझूठ सच में झूठ ही या ... या सच के दबाव ने उसे झूठा करार दिया ...
ReplyDeleteझूठ की माया ...
झूठ ही सच!
ReplyDeleteजग में पलता,मुटियाता झूठ
ReplyDeleteसच की मैयत में गाता झूठ........
....बहुत खूब ! इतने झूठ, इससे तो एक सत्य ही ठीक है...
सच्चों में हैं झूठाधीश ,.....बढ़िया रचना .
ReplyDeleteसच को ठगता झूठ
ReplyDeleteजग में फैले कितने झूठ
शहद में लिपटे कड़वे झूठ
सच्चे झूठ,झूठे झूठ
सच को झुठलाते मीठे झूठ
बधाई इस प्रस्तुति के लिए नै पुरानी हल चल को बधाई ..
सच को ठगता झूठ
ReplyDeleteजग में फैले कितने झूठ
शहद में लिपटे कड़वे झूठ
सच्चे झूठ,झूठे झूठ
सच को झुठलाते मीठे झूठ
बधाई इस प्रस्तुति के लिए नै पुरानी हल चल को बधाई ..
झूठ का खूबसूरत सच्चा झूठ ....
ReplyDeleteमन मोहक सुंदर अभिव्यक्ति ,,,,,
MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
झूठों का अम्बार लगा है
ReplyDeleteझूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ........
झूठ का बोलबाला और झूठ ने सच का दम घोट डाला ..... सत्य को कहती झूठ पर सच्ची रचना ....
झूठों का अम्बार लगा है
ReplyDeleteझूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ........
4 बार पढ़ने के बाद भी मन अभी भरा नहीं है।
झूठ के आयामों को बेहद खूबसूरती से शब्दों मे पिरोया है आपने।
सादर
सच लिखा है |बहुत दुखद है ...किन्तु .......कटु सत्य है ...झूठ और फरेब हावी है रिश्तों पर ....!!
ReplyDeleteसच की संख्या हमेशा कम होती है !
ReplyDeleteसुन्दर भाव अनु...भले ही झूठपर भीड़ बहुत हो पर सच अकेला भी कम नहीं है........ .सस्नेह
ReplyDeleteझूठ बोलते नन्हें बच्चे
ReplyDeleteतो बड़े बड़े भी कहाँ के सच्चे??
बच्चे भी तो बड़ों से ही सीखते है.....!
झूठ के बीच सच को रहना सीखना पड़ता है .
ReplyDeleteयह झूठ गीत का लय और ताल तो हमें भी इसके गीत गाने को विवश करता है।
ReplyDeleteइसे पढ़कर देवानंद और हेमा मालिनी जी के एक गाने की याद आ गई...
ReplyDeleteपलभर के लिए कोई तो प्यार कर ले झूठा ही सहीः)
झूठ के बोलबाले के बीच भी सत्य की सार्थकता का यकीन दिलाती एक सार्थक रचना!
ReplyDeleteएक झूठ होता है झूठमूठ का झूठ , वो बड़ा प्यारा होता है | इसे किसी अपने को सताने के लिए बोला जाता है | सताए जाने वाला जानता है कि झूठ झूठमूठ का ही है ,फिर भी अपने उनका मन रखने के लिए झूठ को सच मान लेता है |
ReplyDeletebahut hi sahi kaha aapne ----------aaj jhuth ke aage sach bauna ho gaya hai lekin jahan bhi sach hai sir utha kar hai
ReplyDeleteझूठ फिर भी झूठ है और सच सच... सुन्दर प्रस्तुति... आभार
ReplyDeleteझूठों का अम्बार लगा है
ReplyDeleteझूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ........
एक जबरदस्त सच
पर कभी-कभी सच ही सच को झुठला देता है
आज-कल के राजनीतिज्ञों के समान
सादर
Jhoot jhoot hi hota hai.. sach se wah darta hi hai..
ReplyDeletebahut badiya prastuti..
बेहतरीन सुन्दर रचना
ReplyDelete(अरुन =arunsblog.in)
झूठों का अम्बार लगा है
ReplyDeleteझूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ....
...
सच की याद दिलाता झूठ... सुंदर !
सुन्दर गीत है .गुनगुनाने को दिल करता है.
ReplyDeleteसुंदर सच्ची रचना....
ReplyDeleteसत्य जुता है जिस गाड़ी में
करे सवारी उस पर झूठ
सादर
झूठ बोलते नन्हें बच्चे
ReplyDeleteतो बड़े बड़े भी कहाँ के सच्चे??
सावन की अब बारिश झूठी
मन में पलती ख्वाहिश झूठी.. bikul sacchi abhivaykti....
झूठों का अम्बार लगा है
ReplyDeleteझूठ ने सच को खूब ठगा है
जग में पलता,मुटियाता झूठ
सच की मैयत में गाता झूठ.
झूठे का बोलबाला और सच्चे का नहीं कोई रखवाला .....
बहुत सुंदर रचना ... बधाई
सच कहा .....झूट का ही बोलवाला है
ReplyDeleteSab kuch jhut mere hishab se sabhi kabhi n kabhi jhut jarur bolte hain . Jhut ke upar likha huaa aapka ak ak shabad bolta huaa nazar aata hai ki ab to sab kuch jhuta hi hai...
ReplyDeleteअब तो झूठ और सच में अंतर करना भी मुश्किल हो गया है ,सच झूठ लगने लगता है और झूठ सच !
ReplyDeleteझूठ बोलना पाप है, पर सभी ये पाप करते. ऐसे ही दुनिया चलती है... अच्छी रचना, बधाई.
ReplyDeleteसावन की अब बारिश झूठी
ReplyDeleteमन में पलती ख्वाहिश झूठी
...wah Anu kyaa khoob likha hai!
Bahut sunder..(sach main:))
सावन की अब बारिश झूठी
ReplyDeleteमन में पलती ख्वाहिश झूठी
...wah Anu kyaa khoob likha hai!
Bahut khoob (sach mein:))
बहुत खूब...बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteआज का आगरा
सुन्दर प्रस्तुति... आभार
ReplyDeletehakikat se rubru karaati ek bahut hi khubsurat rachana.......aaj ke yug me jhuthh ka hi bolbala h aur logo ne iske sath sahaj hi jeena bhi sikh liya h.......aashcharyajanak !बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
ReplyDeleteसच कि मैय्यत में गाता झूठ.
ReplyDeleteसटीक और उम्दा पंक्ति.
विकल्प
whynotvikalp.blogspot.in