इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Saturday, June 2, 2012

लाफ्टर थेरेपी

कितना हँसती थी वो....
बात बात पर...हर बात पर....हंस पड़ती खिलखिलाकर....चूडियों की खनक सी ....जलतरंग सी....
फोन पर हैलो कहती- तो हँसती....
किसी से बात करती तो हँसती ज्यादा,बोलती कम....
मानों सब कुछ अच्छा अच्छा ही हो उसके आस-पास......
इतना हँसती कि उसकी आँखें मुंद जातीं....कोर गीले हो जाते....
हैरान था वो !!!
उसकी हँसी पर......सो पूछ बैठा एक रोज कि क्यूँ हँसती हो इतना???? ये तेरी हँसी सच्ची है या यूँ ही हँसती है झूट-मूट में????
फिर हंस पडी वो.....कहने लगी
ये "लाफ्टर थेरेपी" है...                                  जानते नहीं???
कई बीमारियों का इलाज है ये....
आंसुओं को थामे रहती है ये हँसी....
जीवन की धुंध में प्रकाश पुंज है ये हंसी....
अब तुम इसे चाहे सच्ची कहो चाहे झूठी................


होंठों  पे हँसी
आँखों में नमी
खुद को यूँ
कोई छलता है कभी ??


जो चला गया
उसका गम क्यूँ
टपका हुआ आँसू
कहीं मिलता है कभी ??


जो दिल में है
उसे कह भी दे
लरजते होंठ यूँ
कोई सिलता है कभी ??


जो तेरा न था
तेरा ना हुआ
टूटे खिलौनों पे
कोई मचलता है कभी ??


वो सच ना था
एक भरम था तेरा
ख़्वाबों की यादों में
कोई घुलता है कभी ??


जो बीत गया
उसे भूल जा
सूखा हुआ फूल
कहीं खिलता है कभी ???


-अनु 

39 comments:

  1. होंठों पे हँसी
    आँखों में नमी
    खुद को यूँ
    कोई छलता है कभी ??


    जो चला गया
    उसका गम क्यूँ
    टपका हुआ आँसू
    कहीं मिलता है कभी ??
    सभी एक से बढ़कर एक ... किसी एक की तारीफ करना दूसरे के साथ नाइंसाफी ... लाजवाब प्रस्‍तुति ... आभार ।

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  2. vaah.....kitna sundar .........hansi vo khushi hai jo anayas hi aa jati hai par dusro par hansna klesh ka karan banta hai .

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  3. वाह अनुजी ....निशब्द कर दिया आपकी रचना ने....
    आंसूओं की वजह कोई जान भी ले ...क्या कोई साथ मिलकर रोता है कभी .....!!!!!

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  4. लाफ्टर थेरेपी ..... झूठी हँसी से दिमागी शोर बढ़ता है या सन्नाटा ... मेरा नजरिया ये कहता है , पर दिल को बहलाने के लिए ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है ! रचना बहुत अच्छी है

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  5. जिन्हें हँसना नहीं आता उनके लिए ये उपाय बढ़िया है.....नकली हंसी हँसते हँसते कभी तो असली हंसी भी हँसेंगे.......!!

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  6. जो बीत गया
    उसे भूल जा
    सूखा हुआ फूल
    कहीं खिलता है कभी,,,,,,

    बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर ख्याल,,,,,,,

    RESENT POST ,,,, फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,

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  7. लाफ्टर थेरेपी का आज कल बहुत चलन हो रहा है.इस बहाने लोग हँस तो रहे है नही तो लोग हँसना ही भूल गए है ...बहुत सुन्दर..अनु..सस्नेह

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  8. कई बार जिंदगी में हम,
    होते कुछ हैं,दिखते कुछ हैं ||

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  9. जो चला गया
    उसका गम क्यूँ
    टपका हुआ आँसू
    कहीं मिलता है कभी ??
    नहीं मिलता तभी तो खलता है.
    पर लाफ्टर थेरेपी अच्छी लगी.

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  10. uff anu....
    जो बीत गया
    उसे भूल जा
    सूखा हुआ फूल
    कहीं खिलता है कभी ???
    par bhoolna aasaan hai kya

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  11. हसते - हसते कट जाये रस्ते जिंदगी यु हि चलती
    और यही सही भी है...
    बेहतरीन रचना...
    :-)

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  12. जलतरंग जैसी हँसी कानों में गूंज रही है , जाने वो कौन थी . शायद लाफ्टर थेरेपिस्ट

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  13. जो तेरा न था
    तेरा ना हुआ
    टूटे खिलौनों पे
    कोई मचलता है कभी ??

    बेहतरीन

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  14. waah .....

    bahut sunder rachna ...!!

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  15. लाफ्टर थैरेपी भी तो सबके बस की बात नहीं ..... आंसू दुबारा नहीं मिलते ..पर हर बार आँखें नम हो आती हैं .... भूलने की कोशिश में और भी शिद्दत से याद आ जाती है .... बहुत खूबसूरत नज़्म

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  16. जो तेरा न था
    तेरा ना हुआ
    टूटे खिलौनों पे
    कोई मचलता है कभी ?बहुत प्रेरक और सुंदर अभिव्यक्ति..

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  17. tapka hua aansoo..kahin milta hai kabhi...bahut achhi thought..:)

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  18. जो बीत गया , उसे भूल जा ! सूखे फूलों से कभी खुशबू आती है !
    यकीनन !

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  19. जबरदस्त ....भाव |
    सच बात है ,हँसी बांध सा बना देती है आँखों में और आंसुओं का सैलाब वही रुक जाता है |

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  20. एक हँसी हज़ार घमों को छुपा लेती है .
    बहुत सुन्दर रचना अनु जी .

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  21. जो चला गया
    उसका गम क्यूँ
    टपका हुआ आँसू
    कहीं मिलता है कभी ??...

    यूं तो दोनों ही नहीं मिलते पर ... फिर भी होते हैं ... आस पास ही ...

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  22. दुख को विस्मृत करने के लिए नाटकीय ढंग से और कृत्रिमतापूर्वक हंसना ही शायद लाफटर थेरेपी है।

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  23. हाईकू शैली में लिखी इस कविता को किस श्रेणी में रखा जाना चाहिए अनु जी? पर जो लिखा गया है लाजवाब है. यानि दिल से सीधा कनेक्सन. आभार.

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    1. कोई शैली नहीं सर....कोई नियम कानून नहीं ....
      जो दिल में आया लिखा.....आपने कविता कहा सो आपका आभार :-)

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  24. हँसना जरूरी है...झूठा ही सही...ज़िन्दगी आसान हो जाती है.

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  25. लोग कहते हैं समय सबसे बड़ा मरहम है जो सब घावों को भर देता है, पर हंसी तो कोई घाव होने नहीं देती।

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  26. किसी ने मुझे सलाह ठोंका
    40 की हो चली हो...
    ठहाका मार कर हँसा करो
    चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ेगी
    आप सुधीजनों की अदालत में...
    क्या ये ठुकी सलाह सही है????

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  27. हँसी विभिन्न रोगों की अचूक औषधि भी है!....बढ़िया प्रस्तुति..

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  28. कविता में दुखवाद की एक अनंत छाया..सच मानिये जिंदगी इस झूठी और कृत्रिम हंसी से कहीं आगे है. झूठी चीजों से खुद को बहलाना खुद के साथ एक धोखा ही है.

    वैसे कविता के तौर पर आपकी एक और उत्तम रचना..:) यही तो मुझे यहाँ खिंच लाती है...हेहे

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  29. लाफ्टर थेरेपी ....
    गम में भी मुस्कुराना, हर किसी के लिए संभव नहीं ...
    और जो ये कर सकते हैं समझिये उसने जीना सीख लिया ...
    अपनी इस कविता की तरह आप भी मुस्कुराते रहें ....
    सुंदर रचना ... साभार !!

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  30. लोग तो आजकल हँसना ही भूल ही गए हैं...लाजवाब है लाफ्टर थेरेपी..

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  31. ...pataa nahin kyon likhi aapne ye kavita...jitni baar parhtaa hoon gahri udaasi mein doob jaata hoon...

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  32. श्मशान तक चलते है सभी
    साथ मे कोई जलता है कभी |

    जो तेरा न था
    तेरा ना हुआ
    टूटे खिलौनों पे
    कोई मचलता है कभी ??---चार लाइन मे पूरी जिंदगी का सार समेट दिया अनु जी आपने

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  33. जो तेरा न था
    तेरा ना हुआ
    टूटे खिलौनों पे
    कोई मचलता है कभी ?-----

    अनुजी मात्र चार लाइनों मे जिंदगी का सार ही बता दिया आपने तो --क्या बात है

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