"मेरे गीतों में"
मेरे ह्रदय की भावनाएं हैं,
पूरी और अधूरी कामनाएं हैं...
पूरी और अधूरी कामनाएं हैं...
बच्चों सी हँसी ठिठोली है
कुछ खट्टी मीठी बोली है...
रांझे-हीर सा प्यार है
मेरे मन का हरसिंगार है...
कविता का सम्मान है
मेरा धर्म और ईमान है...
पंछियों की चहचहाहट है
तेरे आने की हल्की आहट है...
आँखों में कटती रात है
कभी खत्म ना हो वो बात है...
कभी टूटा कोई सपना है
जैसे रूठा कोई अपना है...
अतीत का हर एक किस्सा है
जीवन का अटूट हिस्सा है...
बस एक ज़रा सी फ़िक्र है
कि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
-अनु
मेरे गीतों में....
-अनु
बस एक ज़रा सी फ़िक्र है
ReplyDeleteकि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
bahut khubsoorat!
saath bana rahe- Lori
सब कुछ तो है गीतों में ..:-)
ReplyDeleteबस एक ज़रा सी फ़िक्र है
ReplyDeleteकि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
वाह ... बहुत खूब लिखा है ... आभार ।
आँखों में कटती रात है
ReplyDeleteकभी खत्म ना हो वो बात है...
चलता रहे यही सिलसिला ....
सुनते रहें आपके मनभावन गीत ...
बहूत हि सुंदर गीत है..
ReplyDeleteलाजवाब:-)
बहुत प्यारी रचना अनु जी
ReplyDeleteबहुत सारे भाव संजोए हैं
बच्चों की ठिठोली...
हरसिंगार की महक...
एक दूसरे के लिए फ़िक्र...
सुंदर रचना !!
सस्नेह
जब चारों और प्रेम ही प्रेम हो तो उनका जिक्र तो हर रचना शब्द में होना ही है ...
ReplyDeleteलाजवाब रचना ...
बजती रहे ये सरगम.....
ReplyDeleteबेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
गीतों में आपके जीवन के सारे रंग दिखते है . मनभावन गीत है जी , हम तो रसास्वादन करते हुए नहीं अघाते .
ReplyDeleteअतीत का हर एक किस्सा है
ReplyDeleteजीवन का अटूट हिस्सा है...
बस एक ज़रा सी फ़िक्र है
कि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
बेहतरीन अभिव्यक्ति की सुंदर रचना,,,,, ,
MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,
लाजवाब बेहद खुबसूरत !!!!
ReplyDelete...wonderful, Anu! May you write thousands like this...God bless you!
ReplyDeleteमेरे ह्रदय की भावनाएं हैं,
ReplyDeleteपूरी और अधूरी कामनाएं हैं...
बच्चों सी हँसी ठिठोली है
कुछ खट्टी मीठी बोली है...
गहन भाव लिये गीत ..
कविता में मन का आकाश समाया है । सुन्दर कविता ।
ReplyDeleteबस एक ज़रा सी फ़िक्र है
ReplyDeleteकि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
दिनभर काम के थकान के बाद अभी आपके ब्लॉग तक आया तो मन खुश हुआ पढ़कर.
ReplyDeleteबस एक ज़रा सी फ़िक्र है
ReplyDeleteकि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....सुन्दर है
bahut badiya...
ReplyDeletebahut badiyaa...
ReplyDeleteपंछियों की चहचहाहट है
ReplyDeleteतेरे आने की हल्की आहट है...
इंतज़ार हो तो ऐसा ही लगता है
आँखों में कटती रात है
ReplyDeleteकभी खत्म ना हो वो बात ...sahi bat.....yhi to sukh hai milan ki rat ka...aur dil ki bat ka....
Brilliant and beautifully rhyming stanzas !
ReplyDeleteकविता का सम्मान है
ReplyDeleteमेरा धर्म और ईमान है…
beautiful! :-)
यही ज़िक्र तो जीने का आधार है
ReplyDeleteबहुत सुरीला गीत था..साभार.
ReplyDeleteकोमल भावनाओं का गीत. सुंदर रचना.
ReplyDeleteबस एक ज़रा सी फ़िक्र है
ReplyDeleteकि तुम और तुम्हारा ज़िक्र है
मेरे गीतों में....
bahut khub anu :)
जब हो ही गया जिक्र है ,
ReplyDeleteतो अब काहे की फिर है
शुभकामनाये आप के गीत को .....:-)
कल 13/06/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' छोटे बच्चों की बड़ी दुनिया ''
शुक्रिया सदा..............
Deleteगीत को गीत बनाने वाले सारे तत्व मौजूद हैं आपके गीतों में...
ReplyDeleteपूरी एक दुनिया है आपके गीतों में.
ReplyDeleteअति सुन्दर.
विकल्प
whynotvikalp.blogspot.in
बहुत कोमल अहसास हैं रचना में .
ReplyDeleteअति सुन्दर .
बहुत ही अच्छी रचना मन के भावों की
ReplyDeleteपंछियों की चहचहाहट है
ReplyDeleteतेरे आने की हल्की आहट है...
वाह क्या बात है..बड़ी प्यारी सी कविता है..
फ़िक्र है कि होगा तेरा ज़िक्र जब जब ,
ReplyDeleteनाम लबों पे दुनिया की होगा मेरा तब तब |
वाह बहुत खूब
ReplyDeleteपहली बार आपके ब्लाग पर आने का मौका मिला..अच्छा लगा
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
आप की कविताए कमाल की और दिल को छुने वाली होती है
ReplyDeleteहिन्दी दुनिया ब्लॉग (नया ब्लॉग)
बहुत सुंदर रचना....
ReplyDeleteगीत में समेटा मन का सारा संसार है
ReplyDeleteज़िक्र उनका न हो तो सब बेकार है :):)
बहुत सुंदर
वाह! वाह! बहुत सुंदर है आपका गीत....
ReplyDeleteसादर बधाई।
लाजवाब गीत है आपका ..
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