इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Wednesday, May 23, 2012

दिल के बहलाने को ये ख़याल अच्छा है.....

हर उम्र की अपनी खुशी होती है, या कहिये हर खुशी की एक उम्र होती है ........एक ही बात आपको तमाम उम्र खुशी नहीं दे सकती......जैसे छोटा बच्चा माँ के आँचल में सारा जहां पाता है.....थोड़े बड़े हुए तो खिलौनों में सारी दुनिया सिमट जाती हैं..........
एक उम्र आती है जब तारे ताकना,सुबह सुबह ओस की बूँदें चुनना,चाँद की कलाएं आँखों में उतारना, ऐसे ना जाने कितने बेतुके से काम जाने कौन सी खुशियाँ देते हैं.........
ऐसी  ही उम्र में मुझे भाता था समंदर किनारे सीपियाँ  चुनना.......
सुबह सुबह मंद हवाओं के साथ सुर मिलाते
या शाम के हल्के धुंधलके में चांदनी के सहारे, घंटों सुनहरी रेत खंगाला करती........
साथ और भी कई होते थे सीपियाँ चुनने वाले.........
हम सब अपनी अपनी सीपियाँ इकट्ठी करते और गिनते...मानों गिन रहे हो खजाना कोई......
आतुरता से सब अपनी सीपियाँ खोलते कि कहीं कोई मोती निकल आये......
मगर मैं अपनी सीपियाँ बंद रहने देती.........और बस मान लेती कि  इसमें मोती है...........इस तरह जब सभी खाली सीपियाँ लिए दुखी हो रहे होते मैं अपनी सीपी को मुट्ठी में दबाये या कहिये  खुशियाँ  मुट्ठी में दबाये चल पड़ती .........
आज तक मैंने वो सीपियाँ खोली नहीं .........आज तक मुझे कभी निराशा  नहीं हुई .......


कितना आसान था खुश हो जाना..........कभी कभी किसी बात का खुलासा न होना ही अच्छा.........
ग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है...........बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है.....
आप भी कभी किसी सीपी में मोती होने का भ्रम पाल कर तो देखें.........
बड़ा धनवान महसूस करेंगे खुद को........


" मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त  नहीं
 गर तू नहीं  तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....


तेरी सच्चाई तोड़  देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
मेरे खुश रहने को  मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही .....

-अनु






51 comments:

  1. मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
    गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
    वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ... बेहतरीन प्रस्‍तुति ... आभार

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  2. सीपी के मोती की प्रेम से उपमा..बहुत सुंदर..अगर आपकी सीपी में मोती निकला हो तो सम्हाल के रखियेगा.. :)
    आभार !!

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  3. सबसे ज़रूरी है खुश रहना ....और ख़ुशी मिलने की आशा भी उतनी ही ख़ुशी देती हियो बल्कि उससे भी ज्यादा लम्बे समय तक .... बहुत बढ़िया

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  4. भ्रम बना रहे तब अच्छा है .......शुभकामनायें आपको !

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  5. बहुत ही बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग

    विचार बोध
    पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  6. तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
    मेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही

    बहुत ही सुंदर रचना ,........

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  7. कितना आसान था खुश हो जाना..कभी कभी किसी बात का खुलासा न होना ही अच्छा.
    ग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है..बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है...
    ये पंक्तिया तो सच में कमाल की है...और एकदम सही भी....
    इस रचना के तो क्या कहने...
    दिल को छू लेनेवाले भाव है..
    गजब की रचना....:-)

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  8. कड़वा सच...कडवाहट भरेगा
    मीठा भ्रम....मिठास भरेगा
    बढ़िया है!

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  9. मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
    गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....

    very nice.......

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  10. सच ही कहा है ..कुछ भ्रम बने रहें तो ही अच्छा है.

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  11. सच में कई बार गलतफहमियां सुकूनदा होती है . सच्चाई की कडवाहट से कोसों दूर . वैसे भी आप सीप चुनेगी तो मोती वाले ही होगे .सुँदर

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  12. सच , दिल बहलाने के लिए कई ख्याल अच्छे होते हैं .

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  13. जो सच दुखी कर जाए उससे अच्छा है खुश रहना...भ्रम में ही सही.

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  14. ख्याले गुमा अच्छा है जिन्दगी बिताने के लिए.....

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  15. भ्रम में ही सही जरुरी है खुश रहना... सुन्दर प्रस्तुति... शुभकामनाएं ...

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  16. जितना कुरेदो , दुर्गन्ध उतनी प्रबल ... आँख पर पर्दा रहे - ज़रूरी है

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  17. ..कभी-कभी जब भरम टूटता है तो आत्मिक-कष्ट होता है !

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  18. आप भी कभी किसी सीपी में मोती होने का भ्रम पाल कर तो देखें.........
    बड़ा धनवान महसूस करेंगे खुद को........


    शायद सबने पाल ही रखे हैं
    सुन्दर अभिव्यक्ति

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  19. समंदर में सीपी,
    सीपी में मोती,
    मोती में जीवन,
    भविष्य कि ज्योति...
    मूंदकर आँखे,
    अनोखा विश्वास,
    चेहरे पर मुस्कान
    अद्भुत अभिव्यक्ति....

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  20. बहुत ही कोमल भावों को समेटे हुये है ये रचना...बहुत सुन्दर
    आभार
    कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें अगर रहस्य ही रहने दिया जाये तो बेहतर है....
    चंद पंक्तियाँ मेरी तरफ से...

    ये धागा है भरोसे का, सबूतों की ज़रूरत क्या
    तेरे हर लफ्ज़ को सच्ची कहानी मान बैठें हैं
    असर दीवानग़ी का है,जो मृग बनकर मरुस्थल में
    थिरकती धूप को बहती रवानी मान बैठे हैं
    नही खुफियागिरी हमको सिखा, ऐसे ही अच्छे हैं
    जो पत्थर को मोहब्बत की निशानी मान बैठे हैं
    अभी परदा उठाकर, ज़ख्म खायें ,क्या ज़रूरत? जब
    तेरी लफ़्फ़ाजियों को वेदवाणी मान बैठे हैं

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  21. " मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
    गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....

    आपने तो सत्य के ऊपर पड़ा पर्दा ही उठा दिया । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  22. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 24 -05-2012 को यहाँ भी है

    .... आज की नयी पुरानी हलचल में .... शीर्षक और चित्र .

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  23. " मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
    गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....


    तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
    मेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही ....
    वाह....बहुत हीं खूब....

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  24. बहुत सुन्दर लिखा है अनुजी ....उसका सार-सन्दर्भ ही इतना सुन्दर था ..कविता की क्या कहूं...एक ही बार में पूरी की पूरी दिल में उतर गयी...

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  25. और हाँ यह तस्वीर क्या आप ही की है ....

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  26. Sometimes Ignorance is truly a bliss... Beautifully expressed Anu ji.

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  27. हलचल से सीधे यहाँ :)
    बहुत खुबसूरत अंदाज कहने का बधाई !

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  28. बहुत ही सुंदर रचना ...बधाई

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  29. ग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है...........बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है....

    बहुत सुंदर और गहन भाव .... वैसे सब ही कुछ न कुछ तो भ्रम पाले ही रहते हैं ...खूबसूरत खयाल ....

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  30. मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
    गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....

    इस तसल्ली से ही जीवन कट जाता है आसानी से ... गहरी बातों कों लिखा है ..

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  31. आज तक मैंने वो सीपियाँ खोली नहीं .........आज तक मुझे कभी निराशा नहीं हुई .......

    .....बहुत गहन चिंतन...बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...

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  32. भ्रम बने रहने से ....जिन्दगी लंबी हो. जाती है.....चाहे खुशी ??
    शुभकामनाएँ!

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  33. आपकी तस्वीर देख कर दिल खुश हो गया ....!!
    रचना पढकर और ज्यादा ....
    खुश कर दिया आपने आज ....!!
    शुभकामनायें अनु जी ..

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  34. अनु जी ...आप की ये प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी मन खुश हो गया मोती देख ही ...सुन्दर ...क्या लिखूं ?
    सुन्दर सन्देश है खुश रहने की कला ....संतुष्टि बहुत जरुरी है
    भ्रमर ५

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  35. bahut bahut hi behatreen aursudrta v sarlta ke sath khush rane ka sandesh deti hui rachna man ko chhoo gai---
    poonam

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  36. समन्दर करीब से देखने का अनुभव बस दो बार ही हुआ है लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों समंदर किनारे सीपियाँ चुनना मुझे हमेशा से फैसीनेट करता रहा है!!

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  37. अंतिम में शायरी कमाल की है!!

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  38. there r so many beautiful comments ,nothing left 4 me to express except i like it very much .ur work is as always simple n touching

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  39. Hi, kya likhti hai aap awesome सुन्दर अभिव्यक्ति अनु ji

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  40. Hi bahut achha likhti hai aap . अनु ji

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