हर उम्र की अपनी खुशी होती है, या कहिये हर खुशी की एक उम्र होती है ........एक ही बात आपको तमाम उम्र खुशी नहीं दे सकती......जैसे छोटा बच्चा माँ के आँचल में सारा जहां पाता है.....थोड़े बड़े हुए तो खिलौनों में सारी दुनिया सिमट जाती हैं..........
एक उम्र आती है जब तारे ताकना,सुबह सुबह ओस की बूँदें चुनना,चाँद की कलाएं आँखों में उतारना, ऐसे ना जाने कितने बेतुके से काम जाने कौन सी खुशियाँ देते हैं.........
ऐसी ही उम्र में मुझे भाता था समंदर किनारे सीपियाँ चुनना.......
सुबह सुबह मंद हवाओं के साथ सुर मिलाते
या शाम के हल्के धुंधलके में चांदनी के सहारे, घंटों सुनहरी रेत खंगाला करती........
साथ और भी कई होते थे सीपियाँ चुनने वाले.........
हम सब अपनी अपनी सीपियाँ इकट्ठी करते और गिनते...मानों गिन रहे हो खजाना कोई......
आतुरता से सब अपनी सीपियाँ खोलते कि कहीं कोई मोती निकल आये......
मगर मैं अपनी सीपियाँ बंद रहने देती.........और बस मान लेती कि इसमें मोती है...........इस तरह जब सभी खाली सीपियाँ लिए दुखी हो रहे होते मैं अपनी सीपी को मुट्ठी में दबाये या कहिये खुशियाँ मुट्ठी में दबाये चल पड़ती .........
आज तक मैंने वो सीपियाँ खोली नहीं .........आज तक मुझे कभी निराशा नहीं हुई .......
कितना आसान था खुश हो जाना..........कभी कभी किसी बात का खुलासा न होना ही अच्छा.........
ग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है...........बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है.....
आप भी कभी किसी सीपी में मोती होने का भ्रम पाल कर तो देखें.........
बड़ा धनवान महसूस करेंगे खुद को........
" मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
मेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही .....
-अनु
एक उम्र आती है जब तारे ताकना,सुबह सुबह ओस की बूँदें चुनना,चाँद की कलाएं आँखों में उतारना, ऐसे ना जाने कितने बेतुके से काम जाने कौन सी खुशियाँ देते हैं.........
ऐसी ही उम्र में मुझे भाता था समंदर किनारे सीपियाँ चुनना.......
सुबह सुबह मंद हवाओं के साथ सुर मिलाते
या शाम के हल्के धुंधलके में चांदनी के सहारे, घंटों सुनहरी रेत खंगाला करती........
साथ और भी कई होते थे सीपियाँ चुनने वाले.........
हम सब अपनी अपनी सीपियाँ इकट्ठी करते और गिनते...मानों गिन रहे हो खजाना कोई......
आतुरता से सब अपनी सीपियाँ खोलते कि कहीं कोई मोती निकल आये......
मगर मैं अपनी सीपियाँ बंद रहने देती.........और बस मान लेती कि इसमें मोती है...........इस तरह जब सभी खाली सीपियाँ लिए दुखी हो रहे होते मैं अपनी सीपी को मुट्ठी में दबाये या कहिये खुशियाँ मुट्ठी में दबाये चल पड़ती .........
आज तक मैंने वो सीपियाँ खोली नहीं .........आज तक मुझे कभी निराशा नहीं हुई .......
कितना आसान था खुश हो जाना..........कभी कभी किसी बात का खुलासा न होना ही अच्छा.........
ग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है...........बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है.....
आप भी कभी किसी सीपी में मोती होने का भ्रम पाल कर तो देखें.........
बड़ा धनवान महसूस करेंगे खुद को........
" मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
गर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
मेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही .....
-अनु
nice
ReplyDeleteमत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
ReplyDeleteगर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ... बेहतरीन प्रस्तुति ... आभार
सीपी के मोती की प्रेम से उपमा..बहुत सुंदर..अगर आपकी सीपी में मोती निकला हो तो सम्हाल के रखियेगा.. :)
ReplyDeleteआभार !!
सबसे ज़रूरी है खुश रहना ....और ख़ुशी मिलने की आशा भी उतनी ही ख़ुशी देती हियो बल्कि उससे भी ज्यादा लम्बे समय तक .... बहुत बढ़िया
ReplyDeleteभ्रम बना रहे तब अच्छा है .......शुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteSundar Kavita Anu Ji !
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना....
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग
विचार बोध पर आपका हार्दिक स्वागत है।
तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
ReplyDeleteमेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही
बहुत ही सुंदर रचना ,........
कितना आसान था खुश हो जाना..कभी कभी किसी बात का खुलासा न होना ही अच्छा.
ReplyDeleteग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है..बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है...
ये पंक्तिया तो सच में कमाल की है...और एकदम सही भी....
इस रचना के तो क्या कहने...
दिल को छू लेनेवाले भाव है..
गजब की रचना....:-)
कड़वा सच...कडवाहट भरेगा
ReplyDeleteमीठा भ्रम....मिठास भरेगा
बढ़िया है!
hey pinki....
Delete:-) thanks
मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
ReplyDeleteगर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
very nice.......
सच ही कहा है ..कुछ भ्रम बने रहें तो ही अच्छा है.
ReplyDeletesach kahati hai sikha ji aap !
Deleteसच में कई बार गलतफहमियां सुकूनदा होती है . सच्चाई की कडवाहट से कोसों दूर . वैसे भी आप सीप चुनेगी तो मोती वाले ही होगे .सुँदर
ReplyDelete:-)
Deleteशुक्रिया....
सच , दिल बहलाने के लिए कई ख्याल अच्छे होते हैं .
ReplyDeleteजो सच दुखी कर जाए उससे अच्छा है खुश रहना...भ्रम में ही सही.
ReplyDeletenice!!
ReplyDeleteख्याले गुमा अच्छा है जिन्दगी बिताने के लिए.....
ReplyDeleteभ्रम में ही सही जरुरी है खुश रहना... सुन्दर प्रस्तुति... शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteजितना कुरेदो , दुर्गन्ध उतनी प्रबल ... आँख पर पर्दा रहे - ज़रूरी है
ReplyDelete..कभी-कभी जब भरम टूटता है तो आत्मिक-कष्ट होता है !
ReplyDeleteआप भी कभी किसी सीपी में मोती होने का भ्रम पाल कर तो देखें.........
ReplyDeleteबड़ा धनवान महसूस करेंगे खुद को........
शायद सबने पाल ही रखे हैं
सुन्दर अभिव्यक्ति
समंदर में सीपी,
ReplyDeleteसीपी में मोती,
मोती में जीवन,
भविष्य कि ज्योति...
मूंदकर आँखे,
अनोखा विश्वास,
चेहरे पर मुस्कान
अद्भुत अभिव्यक्ति....
बहुत ही कोमल भावों को समेटे हुये है ये रचना...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteआभार
कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें अगर रहस्य ही रहने दिया जाये तो बेहतर है....
चंद पंक्तियाँ मेरी तरफ से...
ये धागा है भरोसे का, सबूतों की ज़रूरत क्या
तेरे हर लफ्ज़ को सच्ची कहानी मान बैठें हैं
असर दीवानग़ी का है,जो मृग बनकर मरुस्थल में
थिरकती धूप को बहती रवानी मान बैठे हैं
नही खुफियागिरी हमको सिखा, ऐसे ही अच्छे हैं
जो पत्थर को मोहब्बत की निशानी मान बैठे हैं
अभी परदा उठाकर, ज़ख्म खायें ,क्या ज़रूरत? जब
तेरी लफ़्फ़ाजियों को वेदवाणी मान बैठे हैं
बहुत सुंदर
Delete" मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
ReplyDeleteगर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
आपने तो सत्य के ऊपर पड़ा पर्दा ही उठा दिया । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 24 -05-2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... शीर्षक और चित्र .
शुक्रिया दी....
Deleteबेहतरीन |have a nice day .
ReplyDelete" मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
ReplyDeleteगर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
तेरी सच्चाई तोड़ देगी मुझे भीतर तक जानती हूँ...
मेरे खुश रहने को मेरे पास तेरी ये दिल्लगी ही रही ....
वाह....बहुत हीं खूब....
बहुत सुन्दर लिखा है अनुजी ....उसका सार-सन्दर्भ ही इतना सुन्दर था ..कविता की क्या कहूं...एक ही बार में पूरी की पूरी दिल में उतर गयी...
ReplyDeleteऔर हाँ यह तस्वीर क्या आप ही की है ....
ReplyDelete?? और नहीं तो ??
Delete;-)
Sometimes Ignorance is truly a bliss... Beautifully expressed Anu ji.
ReplyDeleteहलचल से सीधे यहाँ :)
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत अंदाज कहने का बधाई !
बहुत ही सुंदर रचना ...बधाई
ReplyDeleteग़लतफहमियाँ पालने में कौन सा नुकसान है...........बल्कि अकसर बातों की सच्चाई ही हमें दुःख देती है....
ReplyDeleteबहुत सुंदर और गहन भाव .... वैसे सब ही कुछ न कुछ तो भ्रम पाले ही रहते हैं ...खूबसूरत खयाल ....
मत कहना कि तेरे दिल में अब मेरी मोहब्ब्त नहीं
ReplyDeleteगर तू नहीं तो तेरे झूठे प्यार की तसल्ली ही सही....
इस तसल्ली से ही जीवन कट जाता है आसानी से ... गहरी बातों कों लिखा है ..
आज तक मैंने वो सीपियाँ खोली नहीं .........आज तक मुझे कभी निराशा नहीं हुई .......
ReplyDelete.....बहुत गहन चिंतन...बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...
भ्रम बने रहने से ....जिन्दगी लंबी हो. जाती है.....चाहे खुशी ??
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
आपकी तस्वीर देख कर दिल खुश हो गया ....!!
ReplyDeleteरचना पढकर और ज्यादा ....
खुश कर दिया आपने आज ....!!
शुभकामनायें अनु जी ..
अनु जी ...आप की ये प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी मन खुश हो गया मोती देख ही ...सुन्दर ...क्या लिखूं ?
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश है खुश रहने की कला ....संतुष्टि बहुत जरुरी है
भ्रमर ५
bahut bahut hi behatreen aursudrta v sarlta ke sath khush rane ka sandesh deti hui rachna man ko chhoo gai---
ReplyDeletepoonam
समन्दर करीब से देखने का अनुभव बस दो बार ही हुआ है लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों समंदर किनारे सीपियाँ चुनना मुझे हमेशा से फैसीनेट करता रहा है!!
ReplyDeleteअंतिम में शायरी कमाल की है!!
ReplyDeletethere r so many beautiful comments ,nothing left 4 me to express except i like it very much .ur work is as always simple n touching
ReplyDeleteGajab likti hain aap! Fan ho gaya bas! :)
ReplyDeleteHi, kya likhti hai aap awesome सुन्दर अभिव्यक्ति अनु ji
ReplyDeleteHi bahut achha likhti hai aap . अनु ji
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