मोहब्बत भी अजीब शय है..........एक बार जो हो गयी सो हो गयी........किसी शख्स को जिंदगी से निकाला जा सकता है मगर एहसासों को नहीं.......वो तो दिल की दीवारों पर चिपक के रह जाते हैं...........खुरच के निकालेंगे तो जो दर्द होगा वो कहाँ सह पायेंगे........
कहीं खो जाना...
किसी फूल के खिलने पर
यूँ ही मुस्कुराना...
बारिश में भिगो के पलकें
अश्कों को छिपाना...
बेमौके ही तक-तक आईना
आँखों में काजल सजाना...
किसी भीनी सी आती खुशबू पर
चौंक कर पलट जाना !
तू है तो सही अब भी
मुझ में,
मेरे आस पास....
मुझ में,
मेरे आस पास....
हर सू ....
सोचती हूँ
के तुझको भुलाऊं कैसे ?
के तुझको भुलाऊं कैसे ?
बिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
-अनु
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
-अनु
भुलाऊं तुझको कैसे ?
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
बहुत सही ... अनुपम भाव संयोजित किए हैं आपने ...आभार
बिना खुद मिटे,
ReplyDeleteतेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
प्रेम के दर्द से भरे ...प्रेम रस में पेज ...सुंदर ...खूबसूरत एहसास ...
बहुत सुंदर अभिव्यक्ती ...!!
शुभकामनायें ...अनु जी ..!
हर सूं....
ReplyDeleteभुलाऊं तुझको कैसे ?
बिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे,,,,,,,
बहुत सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुत,,,,,,,,,
MY RECENT POSTफुहार....: बदनसीबी,.....
भूलने के बहाने कुछ ज्यादा ही याद आती है ... सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteमुझमें तू है तुझसे पार पाऊं कैसे...
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति.
बस गई एक बस्ती है , स्मृतियों की इसी ह्रदय में
ReplyDeleteनक्षत्र लोक फैला है , जैसे इस नील निलय में
सच है यादें भूलाए नहीं भूलती. है अनु..सुन्दर अभिव्यक्ति..
ReplyDeletebadhiya likha hai ,Anu ji...
ReplyDeleteकुछ दिनों पहले ट्वीट भी किया था:
ReplyDeleteमोहब्बत भी कमाल की चीज़ है..
जिसे ना हो, उसे इसपर विश्वास ही नहीं होता..
और जिसे हो जाए..
उसे किसी और पर विश्वास नहीं होता.. :)
बारिश में भिगो के पलकें
ReplyDeleteअश्कों को छिपाना...
बेमौके ही तक-तक,आईना
आँखों में काजल सजाना...
bahut sundar Anu ji! Shubhkaamnayen!
मोहब्बत के हावी होने पर हम बाकी दुनिया से कट जाते हैं .कई बार ऐसा होना अच्छा लगता है !
ReplyDeleteक्या बात है.....वाह!
ReplyDeleteसादर
अनु जी,
ReplyDeleteपूर्व में हुई चर्चा के अनुसार आपके ब्लॉग से कुछ लेख को अपने दैनिक समचार पत्र भास्कर भूमि में प्रकाशित किया है। अखबार का प्रतियां आप तक भेजना चाहते है। आप अपने घर की पता भेजने की कृपा करे.......
bhaskar.bhumi.rjn@gmail.com
भास्कर भूमि का ई पेपर देखें......www.bhaskarbhumi.com
बहुत बहुत शुक्रिया सर
Delete:-)
....भुलाऊं तुझको कैसे ?
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
सुन्दर अभिव्यक्ति..
सादर
बहुत ही खूबसूरत कविता |
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
ReplyDeleteतेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
वाह ! बहुत खूब ।
यादें भी जीने का सहारा होती हैं ।
बिना खुद मिटे,
ReplyDeleteतेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
बहुत खूब ... वजूद जब वजूद से रूबरू होता है तो यही होता है
कोमल भाव युक्त सुन्दर ,अति सुन्दर रचना.....
ReplyDelete:-)
शुक्रिया रविकर जी.
ReplyDeleteभुलाऊं तुझको कैसे ?
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
....बहुत खूब ! कहाँ मुक्त हो पाते हैं यादों के बंधन से....
महसूस होती कविता ...
ReplyDeleteभुलाऊं तुझको कैसे ?
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे .......aasan nahi hai bhulana.....
जो है उसे भुलाना कैसा !
ReplyDeleteतू है तो सही अब भी....
ReplyDeleteमुझ में,
मेरे आस पास....
हर सूं....
भुलाऊं तुझको कैसे ?
बिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
bahut sundar abhivayakti ke sath dil ko chhune wali rachna !
वाह ! सीधे आपके दिल से निकल कर सबके दिल तक पहुँचती हुई भावनाओं के लिए शब्द भी कम पर जाते हैं..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDelete...is se sundar nahi likha ja sakta..!
ReplyDeleteनहीं हो सकता ...जो हर सांस में वाबस्ता हो ...वह तो साँसों के साथ ही दूर पायेगा ....सांसें नहीं तो वह नहीं ......उससे पहले तो हर आह...हर हंसी में वह शरीक़ होगा
ReplyDeleteWonderfully expressed.
ReplyDeleteतेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
ReplyDeleteबहुत खूब बहुत सुन्दर
बढ़िया अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteखुद को खो कर ही दूसरे का वजूद मिटता है...दीवानगी का ये फलसफा बहुत खूब है...
ReplyDeleteबहुत खूब ... !!
ReplyDeleteमुझ में,
ReplyDeleteमेरे आस पास....
हर सूं....
भुलाऊं तुझको कैसे ?
बिना खुद मिटे,
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
Sach Kaha.....
bbaton ko jitna bhulane ki koshish karo....wo utna hi gehra asar chhod jati he....
ReplyDeleteबिना खुद मिटे,
ReplyDeleteतेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??bahut badhiya ....
jindagi ke aaspass ...... bahut sundar rachna !
ReplyDeletejindagi ke aaspass ......... bahut sundar rachna !
ReplyDeletebahut khubsurat...
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