इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Thursday, September 27, 2012

ख्वाब तुम पलो पलो

तन्हा कदम उठते नहीं
साथ तुम चलो चलो

नींद आ रही मुझे
ख्वाब तुम पलो पलो

आशिक  मेरा हसीन है
चाँद  तुम जलो जलो

वो इस कदर करीब है
बर्फ़ तुम गलो गलो

देखते  हैं सब हमें
प्रेम तुम छलो छलो

जुदा कभी न होंगे हम
वक्त तुम टलो टलो

दूरियां सिमट गयीं
हसरतों फूलो फलो

नेह  दीप जलता रहे
उम्मीद तुम मिलो मिलो

अनु 



 

50 comments:

  1. इतने हसीं ख्याल हैं,
    जीते रहो! जीते रहो!!

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  2. aisi sundar kavitayen
    tum hamesha likho likho;;

    really enjoyed your poetry;;;
    nice..

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  3. वाह..बहुत ही सुन्दर .

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  4. कविताओं, सुनो सुनो
    अनु की बगिया में खिलो खिलो
    खुशबुओं संग मिलो मिलो
    :-)
    सस्नेह

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  5. aur aisi pyari kavita
    aap likho aur hum padhte rahein.............

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  6. बहुत सुंदर अनु !
    ~प्रेम यूँ ही महकता रहे...
    गीत में सजता रहे...
    प्यारी अनु,
    तुम यूँ ही सदा खिलो खिलो...~:-)

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  7. बात यूँ ही कहती रहो
    फोन पर हेलो हेलो ,,,,,

    RECENT POST : गीत,

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  8. बहुत ही प्यारी नज़्म है। इसमें मन की हसरतें पूरी तरह गुंथी हुई हैं।

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  9. ख्वाब,प्रेम,विश्वास....मिश्रित भाव

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  10. नेह दीप जलता रहे
    उम्मीद तुम मिलो मिलो...बहुत सुन्दर...अनु..

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  11. हमसफर जो साथ है ॥
    रुको नहीं चलो चलो ॥

    ज़िंदगी में प्रीत है ॥
    मुस्कान तुम खिलो खिलो ॥

    मोम की ये रीत है ....
    जल के ही गलो गलो ...

    एक हवा के झोंखे सा ...तारो ताज़ा ...
    बहुत सुंदर ...

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  12. अद्भुत कलाम है,
    और भी खुलो खुलो ।
    तन्हाई में कभी
    ख़ुद से मिलो मिलो ।

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  13. बहुत सुन्दर,प्यारा ख्वाब
    पल -पले,,फुले-फले..
    :-) :-)

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  14. जुदा कभी न होंगे हम
    वक्त तुम टलो टलो
    हंसी खुशी टल ही जायेगा :)
    सुन्दर ...

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  15. वाह बहुत खूब !


    कुछ बहरे आज भी राज कर रहे है - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

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  16. जागती आँखों से
    ख्वाब बुनो
    चाँद से खूबसूरत
    महबूब चुनो ....

    खूबसूरत खयाल और कोमल सी रचना

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  17. नेह दीप जलता रहे
    उम्मीद तुम मिलो मिलो


    सभी पंक्तियां लाजवाब ...

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  18. लाजवाब....हर एक पंक्ति अलग अहसास लिए हुए..बेहतरीन रचना |

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  19. नेह दीप जलता रहे , उम्मीद तुम मिलो मिलो !
    जलता रहे यह दीप , फलती फूलती रहे आशाएं !

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  20. दूरियां सिमट गयीं
    हसरतों फूलो फलो
    आमीन!!

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  21. सुन्दर रचना अनु जी

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  22. बढ़िया भाव -

    सुन्दर कथ्य -



    बढ़ता नन्हा कदम है, मातु-पिता जब संग ।

    लेकिन तन्हा कदम पर, तुम बिन लगती जंग ।
    तुम बिन लगती जंग, तंग करती है दूरी ।

    जीतूँ जीवन-जंग, उपस्थिति बड़ी जरुरी ।

    थामे कृष्णा हाथ, प्यार का ज्वर चढ़ जाए ।

    छलिये चलिए साथ, कभी आ बिना बुलाये ।।

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  23. दूरियां सिमट गयीं
    हसरतों फूलो फलो
    ऐसा ही हो जहां हर हसरत फलीभूत हो ...

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  24. शब्दों का खूबसूरत तालमेल

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  25. नेह दीप जलता रहे
    उम्मीद तुम मिलो मिलो

    बड़े ख़ूबसूरत ख्याल हैं...

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  26. वाह, बहुत बढ़िया. हर पंक्ति खूबसूरत.

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  27. आपकी ख्वाहिश पूरी हो ,

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  28. झूम रहे हैं मस्ती में
    मन तुम खिलो खिलो .

    निर्मल सुन्दरता .

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  29. दूरियां सिमट गयीं
    हसरतों फूलो फलो

    नेह दीप जलता रहे
    उम्मीद तुम मिलो मिलो

    बेहतरीन ।

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  30. बहुत सुन्दर अनुजी .....कोमल प्यारे फायेसे अहसास

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  31. इतने अद्भुत लेखन पर टिप्पणी क्या करें , समझ से परे ,और केवल उत्कृष्ट लिख दूं ,वो भी कमतर लगता है | आप लिखती नहीं ,बस भावों को बह जाने देती हैं | उन्हें दिशा और ढलान के सहारे छोड़ देती हैं और रचना अपने आप बन जाती है |

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  32. इतने हसीं ख़याल हैं
    अनु ! तुम लिखो लिखो ...-:)

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  33. .

    अनुजी
    कमाल करती हैं आप भी कई बार …
    :)

    बहुत ख़ूब रचना लिखी है-
    नींद आ रही मुझे
    ख्वाब तुम पलो पलो

    आशिक मेरा हसीन है
    चाँद तुम जलो जलो

    वो इस कदर करीब है
    बर्फ़ तुम गलो गलो

    जुदा कभी न होंगे हम
    वक्त तुम टलो टलो

    दूरियां सिमट गयीं
    हसरतों फूलो फलो


    आपकी पिछली पोस्ट ने जहां उदास कर दिया था , उसकी भरपाई हो गई
    :))

    बहुत बहुत शुभकामनाएं…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  34. देखते हैं सब हमें
    प्रेम तुम छलो छलो

    जुदा कभी न होंगे हम
    वक्त तुम टलो टलो

    शानदार पंक्तियाँ

    सादर

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  35. बहुत सुंदर भाव और प्रस्तुति. कविता में एक मिठास है जिससे वह दिल को छू जाती है.

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  36. वाह, बहुत सुन्दर

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  37. शब्द कम थे ,
    मगर बात बहुत गहरी थी ,
    सोचने को शायद ,
    मेरी सोच कम पड़ गयी |

    बहुत कम शब्दों में बहुत अच्छा काव्य |

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  38. कविता के भाव, शब्द एवं मिठास इसमें आकर्षण पैदा करते हैं। मेरे नए पोस्ट पर आकर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए आपका विशेष आभार।

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  39. जब भी समय मिले, मेरे नए ब्लाग पर जरूर आएं..
    http://tvstationlive.blogspot.in/2012/09/blog-post.html?spref=fb

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  40. दूरियां सिमट गयीं
    हसरतों फूलो फलो

    नेह दीप जलता रहे
    उम्मीद तुम मिलो मिलो



    सुंदर रचना अनु जी

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  41. Dil mera haseen hai
    kalam tum likho likho:)

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