इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Friday, April 4, 2014

वो पूरे चाँद सा चेहरा

जिसे मैं छू सकती थी

हाथ बढ़ा कर कभी भी....

और महसूस कर सकती थी

अपनी उँगलियों पर

उन गालों की नरमाई,

नर्म जैसे बादल !

और वो मुस्कराहट

खनकती हंसीं......

जैसे किसी ने खोल दी हो

अपनी अशर्फियों भरी पोटली

या बिखर गयें हो किसी के हाथ से पूजा के फूल....

वो कोमल स्पर्श, आवाज़ की खनक और स्नेह की सौंधी महक का एहसास अब भी जिंदा है.....

बस बिखेर रही हूँ आज

ढेर सा हरसिंगार

तुम्हारी तस्वीर के आगे.

अनु

(दुःख कभी बीतता नहीं....दिन बीतते हैं, और दुःख शायद उनकी परतों के नीचे कहीं पलता रहता है ख़ामोशी से.....)
अंजलि दीदी के जन्मदिन पर ...उनको याद करते हुए !!
4/4/2013

28 comments:

  1. ऐसी यादें कभी मिटती नही हैं । बारिश की बूँदों से सुगबुगाते बीज की तरह जरा से बहाने पर ही अंकुरित हो उठतीं हैं । अपनी अंजली दीदी को बहुत ही भरे हृदय से याद किया है आपने अनु ।

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  2. आपकी लिखी रचना शनिवार 05 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. यादें जरा सा कुरेदने पर सहज ही प्रस्फुटित हो जाती हैं.आँखों की नमी और भरा ह्रदय कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह जाती हैं.

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  4. दर्द की थाह पाना मुश्किल है .....यह तो वह नासूर है ..जो जितना पुराना ..उतना हरा

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  5. एहसास जिन्दा रहते हैं हमेशा , और उनमे शामिल पल ,व्यक्ति सब कुछ !

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  6. samay aage badhta hai par ahsas hmesha jiwant rahta hai .......

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  7. सच है यादें कभी मिटती नहीं,अगर ये मिट जाय तो जिन्दगी में सिर्फ सूनापन ही रह जायगा..बहुत सुन्दर...

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  8. आपकी अंजलि दीदी को मेरी भी शुभकामनायें !!
    बढ़िया तो आपकी रचना होती ही है :)

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    1. मुकेश जी , दीदी अब हमारे साथ नहीं हैं....वरना उनकी तस्वीर के आगे फूल न बिखेरती :-(

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  9. यादें हैं , कहाँ जाएँगी .. घड़ी घड़ी सताएंगी.

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  10. गहन भाव लिए रचना |यादें ही तो जीवन का सहारा होती हैं |
    आशा

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  11. सुन्दर श्रद्धांजलि

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  12. भावपूर्ण एहसास को हम भी महसूस कर सकते है.

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  13. अनु जी , बहुत सुन्दर भाव ! , धन्यवाद I.A.S.I.H ( हिंदी जानकारियाँ )
    हिंदी ब्लॉग जगत में एक नए ब्लॉग की शुरुवात हुई है कृपया आप सब से विनती है कि एक बार अवश्य पधारें , व अपना सुझाव जरूर रक्खें , धन्यवाद ! ~ ज़िन्दगी मेरे साथ - बोलो बिंदास ! ~ ( एक ऐसा ब्लॉग -जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता है )

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  14. आपका शुक्रिया राजीव जी

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  15. यादों का बंधन अच्छा लगा..!!!

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  16. क्या बात है। लाजवाब रचना।

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  17. My floral tributes!!
    /
    This is the tenth attempt to finally comment here!!

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  18. रिश्ते फूल हो जाते हैं
    याद जब बहुत आते हैं

    श्रद्धा सुमन दीदी के लिये हमारे भी !

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  19. दिल को छूती हुई रचना... उआदों के झरोखे खुले रहते हैं ... शब्द फूल बन के बिखर जाते हैं ...

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  20. आह! भावपूर्ण यादें हैं ..

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  21. मर्मस्पर्शी...

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  22. ये यादें भी कहाँ अकेले रहने देती हैं ... चुपके से आ जाती हैं बीते दिनों को साथ लेकर ...
    दीदी को श्रद्धा सुमन ...!

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  23. अंजली दीदी भी महसूस करती होगी इस स्नेह को, भले ही जीवन नष्ट हो ऊर्जा कहाँ नष्ट होती है ?
    भावभरी रचना मन को छू गयी अनु, आने में देर हुयी !

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  24. हरसिंगार की महक पहुंची होगी तुम्हारी अंजलि दीदी तक और उन्होंने अंजुरी भर भर कर कर लिया होगा आत्मसात . खूबसूरत भाव सुमन .

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