इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Saturday, May 18, 2013

हैंडल विथ केयर

मैंने पहुंचाया था प्रेम तुम तक,
सम्हाल कर ,
एहतियात से पैक करके..
सभी आवश्यक निर्देशों के साथ
कि -
ये हिस्सा ऊपर (दिस साइड अप)
हैंडल विथ केयर
ब्रेकेबल
डु नॉट रोल और फोल्ड!!
मगर देखो न
आज छिन्न भिन्न है हमारा प्रेम...
बिखर गया कतरा कतरा
तुम्हारी लापरवाही से.

आज समझी कि
प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
न ही प्रेम के किये जाने में है....
प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.

रिश्तों के टूटने की जवाबदेही सिर्फ एक की नहीं...
सिर्फ मेरी नहीं...कतई नहीं !!!
~अनु ~



34 comments:

  1. प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.-बिलकुल सही कहा है आपने
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post वटवृक्ष

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    साझा करने के लिए आभार!

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  3. प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.........बहुत सही कहा.अनु..शुभकामनाएं

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  4. आज समझी कि
    प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है------.
    प्रेम के अहसास की अनुभूति
    सुंदर रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर


    आग्रह है पढ़ें "बूंद-"
    http://jyoti-khare.blogspot.in


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  5. आज समझी कि
    प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है------.
    प्रेम के अहसास की अनुभूति
    सुंदर रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर


    आग्रह है पढ़ें "बूंद-"
    http://jyoti-khare.blogspot.in


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  6. kya bat hai bhot khub...............
    anmol aalfaz hai waaaaah

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  7. सेंसिटिव मेटर !
    कल्पना में भी प्यार के टूटने का अहसास दुःख देता है।

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  8. रिश्तों के टूटने की जवाबदेही सिर्फ एक की नहीं...
    सिर्फ मेरी नहीं...कतई नहीं
    कतई नहीं .........

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  9. sahi tarike se sweekar aur nibhne ki zoorurt hai

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  10. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन संभालिए महा ज्ञान - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  11. प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.

    रिश्तों के टूटने की जवाबदेही सिर्फ एक की नहीं...
    सिर्फ मेरी नहीं...कतई नहीं !!!

    मेरी भी नहीं.....
    सुन्दर...
    अति सुंदर....

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  12. रिश्तों में जवाबदेही ! बहरहाल मन को छू गया ..... सस्नेह :)

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  13. इतनी चमक कभी देखी जो न थी । अनपैक किया तो आँखें चुंधिया गई और हाथ से सरक गया तुम्हारा प्रेम ।
    एक बार और भेज दो अपना प्रेम । बहुत एहतियात बरतूंगा । और तो और अबकी आँखें मूंदे ही रहूँगा ,जिससे तुम्हारे प्रेम की चमक से आँखे फिर न चुंधिया जाएँ ।
    लेकिन मुझे पता है तुम अब ऐसा कुछ नहीं करोगी । 'फ़्रेजाइल' तो 'फ़्रेजाइल' ही होता है न ।

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  14. प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.

    बहुत बढ़िया

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  15. प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.

    निश्चय ही ...संवेदना के बिना प्रेम एक पल भी टिक नहीं सकता ....!!संवेदना है ...तो प्रेम अमर है ...!!
    सुन्दर बात अनु ...

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  16. आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए कल 20/05/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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  17. प्रेम को सहेज कर रखना भी एक चुनौती भरा काम होता है. सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  18. सुन्दर अंदाज की रचना ....

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  19. ये हिस्सा ऊपर (दिस साइड अप)
    हैंडल विथ केयर
    ब्रेकेबल
    डु नॉट रोल और फोल्ड!!
    मगर देखो न
    आज छिन्न भिन्न है हमारा प्रेम...
    बिखर गया कतरा कतरा
    तुम्हारी लापरवाही से.

    शायद प्रेम इन शर्तों से नहीं बंधा होता या कहलें की कायदे कानूनों को नही मानता. प्रेम तो बस होता है, क्यों, कब व कैसे? कहना ब्रह्माजी के बस का भी नही है.
    बहुत सुंदर रचना.

    रामराम.

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  20. बाखूबी बांधे हैं दिल के भाव ...
    और सच भी है रिश्ते एक तरफ से नहीं चल सकते ... उन्हें सहेजना पड़ता है सावधानी से ...

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  21. रिश्ते के टूटने में तो जवाबदेही दोनों की ही बनती है .... सुंदर रचना ।

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  22. प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.


    अच्छी रचना, बहुत सुंदर भाव

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  23. रिश्तों के टूटने की जवाबदेही सिर्फ एक की नहीं...
    सिर्फ मेरी नहीं...कतई नहीं !!!
    sahi hai sundar rachna ...

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  24. 'Love' well packaged with words and delivered....Liked the way you related "Handle with care', 'This side up':-)

    nice read

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  25. रिश्तों के टूटने की जवाबदेही सिर्फ एक की नहीं...सच कहा आपने
    सादर

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  26. आज समझी कि
    प्रेम के दिए जाने में कोई गलती नहीं
    न ही प्रेम के किये जाने में है....
    प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्नेह से सहेजना भी ज़रूरी है.

    Beautifull........

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  27. Badhiya Likha Hai Aapne...
    Rishte Kisi Ek Ki Wajah Se Kabhi Nhi Tut-te...Kyunki Bante Dono Taraf Ke Sahmti Se Hain...Haan,Alag-Alag Nazriye Me Baat Beshak Alag-Alag Ho Sakti Hai...

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  28. एक हाथ से ताली भी कहाँ बजती है.
    बहुत सुन्दर .

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  29. दिल से स्वीकारा होता तो समस्या ही नहीं होती स्वीकारने में ही कही कोई कमी रह गयी जिस कारण प्रेम बिखर गया ....बहुत गहरी बात कह डाली तुमने..

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  30. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  31. फिर वही अनोखे भाव , अनुपम और अद्वितीय |

    सादर

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  32. प्रेम को सही तरीके से स्वीकारा जाना,
    इसे स्हेह से सहेजना भी जरूरी है

    आपने प्रेम को एक अलग रूप में व्यक्त कर एक नई सोच बनाई है ।

    डी पी

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  33. sahi bat kahi aapne anu jee sirph ak ke prayas se kuchh nahi hota ...sundar abhiwayakti ....

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