कितना सोचते हो तुम ? आखिर कितनी मोहब्बतें मुक्कमल मकाम पाती हैं आजकल ? क्यूँ उसका ख़याल अब तक संजो रखा है तुमने? कुछ तो कहो....यूँ घुटते न रहो...मेरा कहा मानो ,भूल जाओ उसे...इक वही तो नहीं इस सारे जहां में??? उसके ख़याल से बाहर निकलो तो क्या पता कोई करीब ही दिख जाए जो तुमसे न जाने कब से इकतरफा इश्क किये जा रहा हो !!!
जानते नहीं ये दुनिया इमोशनल फूल्स से भरी हुई है !
तेरे माथे की
सलवटों पर
करवटें बदलता कोई ख़याल....
जानती हूँ,
मचाता कोलाहल/रात भर सोता नहीं
कंपकपाते होंठ/ कुछ कहते नहीं
आँखें तकती हैं
शून्य में कहीं/बहती नहीं
चेहरे पर घूमता
ख़याल
धीरे से उतर कर
दफ़न हो जाता है
तेरे दिल में कहीं
और तुझे
यूँ ही दिए जाता है
बे-करारियाँ ...
सुनो!!बुरे ख़याल बड़े ज़िद्दी और ढीठ होते हैं.बिना भाड़ा दिए डटे रहने वाले किरायदारों की तरह....याने दिलो दिमाग तुम्हारा और कब्ज़ा उनका......उनसे थोड़ी सख्ती करो मेरे यार,कि और कोई घर कर पाए तेरे दिल में.
(मेरी डायरी का एक पन्ना,कभी उसकी सूरत देखते हुए ही लिखा था..........काश कि उसने पढ़ा होता )
अनु
जानते नहीं ये दुनिया इमोशनल फूल्स से भरी हुई है !
तेरे माथे की
सलवटों पर
करवटें बदलता कोई ख़याल....
जानती हूँ,
मचाता कोलाहल/रात भर सोता नहीं
कंपकपाते होंठ/ कुछ कहते नहीं
आँखें तकती हैं
शून्य में कहीं/बहती नहीं
चेहरे पर घूमता
ख़याल
धीरे से उतर कर
दफ़न हो जाता है
तेरे दिल में कहीं
और तुझे
यूँ ही दिए जाता है
बे-करारियाँ ...
सुनो!!बुरे ख़याल बड़े ज़िद्दी और ढीठ होते हैं.बिना भाड़ा दिए डटे रहने वाले किरायदारों की तरह....याने दिलो दिमाग तुम्हारा और कब्ज़ा उनका......उनसे थोड़ी सख्ती करो मेरे यार,कि और कोई घर कर पाए तेरे दिल में.
(मेरी डायरी का एक पन्ना,कभी उसकी सूरत देखते हुए ही लिखा था..........काश कि उसने पढ़ा होता )
अनु
बिलकुल सही बात अनु ......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
<3
ये इकतरफा इश्क ...करता रहता है बेकरार ...पुरानी डायरी के पन्नो से कब उतर आता है जेहन में और जमा लेता है अधिकार बिलकुल एक किरायेदार की तरह :):)
ReplyDeleteभावमयी प्रस्तुति ....
क्या बात, बहुत सुंदर
ReplyDeleteखुबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteRecent postअनुभूति : चाल ,चलन, चरित्र (दूसरा भाग )
New post बिल पास हो गया
कहाँ कहाँ से सारे ख्याल ढूँढ कर लाती हैं...
ReplyDeleteपर ख्याल होते जबरदस्त हैं :)
सस्नेह
अनचाह कोई ख्याल ...कैसे-कैसे करे सवाल ....
ReplyDeleteखुबसूरत ख्याल और सवाल !
जानते नहीं ये दुनिया इमोशनल फूल्स से भरी हुई है !
ReplyDeleteध्रुव सत्य....
क्या ख्याल है
शायद आज मैं प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर पा रही हूँ
डायरी के पन्नों पे चस्पा है वो ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ..
वाह वाह ...क्या सवाल क्या ख़याल.
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleteजिसके ख्याल में हो गुम,उसको भी कुछ ख्याल है,
मेरे लिए यही सवाल , सबसे बड़ा ख्याल है ,,,,,,,,,
RECENT POST बदनसीबी,
अनचाहा सा ख्याल और बे-करारियां ...बहुत खूब...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ..मन के स्पष्ट भाव ....
ReplyDeleteजबरदस्त ख्याल हैं :)
ReplyDeleteभावमयी प्रस्तुति ...
ReplyDelete@ दुनिया इमोशनल फूल्स से भरी हुई है
ReplyDeleteवाकई ...
जय हो ... बहुत खूब !
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन: ताकि आपकी गैस न निकले - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
बहुत सुन्दर अभीव्यक्ति | उम्मीद है के जिनके लिए ये पन्ना लिखा है वो ज़रूर पढ़ें | आभार
ReplyDeleteTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
वाह .... बहुत खूब लिख्खा है आपने ...
ReplyDeleteसादर
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति ..बेक़रार कर देने वाली पोस्ट ...तेरे माथे की सलवटो पर करवटें बदलता कोई ख्याल ..ये पंक्ति विशेष रूप से बहुत अच्छी लगी .
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteइमोशनल फूल्स के लिए तो मोस्ट टचिंग!
भावपूर्ण रचना!
ReplyDeleteइमोशनल फूल्स के लिए तो मोस्ट टचिंग!
धीरे से उतर कर
ReplyDeleteदफ़न हो जाता है
तेरे दिल में कहीं
और तुझे
यूँ ही दिए जाता है
बे-करारियाँ .------bahut khub
कोई पढ़ता है
ReplyDeleteकिसी का चेहरा
खुली आंखों से
कोई गुम है
किसी चेहरे में
बंद आंखों से
Words are beautiful!!Infact,Amazing!!
ReplyDeleteAmazing!!! Bahut Sundar Rachna!!
ReplyDelete. बहुत सुन्दर भावनाएं पिरोई है .
ReplyDelete...मैं तो ऑफीसियल फूल हूँ :-)
ReplyDeleteसही कहा है आपने...
ReplyDeleteएकदम रियल लाइफ
बहुत बढ़ियाँ....
:-)
wahh.... Bahut umda... Annu ji
ReplyDeletemeri nayi Rachna ..
http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html
खुबसूरत ख्याल और सवाल ,सुन्दर भावनाएं कहीं
ReplyDeleteइकतरफ़ा इश्क की बीमारी का इलाज कहाँ
ReplyDeleteखयाल कभी सोता नहीं....एक सच्चा एहसास ..बेहद खूबसूरत खयाल
ReplyDeleteजिसके लिए ये पंक्तियां हैं, वो खुशनसीब है। हम पढ़नेवालों को वाह ही कहना है बस।
ReplyDeleteये फूल्स ही तो खिले हुए सुन्दर फूल हैं..
ReplyDeleteपढ़ा होता तो वो भी कहता -- वाह वाह ! सुन्दर रचना।
ReplyDeleteअतुलनीय रचना!
ReplyDeletepurani dairy ke kuchh panne pure dil par kaabij hote hain :)
ReplyDeletebehtareen....
बेहतरीन रचना
ReplyDeleteसादर
बुरे ख्याल ......
ReplyDeleteउसने नहीं पढ़ा ... तुमने पढ़ा
दुआ की , हिदायत दी ..... सच में बुरे ख्याल डेरा ज़माने की कोशिश में सोने नहीं देते
सुंदर रचना अनुजी। आपकी कविताएं कम शब्दों में गहरे भाव व्यक्त कर देती हैं।।।
ReplyDelete:)
ReplyDeleteI am in Love with ur Expressions Anu ji.... so close to my heart.... <3 <3
ReplyDeleteबहुत ही नाज़ुक और खूबसूरत ख्याल ! बेहतरीन कविता ! शुभकामनाएं !
ReplyDeletesahi bat ...kam shabdon men .....
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 07-02 -2013 को यहाँ भी है
ReplyDelete....
आज की हलचल में .... गलतियों को मान लेना चाहिए ..... संगीता स्वरूप
.
ख़याली पुलावों का स्वाद मन को कैसा भरमा देता है!
ReplyDeleteभूल तो उसे जाये अनु जी पर दर है कही धड़कन न रुक जाये _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _ _
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति अनु जी ........
khoobsurat khyalon se saji sundar rachna..
ReplyDeleteउफ़ ये एहसास ... ये गहरा ख्याल ... जब तुम ही तुम हो इसमें तो बेकरारियां कहाँ ...
ReplyDeleteइमोशनल फूल्स पे इमोशनल अत्याचार
ReplyDeleteतेरे माथे की
ReplyDeleteसलवटों पर
करवटें बदलता कोई ख़याल....
अछूती कल्पना
अद्भुत प्रतीक !!!!!!!!!!!
lafzon se bakhoobi khelti hai aap!
ReplyDeletejari rakhiye... :)
achi- behtar ki asha rakhta hu aap se-*
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteकागज़ पे उतरने से
दिल की बात
कविता बन जाती है
अगर वो पढ़ लेते
तो कहानी तो न बनती
ख्याल तेरा इस तरह दिल में मचलता रहा.... रात की चादर सारी, सिलवटों से भर गई
ReplyDelete:-)
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteकितने सुन्दर सुन्दर ख्याल
ReplyDeleteबुन लेती है हमारी अनु
काश उसने पढ़ लिया होता :)
बहुत ही भाव प्रवण. सुन्दर
ReplyDelete"उनके ख्याल में बस हो मेरा ख्याल " ,काश !!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियाँ .....।।।
बहुत सुन्दर, दिल हरने वाली रचना
ReplyDeleteबुरे ख्याल बैक्टीरिया की तरह होते हैं सचमुच इन्हें निकालना दुष्ट किरायेदारों को हटाने से भी कठिन है।
ReplyDelete
ReplyDeleteदिनांक 17 /02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
-----------
पत्थर का गुण.....हलचल का रविवारीय विशेषांक.......रचनाकार संगीता स्वरूप जी
आपके दिल की किताब के इस पन्ने को पढ़ा।
ReplyDeleteबहुत नाज़ुक हो चला है।
संभालकर पलट रहा हूँ .... कहीं टूट न जाए। :)
आँखें तकती हैं
ReplyDeleteशून्य में कहीं/बहती नहीं
...अनचाहा सा ख्याल ...मचाता है बवाल ....करता है मलाल ....काश !तुमने पढ़ लिया होता ...खूबसूरत अंदाज़-ए-बयाँ ....दिल से दिल तक ....