इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Friday, January 4, 2013

प्यार की परिभाषा



तुम्हारे लिए प्यार था
ज़मीं से फलक तक साथ चलने का वादा
और मैं खेत की मेड़ों पर हाथ थामे चलने को
प्यार कहती रही....
तुम  चाँद तारे तोड़ कर
दामन में टांकने की बात को प्यार कहते रहे
मैं तारों भरे आसमां तले
बेवजह हँसने और  बतियाने को
प्यार समझती रही….
तुम सारी दुनिया की सैर करवाने को
प्यार जताना कहते,
मेरे लिए तो  पास के मंदिर तक जाकर
संग संग दिया जलाना प्यार था...
तुम्हें मोमबत्ती की रौशनी में
किसी आलीशान होटल में
लज़ीज़ खाना, प्यार लगता था
मुझे रसोई में साथ बैठ,एक थाली से
एक दूजे को
निवाले खिलने में प्यार दिखा...

शहंशाही प्यार था तुम्हारा...बेशक ताजमहल सा तोहफा देता... मौत के बाद भी.

मगर मेरी चाहतें तो थी छोटी छोटी
कच्ची-पक्की
खट्टी मीठी.......चटपटी
ठीक  ही कहते थे तुम
शायद पागल ही थी मैं.
अनु 
(खामोश ख़ामोशी और हम से....)

51 comments:

  1. वाह ...कितना सही लिखा है आपने ...कोई छोटी छोटी बातों में प्यार तलाश लेता है..तो किसी के लिए सारी कायनात भी छोटी पड़ जाती है..

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  2. अनु जी -- मन को भारी कर देने वाली रचना-

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  3. मैं तारों भरे आसमां तले
    बेवजह हँसने और बतियाने को
    प्यार समझती रही….
    ----------------------------------------
    एक सहज सौम्य सी रचना

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  4. प्यार ... छोटी छोटी चाहतें ही हैं

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  5. छोटी छोटी
    कच्ची-पक्की
    खट्टी मीठी.......चटपटी
    चाहतों को ही प्यार कहते हैं।
    बाकि तो सब दिखावा है।
    सुन्दर रचना।

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  6. अनु बहन!! मुझे तो ऐसा लगा कि इस पूरी कविता में ज़मीं से लेकर आसमान तक का विस्तार था.. दिए से मोमबत्ती तक रोशनी की लकीर थी... समझ, विश्वास, भरोसा, वफ़ा, यकीन यदि हो तो यह प्रेम का विस्तार बन जाता, न हो तो गहरी खाई!!
    बहुत ही संवेदनशील कविता, बहुत ही सहज अभिव्यक्ति!!

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  7. प्यार अपना अपना, ख़याल अपना अपना .
    सच.. हम औरतें पागल ही होती हैं :)

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  8. lovely... first time here... like what i read ..

    tc and have a nice day

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  9. सच ही तो है हमारे लिए छोटी-छोटी खुशियाँ ताजमहल से कहीं ज्यादा मायने रखती हैं... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

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  10. प्यार में सरल होता है....

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  11. ... जब प्यार के मायने न समझ पाएं,वही प्यार है ।

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  12. मासूम सी खुबसूरत चाहत ही प्यार है..बहुत सुन्दर..अनु

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  13. मुझे आपसे पूर्ण सहानुभूति है, क्‍या कीजिएगा, विवाहोपरान्‍त प्रथम वर्ष का प्रेम जीवनपर्यंत नहीं रह पाता, यही रीति है


    सादर


    मनोज

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  14. "as is where is" type true love .
    excellent .

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  15. खुबसूरत चाहत ही प्यार है,,,संवेदन सील रचना,,,

    recent post: वह सुनयना थी,

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  16. ♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
    ♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
    ♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥



    * मैं खेत की मेड़ों पर हाथ थामे चलने को
    प्यार कहती रही....
    * मैं तारों भरे आसमां तले
    बेवजह हँसने और बतियाने को
    प्यार समझती रही…
    * मेरे लिए तो पास के मंदिर तक जाकर
    संग संग दिया जलाना प्यार था...
    * मुझे रसोई में साथ बैठ, एक थाली से
    एक दूजे को निवाले खिलने में प्यार दिखा...

    आऽऽहा हाऽऽऽ... !
    सच्चा प्यार यही तो है !!

    आदरणीया अनुलता जी
    सुंदर भाव ! सुंदर शब्द !
    ख़ूबसूरत रचना !
    बधाई एवं आभार !


    ऐसे ही सुंदर , सार्थक , श्रेष्ठ सृजन करती रहें …

    शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  17. सुन्दर भाव लिए है कविता.
    नव वर्ष की शुभकामनाएँ अनु.

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  18. शहंशाही प्यार था तुम्हारा...बेशक ताजमहल सा तोहफा देता... मौत के बाद भी.

    मगर मेरी चाहतें तो थी छोटी छोटी
    कच्ची-पक्की
    खट्टी मीठी.......चटपटी
    ठीक ही कहते थे तुम
    शायद पागल ही थी मैं.(NEW POST-- CHEHARA AUR KHICHADI)

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  19. अपनी-अपनी आरजू...अपनी -अपनी जुस्तजू..

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  20. बहुत सुन्दर भाव और सरल सहज परिभाषा दी है प्यार की आपने |उम्दा रचना के लिए बधाई |
    आशा

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  21. सही है , प्यार परिभाषित हुआ . बढ़िया

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  22. अनुलता जी ,
    आपकी प्यार की परिभाषा पढ़ी !
    आपने बिलकुल सटीक कहा है ,एक औरत सिर्फ भावना चाहती है दिल से है ना !
    लेकिन पुरुष भावना को नहीं समझ पाता !
    एक महिला को सिर्फ साथ सच्चे साथ की ही चाहत होती है ,लेकिन हम पुरुष दुनिया की बाकी सारी चीजें अपने साथी को देने के लिए तैयार रहते हैं ,सिवाय अपने गुणात्मक साथ के ! अब आप चाहे इसे हारमोंस का प्रभाव कहें या कुछ और ,लेकिन हकीकत यही है ,है ना ?
    आपको पुनः साधुवाद , अच्छी कविता लिखी है आपने
    डॉ नीरज
    http://achhibatein.blogspot.in/

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  23. वाह..सुन्दर शब्द. इसे बस सुन्दर कविता कहना कम होगा. आपने परिभाषा ही बयाँ कर दी. सच्चे प्यार की और बनावटी प्यार की.

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  24. बहुत सुन्दर प्यार भरी रचना .......

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  25. बहुत ही सुन्दर रचना, अनुलताजी. दरअसल "प्यार की परिभाषा" सब की नज़र में अलग अलग होती है. लेकिन सच्चे प्यार का वर्णन तो छोटी छोटी बातों में से झलक जाता है. बेहद सरल और बहुत ही प्यारी है यह "प्यार की परिभाषा"

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  26. प्यार एक बेहद खूबसूरत अहसास है ,जो जितना कोमल और सहज हो उतना ही आकर्षक होता है .... बेहद खूबसूरत , नाजुक सी रचना .

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  27. हर छोटी छोटी चीजों में ...हर एक पल में मोहब्बत बसी है .. बहुत खूब

    recent poem : मायने बदल गऐ

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  28. मगर मेरी चाहतें तो थी छोटी छोटी
    कच्ची-पक्की
    खट्टी मीठी.......चटपटी
    ....
    ............. अनंत बस अनंत

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  29. दोनों तरह का प्यार प्यार ही है,
    बस जतलाने का तरीका अलग अलग है
    बहुत प्यारी रचना !!

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  30. किसी के लिए प्यार दिखाने की चीज़ होती है, किसी के लिए बस साथ जीना ही प्यार है।
    बहुत अच्छे से अभिव्यक्त हुई हैं,सबके दिल की बातें

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  31. बहुत ही प्यारी दिल को छू लेनेवाली रचना...
    मेरी सोच को शब्द दे दिया है आपने...
    वो होटल वाली बात
    मंदिर के पास घूमना .....
    सुपर्ब .....
    :-)

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  32. प्यार की परिभाषा सबकी अलग अलग होती है !

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  33. superb expression indeed...:-)

    Shayad har koi in ehsaason mein khud ko kahin na kahin jod sakta hai...komal ehsaas...:-)

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  34. बहुत सुन्दर ...."शहंशाही प्यार था तुम्हारा...बेशक ताजमहल सा तोहफा देता... मौत के बाद भी".

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  35. प्यार में छोटी चाहतें भी दिल को अंदर तक छू जाती हैं.

    अत्यंत भावनात्मक कविता.

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  36. काफी देर से पहुंचा मै ...........पर आपकी इन लाइनो ने कुछ यादे ताजा कर दी

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  37. वाह जी बढ़िया. छोटी सी सुंदर बात.

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  38. बहुत संवेदनशील रचना ,

    सादर

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  39. आपकी रचना सोये को नीद से जगाने वाली साबित हुयी कम से कम मेरे सन्दर्भ में

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  40. फर्क तो बस सोच का ही रहा ... प्यार तो फिर भी एक था .. सच्चा .. दिल का दिल से ...

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  41. आपकी रचना सोते हुए को नीद से जगाने वाली साबित हुयी . कम से कम मेरे सन्दर्भ में

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  42. लाजवाब....मन को छु गई

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  43. "दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा"
    सुन्दर कविता !!

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  44. छोटी-छोटी बातों में कितना ढेर सारा प्यार बसा होता है.. :) मगर प्यार भी अजीब ही है... कभी आँचल में समाता ही नहीं...~ सीमाहीन.... :)
    <3

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  45. प्यार की परिभाषा बहुत सही ....बहुत दिल को भायी यह

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  46. मैं तारों भरे आसमां तले
    बेवजह हँसने और बतियाने को
    प्यार समझती रही….
    *****************
    शायद पागल ही थी मैं.



    वास्तविकता यही है

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  47. सच प्यार की समझने में एक उम्र गुजर जाती हैं ..फिर भी ...
    बहुत बढ़िया ..

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  48. प्यार की परिभाषा...
    सबकी अपनी अपनी...
    किसी की छोटी छोटी चाहतें....
    और किसी की बड़ी बड़ी बातें....!
    सुन्दर....अति सुन्दर....

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  49. सबका अलग अलग अंदाज़ होता है प्यार का .... लेकिन कहीं प्यार का दिखावा भी होता है ।

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