इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Thursday, June 20, 2013

उदासी

उदासियाँ घर कर लेती हैं मन के कोनों में बिना शोर शराबे के..
उदासियों की आमद होती है बड़े चुपके से,क्यूंकि इनके पैरों की आहट नहीं होती.
उदासियाँ अपने पैरों पर चिपका लेती हैं मोहब्बत के पंख,मोहब्बत के मर जाने के बाद.....
अपने नर्म पंजों के भीतर छिपाए रखती हैं कई दंश,ये उदासियाँ.....
उदासियों को आदत होती है बिन बुलाये आने की और अनाधिकृत कब्ज़ा जमाने की.....एक बार आने के बाद ये पैर पसारती हैं और फैल जाती हैं हर जगह...दीवारों पर टंगी सुन्दर तस्वीरों में,बारिश की बूंदों में,बिस्तर की सलवटों पर,संगीत की धुनों पर और डायरियों के पन्नों पर भी....
उदासी छा जाती है आसमान पर कुहासा बन कर....चेहरे पर झुर्रियाँ बन कर....रिश्तों की दरारों में भर जाती हैं उदासियाँ......
तन्हाई और उदासियों में बड़ी यारियां हैं...
उदासियाँ बात नहीं करतीं.....उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ !!!

उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की...................
~अनु ~

58 comments:

  1. Kabhi kabhi udaasi itni khaas hoti hai ki dil ke paas hoti hai

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  2. उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की......
    this last line was just awesome...
    regards
    aparna

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    1. बेहद सुन्दर प्रस्तुति ....!
      आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (26-06-2013) के धरा की तड़प ..... कितना सहूँ मै .....! खुदा जाने ....!१२८८ ....! चर्चा मंच अंक-1288 पर भी होगी!
      सादर...!
      शशि पुरवार

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  3. हां, अक्सर उदासियां ऐसा ही करती हैं. इन उदासियों में कई कालजयी रचनाएं भी लिखी गई हैं. पर इन्हें अपने ऊपर हावी नही होने देना चाहिये. उदासियों पर हम हावी हो जायें तो ये कभी पलट कर भी नही देखती हमारी तरफ़.

    बहुत ही सुंदर रचना, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. उदासी तो एक दलदल सी होती है :(

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  5. udasiya baat nahi karti khamoshiya lati hai............kya baat hai..........

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  6. हाँ उदासियाँ बन जाती हैं वजह कुछ न कुछ लिखते जाने की.

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  7. उदासी से बेहतरीन नशा मात्र जिंदगी ही हो सकती है

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  8. शुक्रिया यशोदा.

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  9. ऊ दासियां ? कौन सी दासियाँ ? :-) बाहर कीजिये सभी को !

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  10. उदासी छा जाती है आसमान पर कुहासा बन कर....चेहरे पर झुर्रियाँ बन कर....रिश्तों की दरारों में भर जाती हैं उदासियाँ......
    तन्हाई और उदासियों में बड़ी यारियां हैं...sach kaha ik sikke ke do pahloo ....

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  11. उदासी भी जरूरी है कभी कभी... धुप के साथ छांव कभी कभी ज्यों जरूरी होती है .. उदासी लिखने की वजह भी बन जाती है.

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (21-06-2013) के "उसकी बात वह ही जाने" (शुक्रवारीय चर्चा मंचःअंक-1282) पर भी होगी!
    --
    रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए शुक्रवार की चर्चा मैंने ही लगाई है।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी...

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  13. सच में ...जीवन से कितना जुड़ी सी रहती हैं उदासियाँ

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  14. उदासियों का सकारात्मक उपयोग है यह रचना
    बहुत बढ़िया उकेरा है अनु,

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  15. उदासी वज़ह बन जाती है कुछ न लिखने और बहुत कुछ लिखने की... गहरे भाव.

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  16. उदासी में कभी कभी बहुत कुछ लिखा जाता है और कभी कभी कुछ भी नहीं ॥बस निष्क्रिय से हो कर रह जाते हैं ...

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  17. उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की...................

    हर लेखक के मन का सत्य ....!!

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  18. Wow.. loved it

    pain and enigma just have a way of shaking us up..
    leave us confused, vulnerable but mature at times.

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  19. उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की................सटीक अभिव्यक्ति, शुभकामनाये

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  20. उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की..................

    ....बिल्कुल सच....बहुत सुन्दर...

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  21. हंसमुख चेहरे से उदासियाँ भी डरती हैं।
    इसलिए सदा मुस्कराता हूँ मैं।

    बहुत सुन्दर रचना।

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  22. उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ...
    सुन्दर सच..

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  23. उदासियाँ बात नहीं करतीं.....उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ !!!--
    यही होता है सबके साथ

    latest post परिणय की ४0 वीं वर्षगाँठ !

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  24. "तन्हाई और उदासियों में बड़ी यारियां हैं...
    उदासियाँ बात नहीं करतीं.....उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ !!!
    उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की..."
    सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...

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  25. अपने नर्म पंजों के भीतर छिपाए रखती हैं कई दंश,ये उदासियाँ.....

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  26. सच...कभी कभी उदासियाँ बहुत अपनी सी लगती हैं...एक बहुत करीबी दोस्त सी ....जो दुखों को बाँट लेती है...

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  27. उदास मन या तो बिलकुल रिक्त होता है या फिर पूरी तरह भरा ....
    साभार !

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  28. बढ़िया कहा है..

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  29. उदासियों को आदत होती है
    बिन बुलाये आने की
    अनाधिकृत कब्ज़ा जमाने की

    Bahut Badiya Likha aapne

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  30. इस उदासी ने कितनों को खामोश कर दिया है सदा सदा के लिये.

    अत्यंत मार्मिक.

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  31. सुन्दर रचना

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  32. उदासियां ! आह

    सारी उदासियों के बीच एक ख़ुशी की खबर .........आब आपका प्रोज़ कविता हो गया है . मैं इस तरल,बहती भाषा से अभी एक तन्द्रा में हूँ .बधाई !

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  33. उदासी पर लिखी गई यह बिल्कुल नई तरह की रचना है । सुन्दर प्रयोगों के साथ ।

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  34. बहुत गहन और सुन्दर रचना.बहुत बहुत बधाई...

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  35. उदासियां बने सबब अनवरत लिखते जाने की ताकि ये तबदील हों खुशियों में ।
    बेहद सुंदर लिखा है अनु जी ।

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  36. उदासियाँ लिखती भी है कभी तो कभी चुप रह जाती हैं !

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  37. कहीं गहराई में उतार देती हैं उदासियाँ !

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  38. उदासियाँ घेर लेती हैं मन को तो जाती नहीं आसानी से ....
    ले जाती हैं अंदां दिशा में कभी न लौटने के लिए ...

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  39. एकदम गहराई में पहुंचा दिया इन उदासियों ने..
    बेहद गहन भाव लिए रचना...

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  40. उदासियाँ छंट जाएँ ..
    मंगलकामनाएं !

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  41. बिल्कुल सही कहा. यह उदासी बड़ी अजीब चीज़ है

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  42. बेहद सुंदर लिखा है

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  43. udasi ko bahut achhe se decribe kar diya di aapne ..udasi apne sath laati hain khamoshiyaan kitna sach hai ..aur wo rishto ki dararo mei bhar jati hain udasiyan i love ths expression ...kash ..mai bhi aap ki tarah soch pau kisi roj..love :-)

    मेरी नयी रचना Os ki boond: लव लैटर ...

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  44. कितना सही कहा है आपने -- "उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की...."

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  45. उदासी मन और दिल को शून्य कर देती है
    पर कभी कभी सृजन की तरफ प्रेरित भी करती है
    बहुत नये संदर्भ की रचना
    बहुत खूब
    सादर


    जीवन बचा हुआ है अभी---------

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  46. बहुत सुंदर....
    कभी कभी प्यार का एक हिस्सा लगती है उदासियाँ....

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  47. उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की.
    ये अंत की पंक्तियाँ भा गयीं। बिलकुल येही भावनाएं बह रही थीं कई रोज़ से ..

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  48. 'उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की................... '

    अनुभूत सत्य!

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  49. गज़ब ...:) एकदम सटीक बात कह दी.

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