भूख जगा देती है नींद से,
बेसुध कर देती है सपनों को
फिर
उनमें आग लगा कर
जलते ख़्वाबों पर
सेकती है रोटियां ....
एक आधी रोटी का टुकड़ा
ढांक लेता है आकांक्षाओं और
उम्मीदों के बीज को,
सड़ा देता है उसे भीतर ही भीतर
अंकुरण के पहले ही....
भूखा नहीं देखता इन्द्रधनुषी सपने
भूखे को नहीं दिखती रोटी पर लगी नीली हरी फफूंद
उसको नहीं दिखते रंग
उसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
~अनु ~
बेसुध कर देती है सपनों को
फिर
उनमें आग लगा कर
जलते ख़्वाबों पर
सेकती है रोटियां ....
एक आधी रोटी का टुकड़ा
ढांक लेता है आकांक्षाओं और
उम्मीदों के बीज को,
सड़ा देता है उसे भीतर ही भीतर
अंकुरण के पहले ही....
भूखा नहीं देखता इन्द्रधनुषी सपने
भूखे को नहीं दिखती रोटी पर लगी नीली हरी फफूंद
उसको नहीं दिखते रंग
उसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
~अनु ~
मर्मस्पर्शी.....
ReplyDeletejindagi ki sabse aham jarurat ROTI :)
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteआदि गुरु को सादर प्रणाम-
भूखे की वेदना सिर्फ़ रोटी ही मिटा सकती है. भूखा व्यक्ति रोटी की क्वालीटी नही देखता, बहुत सटीक और यथार्थ मय रचना.
ReplyDeleteरामराम.
भूख न जाने सूखी रोटी ..नींद न जाने टूटी खाट....जीवन की बेसिक ज़रूरतें पूरी होना भी जहाँ एक सुखद स्वप्न सा है ....वहाँ कैसी चॉईस .....बस यही सच है ...एक कठोर सच .....!!!!
ReplyDelete"Roti" The basic necessity of every being. let's see what this food security Bill does to the population that sleeps hungry.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया..अनु..
ReplyDeletelovely touching and impact poem
ReplyDeleteबिलकुल सच भूखे को कोई रंग नहीं दीखता ......दीखता है एक रोटी ...
ReplyDeletelatest post: सब्सिडी बनाम टैक्स कन्सेसन !
ReplyDeleteभूख के पास होता है सिर्फ एक पेट !!
जरुरतमंदों को देख कर यही लगता है वर्ना तो अंधे कुंवे ज्यादा नजर आते हैं !
भूख का यही चित्र है... कितना मार्मिक!
ReplyDeleteभूखे पेट जो न पड़े रोटी
ReplyDeleteतो सभी बातें हो जाएँ खोटी .....
"भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट..."...
ReplyDeleteबहुत मर्मस्पर्शी ....
aur duoble roti(bread) ke bare men kya khyaal hai ??:)
ReplyDeletejocks apart
ekdam sach kaha hai. jahan mool bhoot jaruraten poori nahi hoti vahan kuchh or nahi najar aata
marmsparshi rachna hai.
maarmik .. katu satya ... bhuk na jane jaat paat desh kal ..bhuk to bas bhuk hai ..
ReplyDeletepet me aag lagi ho to kuchh or nhi dikhta ..
भूखा नहीं देखता इन्द्रधनुषी सपने
भूखे को नहीं दिखती रोटी पर लगी नीली हरी फफूंद
उसको नहीं दिखते रंग
उसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
naman :)
Wah Anuji. Athi sundar pharmaish.
ReplyDeleteTrust you are keeping well & fine.
Best Wishes Ram
सच एकदम सच अनु ....भूखे के पास सपने नहीं होते, न ही आँखें होती है, केवल एक पेट होता है। बेहतरीन भावभिव्यक्ति।
ReplyDeleteभूखे भजन न होई गोपाला |
ReplyDeleteभूखे कों तो पेट भरने के आलावा कुछ नही सूझता |
अत्यन्त मार्मिक रचना |
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मर्मस्पर्शी कविता...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसार्थक अभिव्यक्ति
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
बेहद मार्मिक....ओह....
ReplyDeleteकड़वी सच्चाई ,मार्मिक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबेहद सामान्य-सरल से शब्दों में इतनी गहरी बात सिर्फ आपकी कविता ही कह सकती है...लाजवाब।।।
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteमार्मिक एवं सच्ची अभिव्यक्ति
ReplyDeletemaasum abhiwykati sundar mamsparshi ..
ReplyDeleteमार्मिक अहसास
ReplyDeleteसचमुच भूख से बढ़कर कुछ भी नहीं....बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना
ReplyDeleteभूखे को नहीं दिखती रोटी पर लगी नीली हरी फफूंद
ReplyDeleteउसको नहीं दिखते रंग
उसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
..........बेहद मार्मिक
उसकी आँख नहीं होती
ReplyDeleteभूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
- बहुत सुंदर प्रस्तुति
भूख का मार्मिक चित्रण ...
ReplyDeleteकटु सत्य एवं मार्मिक.
ReplyDeletewhen hunger takes over..
ReplyDeletenothing else matters.
very very poignant post
बिल्कुल सही कहा आपने
ReplyDelete:(
ReplyDeleteजलते ख़्वाबों पर
ReplyDeleteसेकती है रोटियां ....
बेहतरीन भाव सम्प्रेषण..
भूख जला देती है सभी ख्वाब ... सभी रंग ... बस रह जाती है तो इक आग ...
ReplyDeleteसटीक रचना ...
भूखे को नहीं दिखती रोटी पर लगी नीली हरी फफूंद
ReplyDeleteउसको नहीं दिखते रंग
उसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट...
बहुत ही हृदयस्पर्शी रचना।
सब कुछ इस पापी पेट का ही सवाल है..
ReplyDeleteन जाने क्या क्या करवाता है..
छूने वाली कविता.
"भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट..."...
ReplyDeleteसबसे बड़ा सच .....
marmik.....उसको नहीं दिखते रंग
ReplyDeleteउसकी आँख नहीं होती
भूखे के पास होता है सिर्फ एक पेट....