इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Monday, August 12, 2013

शब्द

कहा गया हर शब्द
स्थायी है
हर अक्षर होता है कालजयी...
शब्द के सृजन की प्रक्रिया अपरिवर्तनीय है...
एक बार बन जाने के बाद
शब्द भटकते हैं,
खोजते हैं ठौर...कहीं ठहर जाने को.

शब्द कभी मरते नहीं
शब्दों के दिए घाव कभी भरते नहीं....
मेरे कानों से टकराए हैं ऐसे कई शब्द
और उन्होंने स्थायी ठिकाना बना लिया
मेरे मन को...
एक के ऊपर एक
परत दर परत टिकते ये शब्द
रौंदते मेरी शिराओं को...
इनसे रिसता धीमा ज़हर फ़ैल रहा है पूरे बदन में

दर्द असह्य हुआ
तो नोच नोच कर शब्दों को उठा कर
सृजन किया एक नज़्म का...
चूंकि हर शब्द तेरा है
सो दर्द भरी इस नज़्म का सेहरा तेरे सर.....
~अनु~

44 comments:

  1. शब्द के सृजन की प्रक्रिया अपरिवर्तनीय है...
    एक बार बन जाने के बाद
    शब्द भटकते हैं,
    खोजते हैं ठौर...कहीं ठहर जाने को.

    ख़ाली पड़े दिलों में ,परेशान हुए ज़हनों में शब्द ,अन्तत:ढूँढ लेते हैं एक घर ........ऐसा जिसका दरवाज़ा देर से खोला नहीं गया होता .........याददाश्त के बुने जालों में ,अतीत की मकड़ियां टहलती हैं . शब्द मकड़ियों को बोलना सिखाते हैं ,और मकड़ियां शब्दों को बिना शोर किये जीना .
    नज़्म अच्छी बन पड़ी है . बधाई !

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  2. शब्द के सृजन की प्रक्रिया अपरिवर्तनीय है...
    एक बार बन जाने के बाद
    शब्द भटकते हैं,
    खोजते हैं ठौर...कहीं ठहर जाने को.

    ख़ाली पड़े दिलों में ,परेशान हुए ज़हनों में शब्द ,अन्तत:ढूँढ लेते हैं एक घर ........ऐसा जिसका दरवाज़ा देर से खोला नहीं गया होता .........याददाश्त के बुने जालों में ,अतीत की मकड़ियां टहलती हैं . शब्द मकड़ियों को बोलना सिखाते हैं ,और मकड़ियां शब्दों को बिना शोर किये जीना .
    नज़्म अच्छी बन पड़ी है . बधाई !

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  3. शब्द कभी मरते नहीं
    शब्दों के दिए घाव कभी भरते नहीं....
    तार्किक उद्गार ,बहुत सुन्दर..

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  4. हर शब्द तेरा है तो इस दर्द भरी नज़्म का सेहरा तेरे सर !
    कहा गया हर शब्द स्थाई होता है , मगर कागज़ पर उतरने से पहले बहुत भागते हैं इधर- उधर ये शब्द !

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  5. अक्षर कालजयी हैं ही!

    और नज़्म भी बिल्कुल निस्संग है, रच आने के बाद सारा श्रेय ही किसी के शब्दों को ही दे रही है!
    सुन्दर!!!

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  6. अद्भुत , सुन्दर , बहुत सुन्दर ।

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  7. फूल इतने थे कि पलकों भी थक के मुंदने लगीं
    खुशबुओं ऐसी की दम घुटता रहा देर तलाक

    जादू लफ़्ज़ों को कोई खेल दिखाता ही रहा

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  8. दर्द असह्य हुआ
    तो नोच नोच कर शब्दों को उठा कर
    सृजन किया एक नज़्म का...
    चूंकि हर शब्द तेरा है
    सो दर्द भरी इस नज़्म का सेहरा तेरे सर.--bahut khub,sundar abhivyakti
    latest post नेताजी सुनिए !!!
    latest post: भ्रष्टाचार और अपराध पोषित भारत!!

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  9. खूब ...सुंदर सधे हुए शब्द .....

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  10. चूंकि हर शब्द तेरा है
    सो दर्द भरी इस नज़्म का सेहरा तेरे सर.....

    तेरा तुझको अर्पण ....मेरा क्या है ...सब तेरी ही माया है ...!!
    गहन सुंदर अभिव्यक्ति अनु ...!!

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  11. 'तू होगा मेरा दुश्मन ...पर दोस्त भी हुआ करता है
    कभी ख़ुशी कभी नज़्म दिया करता है ....'- शिखा
    बहुत खूबसूरत

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  12. चूंकि हर शब्द तेरा है
    सो दर्द भरी इस नज़्म का सेहरा तेरे सर......superb di...positive rehnay ki prerna deti rachna....

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  13. शब्द कभी मरते नहीं
    शब्दों के दिए घाव कभी भरते नहीं....वाह बहुत खूब..

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  14. दर्द असह्य हुआ
    तो नोच नोच कर शब्दों को उठा कर
    सृजन किया एक नज़्म का...
    चूंकि हर शब्द तेरा है
    सो दर्द भरी इस नज़्म का सेहरा तेरे सर.....

    वाह लाजवाब भाव, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  15. shbad kahan marte hain aur ghaaw kahan bharte hain ..bahut sundar rachna anu

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  16. इस सच्चाई पर कमेंट क्या करूँ
    हार्दिक शुभकामनायें

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  17. शब्दों का स्थायित्व ही कहता है कि मन के विचलित क्षण में चुप ही होना बेहतर है

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  18. इतने सारे शब्द टिका लिए थे कि एक नज़्म का सृजन हो गया ..... सुंदर और भाव भरी नज़्म ।

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  19. true words... truly said... all the best !!

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  20. शब्द भटकते हैं,
    खोजते हैं ठौर...कहीं ठहर जाने को.
    पा गए ना ठौर बन गए कालजयी…
    सुन्दर सृजन ….शुभकामनाएं ....

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  21. बहुत बहुत शुक्रिया शास्त्री जी.

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  22. शब्द कभी मरते नहीं
    शब्दों के दिए घाव कभी भरते नहीं...

    बहुत उम्दा सुंदर सृजन ,,,

    RECENT POST : जिन्दगी.

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  23. तेरा तुझको अर्पण...
    बहुत सुंदर अनु...
    <3

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  24. अक्षरों से शब्दों का सफर, नयी सोच लिए खूबसूरत प्रस्तुति.

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  25. सही है जिसने दर्द दिया उसके हिस्से में भी तो कुछ आना ही चाहिए न जी... :) सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति।

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  26. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  27. शब्द कभी मरते नहीं
    शब्दों के दिए घाव कभी भरते नहीं.
    सही कहा , सोच समझ कर बोलना चाहिए

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  28. शब्दों की अनवरत खुबसूरत अभिवयक्ति...... .

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  29. एहसास जन्म देते हैं शब्दों को ...और उधड़ने लगें जब शब्द तो एहसास नज़्म बनकर उभरते हैं.....और उसका सेहरा..जो दिलके सबसे करीब होता है उसीपर होता है .....बहुत सुन्दर

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  30. शब्द दर्द देते हैं ... पर दर्द पे किसी का क्या इख्तियार ...
    शब्द तो वही हैं ... भाव होते हैं तो नज़्म का रूप लेते हैं ...

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  31. गहन भावों की खुबसूरत प्रस्तुति !!

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  32. शब्दों के सर्जन से जन्म मेरा है ....

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  33. गहन भावों से भरपूर कविता .. बहुत ही सुन्दर!

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  34. अनु जी : कवि और शब्द का नाता बड़ा रूमानी होता है. कवि शब्द को लाड लड़ाते कभी नहीं थकेगा...!! इस रचना में शब्द की शामिलियत के साथ आप ने दर्द के अदि से निर्वाण तक की यात्रा खींची है--- सुरेख.

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  35. This comment has been removed by the author.

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  36. अक्सर ऐसे दर्द से उपजे शब्द ही नज्म का रूप ले लेते हैं
    बहुत सुन्दर, साभार!

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  37. वाह .... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति

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  38. वाह....कितना सच !!बहुत बहुत सुन्दर...!

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  39. ek bahut hi important shabd hamari taraf se aap ke naam ..... love love n love di

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