इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Monday, April 15, 2013

[प्रेम के वैज्ञानिक दृष्टिकोण]


यदि प्रेम एक संख्या है
तो निश्चित ही
विषम संख्या होगी....

इसे बांटा नहीं जा सकता कभी
दो बराबर हिस्सों में.
[प्रेम का गणित ]
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
तुम्हारे प्रेम में डूब गयी....
नहीं चाहती थी डूबना
डूब कर अपना अस्तित्व खोना मुझे नापसंद था

उत्प्लवन के सिद्धांत तय करते हैं शर्तें - तैरते रहने की.
डूब जाने की कोई शर्त नहीं!!!!
[प्रेम का भौतिक शास्त्र ]
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

शायद तुम कुछ कहते नहीं
और क्यूँ मेरी सदायें पहुँचती नहीं तुम तक ??

oh!! sound needs a medium to travel....

(हमारे बीच ये निर्वात आखिर कब पनपा???)
अब हमारी wavelenghths भी match नहीं करतीं शायद!!
[प्रेम का  वैज्ञानिक दृष्टिकोण]

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
प्रेम का एक पल
छिपा लेता है अपने पीछे
दर्द के कई कई बरस....

कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से!!!
[प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे!!]

~अनु~

66 comments:

  1. बेमिसाल सोच
    शुभकामनायें !!

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  2. प्रेम में डूब कर ही उसमें तैर सकते हैं.....
    सारे उपयोग कर लिए अनु.... :)
    काश! प्रेम को समझना इतना आसान होता...
    <3

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  3. नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!! बहुत दिनों बाद ब्लाग पर आने के लिए में माफ़ी चाहता हूँ

    बहुत खूब बेह्तरीन अभिव्यक्ति

    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    मेरी मांग

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  4. कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है बरसों से ...
    सच कहा है ... प्रेम के ऐसी लम्हे इकट्ठा रखने जरूरी हैं जीवन में ...
    सभी दृष्टिकोण लाजवाब हैं ...

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  5. waaah!
    prem ko itni vaigyanik nazron se kabhi hi shayad kisi ne parkha ho, vo bhi itne kavyatmak tareeke se. gr8!
    saare tark shabdshah theek hain....! fir bhi prem hamesha taarkik nahi hota isliye prem ko vigyan ki nazron se kam hi dekha jaye to achchha hai (varna pyar karna mushkil hojayega, do log kabhi bhi ek dusre ko barabar pyar nahi karte, kam-zyada karte hain) kyounki yahan 1 aur 1 sirf 2 nahi hota.......Pyar me aakanth dooba hua vyakti doob kar bhi jee uthta hai...........!

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  6. हम्म ..प्रेम का विज्ञान और गणित.
    अब जरा अर्थ शास्त्र भी समझाना :).

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  7. rahiman dhaga prem ka.......vigyan ko prem ras me ghol diya,gazb

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  8. waah naya andaaz ..bahut sundar behtreen likha hai anu

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  9. प्रेम का एक पल
    छिपा लेता है अपने पीछे
    दर्द के कई कई बरस....--
    प्रेम की अपनी तरह की सार्थक परिभाषा
    गहरे तक भिदती है मन में
    सुंदर अनुभूति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति





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  10. .प्रेम के हर द्रष्टिकोण के सुंदर प्रस्तुति ....

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  11. प्रेम की बेहतरीन विवेचना,आभार.

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  12. प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे... यह तो एक गूढ़ सत्य कह डाला आपने :)

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  13. सब कुछ समझने के बाद ... ये भी समझना पड़ता है न

    कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से!!!
    सादर

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  14. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति अनुजी...
    प्रेम का विज्ञान, गणित, भौतिकी सब कुछ बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया है।।।।

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  15. सभी शास्त्रों (भौतिक, रासायनिक, नीति, राजनैतिक, मन आदि आदि) को कितना भी समझ लें प्रेम एक ऐसा शास्त्र जो...
    [प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे!!]

    प्रेम समझ से परे. सभी शास्त्र विफल हो जाते हैं समझने में, बेहतर है प्रेम को समझा न जाए बस जिया जाए. बहुत खूब, बधाई.

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  16. ह्रदय से आभार राजेश जी....

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  17. कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से ..
    लाजवाब ...

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  18. अनु ....

    सच ही कम ही समय मिलता है .... क्या करूँ ? कोशिश करूंगी जल्दी ही नियमित होने की ।

    आज की क्षणिकाएं मन को बहुत भायीं... बेहतरीन अभिव्यक्ति ....आदत से मजबूर कुछ लिख रही हूँ :):)
    यदि प्रेम एक संख्या है
    तो निश्चित ही
    विषम संख्या होगी....

    इसे बांटा नहीं जा सकता कभी
    दो बराबर हिस्सों में.
    [प्रेम का गणित ]

    सटीक .....

    लाख कोई चाहे
    ज़िंदगी के
    तराजू पर
    प्रेम के पलड़े
    नहीं हो सकते
    बराबर
    करले कोई भी
    कितना ही दावा
    किसी न किसी को
    झुकना ही पड़ता है ।



    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    तुम्हारे प्रेम में डूब गयी....
    नहीं चाहती थी डूबना
    डूब कर अपना अस्तित्व खोना मुझे नापसंद था

    उत्प्लवन के सिद्धांत तय करते हैं शर्तें - तैरते रहने की.
    डूब जाने की कोई शर्त नहीं!!!!
    [प्रेम का भौतिक शास्त्र ]

    नया सिद्धान्त ---

    प्रेम के सिद्धान्त में
    नैया पार होती है
    डूब कर ही
    बिना डूबे
    शायद प्रेम नहीं होता ।
    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

    शायद तुम कुछ कहते नहीं
    और क्यूँ मेरी सदायें पहुँचती नहीं तुम तक ??

    oh!! sound needs a medium to travel....

    (हमारे बीच ये निर्वात आखिर कब पनपा???)
    अब हमारी wavelenghths भी match नहीं करतीं शायद!!
    [प्रेम का वैज्ञानिक दृष्टिकोण]

    बहुत सुंदर ....

    निर्वात भी शायद
    पनप जाता है तब
    जब हो जाते हैं
    कुछ ज्यादा ही वाचाल
    संवाद के
    सारे माध्यम
    हो जाते हैं शून्य ।
    ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
    प्रेम का एक पल
    छिपा लेता है अपने पीछे
    दर्द के कई कई बरस....

    कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से!!!
    [प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे!!]

    बेहतरीन ----
    एक लम्हे की याद में
    बीत जाती है तमाम उम्र
    ज़िंदगी भर रहता है
    दर्द का रिश्ता ।

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    Replies
    1. शुक्रिया दी....
      यही तो लालच है ,आपको बुलाने का :-)
      सादर !

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    2. वाह आनंदमई जुगलबंदी .....
      बहुत अच्छा लगा इसे पढ़ना ....

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  19. प्रेम ..... न शब्द,न स्वर,न व्याख्या ......फिर भी गुंजायमान .... कुछ उदासी,कुछ हंसी तो कभी सिर्फ ख़ामोशी

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  20. kamaal...kamaal ke lage ye definations :) :) :)

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  21. बहुत सुन्दर।
    प्रेम की नई परिभाषाएं !

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  22. बहुत खूबसूरत कवितायें..
    मैंने भी लिखी थी छोटी नज्में.. :)
    <3

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  23. अदभुत...बहुत सुंदर.

    रामराम.

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  24. मन खुश हो गया पढके अनु दी! बेहतरीन! (और एक विज्ञान के छात्र को इससे बेहतर पढने को क्या मिलेगा!!) :)
    सादर
    मधुरेश

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  25. Ek alag dreshtikon se prem ko samjhna achha lga... Aabhar...
    Saare sidhaant khatm ho jaayenge pr prem ka koi ant nhi...isse samjhne ki har mumkin koshish hume adhure raaste pr chhor jaati hai...

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  26. प्रेम की इतनी व्यापक परन्तु सूक्ष्म व्याख्या । अद्भुत ...............

    इस रचना पर कोई भी टिप्पणी करना मेरे बस की बात नहीं ।

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  27. बहुत उम्दा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रेम की सुंदर व्याख्या ,आभार

    Recent Post : अमन के लिए.

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  28. सभी लक्षण फ़िट बैठते हैं !

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  29. ओह… :) विज्ञान के प्रेमी यूँ प्रेम में भी विज्ञान खोज लेते हैं… बहुत गहरी बातें…

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  30. [प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे!!]

    प्रेम न ज्ञान है न विज्ञान है
    न ही गणित का शास्त्र है
    यह सारे शास्त्र दिमाग के है
    यदि इन शास्त्रों से प्रेम
    समझ में आता तो आज
    पृथ्वी स्वर्ग बन गई होती
    अनु,
    प्रेम अकेला ह्रदय का शास्त्र है
    प्रेम ह्रदय से जाना जाता है
    इन शास्त्रों से परे प्रेम
    है जीने का एक खुबसूरत
    ढंग ...

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  31. शानदार दृष्टिकोण के साथ बहुत सुन्दर रूप से परिभाषित किया है प्रेम को।

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  32. अनु जी! आपने प्रेम में गणित ,भौतिक शास्त्र, विज्ञानं पढ़ा दिया पर प्रेम के केमिस्ट्री तो आप छोड़ दिया. वैसे गणित का सिद्धांत तो सही है पर मैं सोचता हूँ विषम के वदले प्राथमिक अंक होना चाहिए ,है ना ? वसे है मजेदार रचना.
    latest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
    latest post वासन्ती दुर्गा पूजा

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  33. खूबसूरत कवितायें......सूक्ष्म व्याख्या ।

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  34. प्रेम का एक पल
    छिपा लेता है अपने पीछे
    दर्द के कई कई बरस....शानदार

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  35. प्रेम का एक पल
    छिपा लेता है अपने पीछे
    दर्द के कई कई बरस....

    कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से!!!
    [प्रेम की प्रकृति....होती है समझ के परे!!]

    बहुत सुन्दर ....

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  36. अनु जी : ढाई अच्छर का तंज भरा कार्डियोग्राम...!! धन्यवाद -

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  37. प्रेम का एक पल
    छिपा लेता है अपने पीछे
    दर्द के कई कई बरस...

    बहुत सुन्दर...

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  38. Bahut achchha taalmel baithaya hai prem ka vaigynik vivechan waah

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  39. कुछ लम्हों की उम्र ज्यादा होती है, बरसों से!!!

    behatarin...bas etna hi kafi hai kisi aehsas ko kah jane ke liye...

    aabhar :

    kunwar

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  40. बहुत सुन्दर और बेहतरीन व्याखान प्रेम और विज्ञान का |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  41. prem hai hi kuchh aisa .......ise kitna bhi wayakt karo ...anchhua sa lagta hai .....meri yatra radd ho gai anu ee ..

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  42. वैज्ञानिक परिभाषा वह भी प्रेम की , इतनी सरस ...प्रेम के कुछ लम्हे जाते हैं .
    रोचक !

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  43. प्रेम की प्रकृति समझ के परे है..
    बहुत ही सुन्दर रचना...
    :-)

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  44. कोमल भावो की अभिवयक्ति......

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  45. वाह इसे कहते है रचनात्मकता
    यकीनन साइंस बैकग्राउंड वाले ऐसी रचना कर सकते हैं ।।
    पर hence proofed वाली आदत जा नही पाती
    और प्रेम की भी इसी प्रकार खोजना चाहते हैं।।
    पर वाकई में ह ये समझ से परे।।।

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  46. क्या बात है अनु जी ... प्रेम का गणित और विज्ञान ..सभी कुछ समझा दिया इन क्षणिकाओं में !

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  47. प्रेम ही मज़हब प्रेम ही इश्क़ खुदा है
    कायनात का हर पत्ता प्रेम से जुड़ा है

    प्रेम गणित लाजवाब ....!!

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  48. प्रेम मांगता नहीं
    पर इच्छाओं पे किसका वश है
    अनुसंधानरत है मन
    कोई तो होगा जो ....
    बन जाएगा उत्प्रेरक
    हमारे-तुम्हारे बीच

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  49. prem ka atyant sundar vivran ....... :)

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  50. प्रेममयी सुन्दर अभिवयक्ति......

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  51. सुन्दर पंक्तियाँ

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  52. प्रेम का विज्ञानिक द्रष्टिकोण कविताओं के माध्यम से सुंदर प्रयोग है. बहुत बहुत बधाईयाँ.

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  53. puranatayah vaigyanik vishleshan. bahut sunder rachana

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  54. Excellent......thoroughly enjoyed ...
    Aparna
    (http://boseaparna.blogspot.in/)












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  55. वाह .....बेहद खूबसूरत लेखन

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