पूरे चाँद की रात हो या हो
अमावस...
झरा हो हरसिंगार या कोई काँटा चुभा हो...
तेरा आना हो या चले जाना हो...
दिल में मोहब्बत का सैलाब हो या आँखों में आंसुओं का.......कलम का चल पड़ना लाज़मी है
झरा हो हरसिंगार या कोई काँटा चुभा हो...
तेरा आना हो या चले जाना हो...
दिल में मोहब्बत का सैलाब हो या आँखों में आंसुओं का.......कलम का चल पड़ना लाज़मी है
और ये जज़्बात न वक्त देते
हैं न मौका......सो जब,जैसा और जहाँ दिल ने कहा और कलम ने लिखा वो आपसे साझा करती
हूँ.....याने टुकड़े टुकड़े हाले दिल <3
एक कारवां की तलाश थी
कि भीड़ में गुम हो सकूँ,
कारवां तो पा लिया
वहीँ तू मुझको मिल गया..
अब न कारवां मुझे चाहिए
न भीड़ में सुकून है.......(यूँ शुरू हुआ सिलसिला मोहब्बत का.......)
कि भीड़ में गुम हो सकूँ,
कारवां तो पा लिया
वहीँ तू मुझको मिल गया..
अब न कारवां मुझे चाहिए
न भीड़ में सुकून है.......(यूँ शुरू हुआ सिलसिला मोहब्बत का.......)
2
तितली
बनना चाहती हूँ....
रंगबिरंगी तितली
महके फूलों के करीब
उडूं आज़ादी से...
और कभी उसके हाथ आयी
तो पकड़ कर
सीने से लगायी
किसी पुस्तक में सहेज लेगा
सदा के लिए........(प्रेम की पराकाष्ठा !!!!)
रंगबिरंगी तितली
महके फूलों के करीब
उडूं आज़ादी से...
और कभी उसके हाथ आयी
तो पकड़ कर
सीने से लगायी
किसी पुस्तक में सहेज लेगा
सदा के लिए........(प्रेम की पराकाष्ठा !!!!)
उस रोज
जब सीना चीर कर
तुम दे रहे थे
सबूत अपनी मोहब्बत का..
तब चुपके से वहाँ
मैंने अपना एक ख्वाब
छिपा दिया था ...
जो हलचल है तेरे दिल में उसे
धडकन न समझना......
(मोहब्बत एक दीवानगी ही तो है...)
जब सीना चीर कर
तुम दे रहे थे
सबूत अपनी मोहब्बत का..
तब चुपके से वहाँ
मैंने अपना एक ख्वाब
छिपा दिया था ...
जो हलचल है तेरे दिल में उसे
धडकन न समझना......
(मोहब्बत एक दीवानगी ही तो है...)
एहसास
किसी ख्वाहिश के पूरा होने सा.....
अमावस में चाँद के मिलने सा....
मुस्कुरा उठते हैं लब
चमक जाती हैं आँखें....
मेरे खुश होने के लिए
एक फूल का खिलना काफी है....(खुश होने के बहाने खोजना ही प्रेम है शायद...)
अमावस में चाँद के मिलने सा....
मुस्कुरा उठते हैं लब
चमक जाती हैं आँखें....
मेरे खुश होने के लिए
एक फूल का खिलना काफी है....(खुश होने के बहाने खोजना ही प्रेम है शायद...)
कभी तुम
मेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
(कुछ अधूरापन सा लगता है कभी......तब ख्वाब बुने जाते हैं यूँ ही.)
मेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
(कुछ अधूरापन सा लगता है कभी......तब ख्वाब बुने जाते हैं यूँ ही.)
फिर जुदाई का मौसम..........प्यार में दर्द न
हो ऐसा कब होता है.
क्रमशः.....
अनु
क्रमशः.....
अनु
मोहब्बत दीवानगी ही तो है …………बहुत खूबसूरती से उकेरा है
ReplyDeleteदीवानगी की हद.......खूबसूरत..... कभी तुम
ReplyDeleteमेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
मोहब्बत के सफर की पड़ाव-दर-पड़ाव दास्तान, जो अभी भी तमाम नहीं हुई. बहुत ही खूबसूरती और बारीकी से किया गया बयान है.. ये नज़्म ला टुकड़ा चुरा लेने को जी चाहता है:
ReplyDeleteउस रोज
जब सीना चीर कर
तुम दे रहे थे
सबूत अपनी मोहब्बत का..
तब चुपके से वहाँ
मैंने अपना एक ख्वाब
छिपा दिया था ...
जो हलचल है तेरे दिल में उसे
धडकन न समझना.
आगे की कड़ियों का इंतज़ार रहेगा!!
अनु, सुन्दर अहसास है आपके इस मोहब्बत के सफर में हमसफर बनने का !
ReplyDeleteकभी तुम
ReplyDeleteमेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है...... दीवानगी की पराकाष्टा तक,,,
RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,
खूबसूरत एहसास ..खूबसूरती से उकेरे हुए.
ReplyDeleteक्यूंकि मैंने
ReplyDeleteतेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
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बेहतरीन रचना
एक कारवां की तलाश थी
ReplyDeleteकि भीड़ में गुम हो सकूँ,
कारवां तो पा लिया
वहीँ तू मुझको मिल गया..
अब न कारवां मुझे चाहिए
न भीड़ में सुकून है..
kya kahu nishbd hu
बहुत ही प्रेममय प्रस्तुति । सुन्दर ।
ReplyDeleteஜ●▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬●ஜ
ब्लॉग जगत में नया "दीप"
ஜ●▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬●ஜ
मोहब्बत का पाठ पढाती , सुन्दर परिभाषाएं सुनाती, उम्दा प्रेममयी रचना.
ReplyDeleteमोहब्बत दीवानगी है......खूबसूरत एहसास है.....
ReplyDeleteshukriya ravikarji
ReplyDeleteएक - एक अहसास बहुत खूबसूरती से उकेरा है...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर मनभावन रचना...
उत्कृष्ट प्रस्तुति...
:-)
जो हलचल है तेरे दिल में उसे धडकन न समझना......
ReplyDelete"प्रेम और जुदाई..." बड़ा अनोखा संगम...आगे के इंतजार में..
सादर |
जज़्बात से भरी सुंदर प्रस्तुति ...... एहसासों को एक माला में पिरोने का सुंदर प्रयास ...
ReplyDeleteSundar kavitaayen!!
ReplyDeleteLoved all...
Specially...
कभी तुम
मेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
This one... <3
nice...................................
ReplyDeleteमुहब्बत से बड़ी कोई दीवानगी...ना रे.
ReplyDeleteसूखे रेगिस्तान में, जल नहीं हासिल होय।
ReplyDeleteख्वाबों के संसार में, जीना दूभर होय।।
har ehsaas bahut khubsurt hai ani ..dil se likah hua ..dil mein utar gaya
ReplyDeleteज़िन्दगी सारे आयाम देती है ... मिटटी का अर्थ बताने को
ReplyDeleteमेरे खुश होने के लिए
ReplyDeleteएक फूल का खिलना काफी है....वाह !! बहुत खूब
बड़ी खूबसूरत और प्यारी नज्में .....!!
ReplyDeleteपूरे चाँद की रात हो या हो अमावस...
ReplyDeleteझरा हो हरसिंगार या कोई काँटा चुभा हो...
तेरा आना हो या चले जाना हो...
दिल में मोहब्बत का सैलाब हो या आँखों में आंसुओं का.......कलम का चल पड़ना लाज़मी है
क्या दूर तक उतरता हुआ भाव है.
सुन्दर कृति.
बेहद खूबसूरत
ReplyDeleteसादर
मिलन और विछोह को शब्द देती हुई रचनाएँ . अच्छी लगी .
ReplyDeleteखूबसूरत एहसासों की खूबसूरत माला ...आगे का इन्तेजार है
ReplyDeleteकभी तुम
ReplyDeleteमेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
बहुत सुन्दर एहसासात का खेल है यह जश्ने मोहब्बत .टिपण्णी पहले भी की थी .
कभी तुम
ReplyDeleteमेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
देखो मुझे ,
तुम से मोहब्ब्त करते...
क्यूंकि मैंने
तेरे ख्वाबों के
सच होने की
दुआ मांगी है......
बहुत सुन्दर एहसासात का खेल है यह जश्ने मोहब्बत .टिपण्णी पहले भी की थी
प्यार की पहली किश्त में इत्ता सारा प्यार ,तो आगे क्या होगा | बहुत खूब अनु जी |
ReplyDeleteतेरे ख्वाबों के सच होने की दुआ माँगी है .................बहुत ही सुंदर .....बढियाँ ।
ReplyDeleteजो हलचल है तेरे दिल में उसे
ReplyDeleteधडकन न समझना......
वाह
टुकड़े टुकड़े हाले दिल....कितना कुछ कह जाते हैं अनु....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत ! :)
मन के भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
ReplyDelete"तितली बनना चाहती हूँ....
ReplyDeleteरंगबिरंगी तितली
महके फूलों के करीब
उडूं आज़ादी से...
और कभी उसके हाथ आयी
तो पकड़ कर
सीने से लगायी
किसी पुस्तक में सहेज लेगा
सदा के लिए."
ये लाइन्स जस्ट awesome हैं अनु दी .. बेहद ही खूबसूरत अभिव्यक्ति ... छू गयी दिल को ...
आगे की कविता का इंतज़ार रहेगा .. :)
सादर
मधुरेश
waah .....piyaar diwaana hota hai...
ReplyDeleteकमाल की कविताएँ
ReplyDeleteभूमिका से लेकर उपसंहार तक, पूरा का पूरा एहसास, एक खूबसूरत नज़्म के सिवा और क्या है!
ReplyDeleteप्यार में दर्द न हो ऐसा कब होता है
ReplyDeleteयही है बाटम लाईन
एक नए शिल्प की कविता -
Tried many times but could not post on your blog.
ReplyDeleteपूरे चाँद की रात हो या हो अमावस...
झरा हो हरसिंगार या कोई काँटा चुभा हो...
तेरा आना हो या चले जाना हो...
दिल में मोहब्बत का सैलाब हो या आँखों में आंसुओं का.......कलम का चल पड़ना लाज़मी है
बहुत खूबसूरत परिचय है ....कलम के चल पड़ने का कारण इतनी खूबसूरती से भी बयां हो सकता है यह पहली बार जाना ...
Manju
Regards,
Manju Mishra
http://manukavya.wordpress.com
अनु जी --- बस एक शब्द पर्याप्त है : 'लवली....!!'
ReplyDeleteकभी तुम
ReplyDeleteमेरा कोई ख्वाब तो देखो !!
:)
उस रोज
ReplyDeleteजब सीना चीर कर
तुम दे रहे थे
सबूत अपनी मोहब्बत का..
तब चुपके से वहाँ
मैंने अपना एक ख्वाब
छिपा दिया था ...
जो हलचल है तेरे दिल में उसे
धडकन न समझना......
.
इन पंक्तियों को आप पहले भी प्रयोग कर चुकी हैं | मुझे याद है क्यूंकि मैं इन चंद पंक्तियों का शायद सबसे बड़ा फैन हूँ |
सादर