उदासियाँ घर कर लेती हैं मन के कोनों में बिना शोर शराबे के..
उदासियों की आमद होती है बड़े चुपके से,क्यूंकि इनके पैरों की आहट नहीं होती.
उदासियाँ अपने पैरों पर चिपका लेती हैं मोहब्बत के पंख,मोहब्बत के मर जाने के बाद.....
अपने नर्म पंजों के भीतर छिपाए रखती हैं कई दंश,ये उदासियाँ.....
उदासियों को आदत होती है बिन बुलाये आने की और अनाधिकृत कब्ज़ा जमाने की.....एक बार आने के बाद ये पैर पसारती हैं और फैल जाती हैं हर जगह...दीवारों पर टंगी सुन्दर तस्वीरों में,बारिश की बूंदों में,बिस्तर की सलवटों पर,संगीत की धुनों पर और डायरियों के पन्नों पर भी....
उदासी छा जाती है आसमान पर कुहासा बन कर....चेहरे पर झुर्रियाँ बन कर....रिश्तों की दरारों में भर जाती हैं उदासियाँ......
तन्हाई और उदासियों में बड़ी यारियां हैं...
उदासियाँ बात नहीं करतीं.....उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ !!!
उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की...................
~अनु ~
उदासियों की आमद होती है बड़े चुपके से,क्यूंकि इनके पैरों की आहट नहीं होती.
उदासियाँ अपने पैरों पर चिपका लेती हैं मोहब्बत के पंख,मोहब्बत के मर जाने के बाद.....
अपने नर्म पंजों के भीतर छिपाए रखती हैं कई दंश,ये उदासियाँ.....
उदासियों को आदत होती है बिन बुलाये आने की और अनाधिकृत कब्ज़ा जमाने की.....एक बार आने के बाद ये पैर पसारती हैं और फैल जाती हैं हर जगह...दीवारों पर टंगी सुन्दर तस्वीरों में,बारिश की बूंदों में,बिस्तर की सलवटों पर,संगीत की धुनों पर और डायरियों के पन्नों पर भी....
उदासी छा जाती है आसमान पर कुहासा बन कर....चेहरे पर झुर्रियाँ बन कर....रिश्तों की दरारों में भर जाती हैं उदासियाँ......
तन्हाई और उदासियों में बड़ी यारियां हैं...
उदासियाँ बात नहीं करतीं.....उदासियाँ अपने साथ लाती हैं खामोशियाँ !!!
उदासियाँ बन जाती हैं , कुछ न लिख पाने की वजह और कभी अनवरत लिखते जाने की...................
~अनु ~