इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Monday, September 3, 2012

मोहब्बत/मैं /तुम/एक नज़्म.....

क्या मोहब्बत अपने अस्तित्व को खो देने का दूसरा नाम है....या तेरे मेरे एक हो जाने का??? क्या सदा तुझे खोने का भय ज़रूरी है.....जबकि पाया ही न हो कभी पूर्ण रूप से ?? मोहब्बत का ये असर क्यूँ...जबकि तू बेअसर है मेरे हर एहसास से???? कुछ उलझे सुलझे से एहसासों का गुच्छा है मोहब्बत, जिनमे कहीं अटकी होती है कोई एक नज़्म...कोई गज़ल....कोई कविता....

तुमसे जुदा होकर
जब तन्हा, घर जाती हूँ
      मैं डर जाती हूँ...

तुम्हें खोने का एहसास
बस इतनी सी बात !!
   मैं सिहर जाती हूँ.....

तुम  बात नहीं करते
और चुप सी छा जाती है,
   गागर सा मैं  भर जाती हूँ....

तुम कहते हो मुझसे
तुम्हें भूल जाने  को-
    जीते जी मर जाती हूँ....

दीवानी मैं  मोहब्बत में
जो कुछ है मना, अकसर
     वो कर जाती हूँ......

तू हौले से आता है
तसव्वुर में मेरे...
   मैं तर जाती हूँ....

ख्यालों में सही
तेरा वो स्पर्श और
 हरसिंगार सा झर जाती हूँ.....

-अनु
  

59 comments:

  1. रूहानी टॉइप का प्रेम.....।

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  2. तन्हा निकल पडा है अपने सफ़र में राही ,
    मुड़ मुड़ के देखता है शायद कोई पुकारे |

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  3. मोहब्बत के बारे में जितना भी कहिये कम है
    इस इश्क का बुखार किसको नहीं,सबको गम है,
    बस इतना है कि किसी को ज्यादा किसी को कम है
    अनु जी ,बहुत सुन्दर । प्रेम की बढियां अभिव्यक्ति ।

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  4. बड़े रंजोगम हैं इस मोहब्बत के....
    बेहतरीन.......

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  5. तू हौले से आता है
    तसव्वुर में मेरे...
    मैं तर जाती हूँ....

    ख्यालों में सही
    तेरा वो स्पर्श और
    हरसिंगार सा झर जाती हूँ.....
    प्रेम की अद्भुत अभिव्यक्ति |बधाई

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  6. pyar tho aisa hi hota hai.....luved reading these lines......

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  7. दीवानी मैं मोहब्बत में
    जो कुछ है मना, अकसर
    वो कर जाती हूँ......
    वाह क्या बात है खास कर इन पंक्तियों ने तो गज़ब ढा दिया.
    (अरुन = www.arunsblog.in)

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  8. anu ji bahut sundar rachna .prem ko shabdo me bada sundar dhala hai aapne .......ek e shabd se prem jhalak raha hai aur pida bhi adhbudh badhai aapko ...........
    mai pray kar rahi hoon aapke liye sab kuch kushal mangal ho aur aapki muskurati muskaan punah vaise hi khile ...........:)shashi

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  9. bahut sundar ehsaas ...sundar kavita ...Anu ...

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  10. aanu ji kamaal likha hai....kya bhaav hain or kya prawaah...sundar!
    Ehsaas!

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  11. प्रेम के गहरे अहसास
    तड़प ,इंतजार
    और ढेर सारा प्यार सबकुछ है इस रचना में...
    बहुत -बहुत सुन्दर
    मनभावन रचना...
    :-)

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  12. प्रेम की ये सहज भावनाएं हैं। इन्हीं सहजताओं में प्रेम है।

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  13. लाजवाब...!
    समझ मे नही आता कि आपकी इस रचना की तारीफ करूँ या इस मोहब्बत की दीवानगी को |

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  14. बस इतना ही कहूँगा कि सीमों द' बुवाँ की याद आ गयी!!
    कविता दिल को छूती है!!

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  15. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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  16. प्यार की गहराई लिए हुए एक भावपूर्ण कविता.

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  17. दीवानी मैं मोहब्बत में
    जो कुछ है मना, अकसर
    वो कर जाती हूँ......

    very interesting..

    .

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  18. अरे अनु ! इतना सुन्दर तुम्हारा ब्लॉग ...आज तक नज़र नहीं पड़ी ....बहुत शुक्रिया तुम्हारा ...जो तुमने भावों का दरवाज़ा खोला है मेरे लिए ...आभारी हूँ तुम्हारी ...उम्मीद करती हूँ कि कुछ भी अच्छा जब भी पढ़ो , ज़रूर बताना .. :)

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  19. ख्यालों में सही
    तेरा वो स्पर्श और
    हरसिंगार सा झर जाती हूँ.....
    क्या खूब लिखा है अनु जी... वाह!

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  20. जय हो ...

    मोहब्बत यह मोहब्बत - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !

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    1. आपकी आभारी हूँ शिवम जी.....

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  21. शुक्रिया राजेश जी...
    आभार आपका.

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  22. हरसिंगार के फूलों की बरसात ही हो गयी ......सस्नेह -:)

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  23. खूबसूरत अहसास..

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  24. ख्यालों में सही
    तेरा वो स्पर्श और
    हरसिंगार सा झर जाती हूँ.....
    बहुत सुंदर ...

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  25. इतना सब तो कह दिया लोगो ने . मेरे लिए कुछ बचा ही नहीं . लेकिन हम चुप क्यू रहे . कविता है या शब्द चित्र . हरसिंगार की तरह झरते शब्द पुष्प

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  26. वाह ... बहुत खूब।

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  27. खुदा का नाम लेने में तो हमसे देर हो जाती.
    खुदा के नाम से पहले हम उनका नाम लेते हैं..

    पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
    उनकी बंदगी कर के खुदा को पूज लेते हैं

    बेह्तरीन अभिव्यक्ति . कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.

    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/

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  28. अनु जी, आप जो लिखतें है वो इस से बहेतर होता है -

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  29. वाह !

    इधर इसका डर जाना
    मौका देख उसका
    उधर सर चढ़ जाना
    मुश्किल है समझाना !

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  30. हरसिंगार सी झर जाती हूँ ...
    झरते हुए देख रही हूँ प्रेम को !

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  31. ख्यालों में सही
    तेरा वो स्पर्श और
    हरसिंगार सा झर जाती हूँ।

    बहुत सुंदर। मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।

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  32. //तुम्हें खोने का एहसास
    बस इतनी सी बात !!
    मैं सिहर जाती हूँ//

    बहुत सुन्दर रचना अनु जी

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  33. bahut hi sidhi aur sacchi abhiwayakti anu jee ....

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  34. मुहब्बत करने वाले डरते भी ज्यादा हैं और हिम्मती भी ज्यादा होते हैं ....खूबसूरती से भावों को समेटा है ...हारसिंगार की तरह महकती हुई रचना

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  35. 'जो कुछ है मना, अकसर
    वो कर जाती हूँ.....'
    बस,यही सबसे बड़ी मुश्किल !

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  36. ..aapki yeh nazm bahut kuchh kah rahi hai..!
    Very beautiful and sorely touching:)

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  37. तुम कहते हो मुझसे
    तुम्हें भूल जाने को-
    जीते जी मर जाती हूँ....

    बहुत खूब ... अंतर प्रेम को चुके गुज़र जाती हैं ये पंक्तियाँ .... लाजवाब ...

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  38. ख्यालों में सही
    तेरा वो स्पर्श और
    हरसिंगार सा झर जाती हूँ.....बहुत खूब

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  39. खुबसूरत और नाज़ुक एहसास ......

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  40. beautiful post ....nice read

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  41. brimming with love :)....beautiful :)

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  42. मुहब्बत में डूबी ये रचना ... बस चश्मेबददूर !!!

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  43. दीवानी मैं मोहब्बत में
    जो कुछ है मना, अकसर
    वो कर जाती हूँ......

    तू हौले से आता है
    तसव्वुर में मेरे...
    मैं तर जाती हूँ....
    .
    बहुत सुन्दर |
    (आपको हरसिंगार से खास लगाव है :) )

    सादर

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