भास्कर भूमि में प्रकाशित
http://bhaskarbhumi.com/epaper/index.php?d=2012-08-04&id=8&city=Rajnandgaon
इब्तेदा मोहब्बत की....तुमने कहा था
मेरी आँखों में बसी हो तुम.....
मैंने कहा
कहाँ?? दिखती तो नहीं ...
तुमने कहा
दिल में उतर गयीं
अभी अभी...
इन्तेहा मोहब्बत की-
उस रोज चाँद
आसमां के पहलु से
उतर कर,
झील के ठन्डे
नर्म बिछौने में सो गया.
थक गया था वो,
उन दिनों चाहतों का मौसम जो था.....
फिर बेइंतहा मोहब्बत-
दरवाज़े पर लगा गुलमोहर
जेठ में फूलता है जब
याद आता हैं मुझे वो दिन
जब तुम मुझे ब्याह लाये थे...
सुर्ख जोड़े में....
मोहब्बत अब भी है....
याद है तुम्हें?
उस रोज तुमने
कितनी कस के पकड़ी थी
कलाई मेरी..
चूड़ियाँ टूट कर चुभ गयीं थीं.
मेरी सूनी कलाइयों पर
वो निशान अब भी दिखते हैं.......
-अनु
दरवाज़े पर लगा गुलमोहर
ReplyDeleteजेठ में फूलता है जब
याद आता हैं मुझे वो दिन
.......................................
याद आते दिनों की
अनुपम सी यादगार बातें..........
कुछ.. लम्हे जो....
पीछे मुड़ कर आवाज दे......
बेहद ही नाजुक.....
मेरी सूनी कलाइयों पर
ReplyDeleteवो निशान अब भी दिखते हैं.......
लाजबाब प्रस्तुति,,,अनु जी,,,,,
मोहब्बत ऐसी ही होती है।
ReplyDeleteबहुत खूब दीदी!
सादर
यादों के खूबसूरत लम्हे जीवन में ठहरे ही प्रतीत होते हैं ...
ReplyDeleteभावपूर्ण !
बहुत ही खुबसूरत और प्यारी रचना..... भावो का सुन्दर समायोजन......
ReplyDeleteइब्तेदा मोहब्बत की....
ReplyDeleteऔर इन्तहा मुहब्बत की.....
कई लफ़्ज़ों और कई अंदाज़ से बयाँ होती है ...
अल्फाज़ भी खूबसूरत और अंदाज़ भी....!
इब्तेदा मोहब्बत की....
ReplyDeleteइन्तहा मुहब्बत की...
कई लफ़्ज़ों में बयाँ और अंदाज़ से होती है...
लफ्ज़ भी खूबसूरत और अंदाज़ भी....!!
दिल में उतर गयीं
ReplyDeleteउन दिनों चाहतों का मौसम जो था.....
जब तुम मुझे ब्याह लाये थे...
वो निशान अब भी दिखते हैं.......
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दिल में उतर गयीं वो निशान अब भी दिखते हैं.......
जब तुम मुझे ब्याह लाये थे...उन दिनों चाहतों का मौसम जो था.....
क्षण क्षण मुखरित ...
ReplyDeleteगुलमोहर के फूल ने यादों के उन लम्हों को और भी खुबसूरत बना दिया है....बहुत प्यारी प्रस्तुति...
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन ...
ReplyDeleteआभार
waahh anu ji bahut khoob !!
ReplyDeletewahhh anu ji bahut khoob!!
ReplyDeleteLove ur writng...Beautiful..<3 <3
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआपको पढना वाकई सुखद अनुभव है
" एक से बढ़ कर एक |"
ReplyDeleteखूब जम कर लिख रही हैं आप , आजकल | बधाई एवं शुभकामनाएं |
बेहद खूबसूरत लम्हे, जो जिन्दगी भर पलकों में ठहरे रहते हैं... वाह अनु जी बहुत सुन्दर
ReplyDeletewaah ani ji bahut khoob aapke shabdo ki rasganga me ham bhi bah gaye
ReplyDeletewaah anu ji aapke shabdo ki ras ganga me ham bhi bah gaye bahut khubsurat post hai badhai
ReplyDeleteबीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी . एहसासे -मुहब्बत उतर आया पन्ने पर .
ReplyDeleteवाह अति सुन्दर , बेहद खुबसूरत रचना बधाई
ReplyDeleteअरुन शर्मा =arunsblog.in
अभी-२ आँखों से सीधे दिल में उतर गयी आपकी मुहब्बत की दास्ताँ... :)
ReplyDeleteझील के ठन्डे
ReplyDeleteनर्म बिछौने में सो गया.
थक गया था वो,
उन दिनों चाहतों का मौसम जो था.....
क्या बात है..
बड़ी खूबसूरती से पिरोया है कुछ प्यारे लम्हों को
प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए है सभी
ReplyDeleteप्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है....
.बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
alag alag lamhe, alag alag ahsaas.... dard bhi..
ReplyDeletepar pyar wahi:) hai na!!
bahut pyare se jajbaat!!
आपका आभार शास्त्री जी.
ReplyDeleteशुक्रिया यशोदा जी.
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत अहसासों से भरा नज़्म..
ReplyDeleteआपकी पह्ली क्षणिका की तारीफ़ में शब्द कम पड़ते है...बेमिशाल!
ReplyDelete'शब्दों के अरण्य में' आपकी रचना पढ़ी..बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति. शुभकामनाएं.
मोहब्बत के अहसासों में डूबी खूबसूरत क्षणिकाएं
ReplyDeleteCompletes the full circle.. Great idea and nicely written and execution.. loved it.. hoping to see more.
ReplyDeleteGod bless
प्रेम के अहसास से परिपूर्ण सुन्दर भावमयी क्षणिकाएं ...
ReplyDeleteप्यार का जुनून कुछ ऐसा होता है चढ़े वो रट से उतरने में समय लगता है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कोमल से अहसास लिए..
ReplyDeleteसुन्दर से भाव लिए
दिल में उतरती ..
गहरी समाती..
प्रेम में डुबाती....
सुन्दर रचना.....
:-)
एक बेहतरीन नज़्म
ReplyDelete----
OUTLOOK.COM पर ईमेल, वाह! क्या बात है
उफ्फ्फ्फ़ ये यादें
ReplyDeletegreat writing!
ReplyDelete.
ReplyDeleteमोहब्बत की इब्तेदा से इन्तेहा अच्छी है …
अनुजी !
प्रेम के कोमल एहसासों से लबरेज़ सुदर भावमयी क्षणिकाएं लिखी हैं आपने … आभार !
यद्यपि चौथी क्षणिका में कोमल भाव आहत हुए हैं -
"उस रोज तुमने
कितनी कस के पकड़ी थी
कलाई मेरी..
चूड़ियाँ टूट कर चुभ गयीं थीं."
शुभकामनाओं सहित…
सभी एक से बढ़कर एक ..... अति सुंदर
ReplyDeleteaapka jawaab nahi anuji.....bahut hi khubsurat post....sukhad ahsaas
ReplyDeleteआपकी कविताएं नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रही हैं।
ReplyDeleteit is a delight to read you anu.
ReplyDeleteकुछ लम्हे जो ठहर से गए…………सच मे ही तो ठहर गये तभी तो ये भाव उभरे।
ReplyDeleteअनु जी, प्रस्तुत रचना में सूफियाना अंदाज झलकता है. कविताओं को पढ़ते हुए लग रहा था कि जैसे मै अमृता प्रीतम की रचनाओं को पढ़ रहा होऊं......
ReplyDeleteइस मुकाम तक पहुँचने के लिए आपको हार्दिक बधाई! आभार !!
सुबीर जी.......आपका अंदाज़ भा गया(दिल बहला दिया आपने.)
Deleteशुक्रिया :-)
इतनी सुन्दर कवितायेँ कि मैं क्या कहूँ
ReplyDeleteवाह .. वाह ... वाह ... क्या बात है ..
ReplyDeleteहर एहसास जैसे जी रहा हो ... लम्हा जैसे रुका हुवा हो ...
अनुलता जी नमस्कार...
ReplyDeleteआपके ब्लॉग' my dreams 'n' expressions' से कविता भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 4 अगस्त को 'कुछ लम्हें जो ठहर से गए...' शीर्षक के कविता को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
धन्यवाद
फीचर प्रभारी
नीति श्रीवास्तव
Niti Srivastav Jee,
DeleteMaine bhee apni kavitayon ka ek blog banaya hai. Itna sundar to nahi hai, kyonki mujhe banana hee nahi aata. Usme meri 150 se adhik kavitaye post hai. uska naam hai vinodpassy.blogspot.com. Agar apko usme se koi rachna kavita bhaskar ke liye acchi lage, to use shouk se chhap sakte hai.
Vinod Passy "Hanskamal"
Second Secretary(Comercial)
Assistant High Commission of India
Kandy(Sri Lanka)
vinodpassy@gmail.com
0094715313089
Masaallah! Baag baag ho gaya dil padhkar! bahot hi behtareen rachna! :)
ReplyDeleteमुहब्बत ही मुहब्बत वह भी इतने कूबसूरत अंदाज में ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिकाएं।
बेहद सुंदर अनु जी,
ReplyDeleteलाजवाब ...
मुहब्बत की बातें ज़रा देर से समझ आती हैं :):)
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से लिखे खूबसूरत एहसास ...
बहुत खूबसूरती से एहसासों को शब्द दिए हैं लेकिन इंतिहा तो किसी चीज़ की ठीक नहीं फिर चाहें मोहब्बत की ही हो.
ReplyDeleteप्रेम का उत्तरोत्तर परवाज :उफ़!
ReplyDeleteMagnificent, beautiful and heart-warming! Your writing outshines the crowd.
ReplyDeleteनिहायत ही खुबसूरत और गहरे अहसासात लिए हैं सभी अशआर.
ReplyDeleteइब्तेदा मोहब्बत की....,इन्तेहा मोहब्बत की ,फिर बेइंतहा मोहब्बत-,मोहब्बत अब भी है.,
बहुत सुन्दर प्रस्तुती.
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
दिल में उतर गयीं
ReplyDeleteअभी अभी...
बहुत खूबसूरत... वाह!!!
सुंदर रचनाएँ...
सादर।
NICE ONE....
ReplyDeleteHAPPY FRIENDSHIP DAY....!!!!!!!
सभी एक से बढकर एक!
ReplyDeleteA refresher to the imagery of Gulzar, and the style of Amrita Pritam...obviously in your very own way! Wonderful Anu:)
ReplyDeletei second Amit ji :)
DeleteExcellent penning! Love the way you express the emotions of the heart!
ReplyDeleteI loved the first one and the following ones too :)
ReplyDeleteYou should try hindi song writing :)
अनु जी , फेसबुक के 'काव्यालय' फोरम में इस पोस्ट की प्रथम रचना किसी और के नाम से प्रसिध्ध हुई है .इस लिंक पर देखे : http://www.facebook.com/groups/kaavyaalaya/permalink/346942905388117/
ReplyDeleteशुक्रिया राजू जी ....देखा मैंने ...दुःख भी हुआ खुशी भी :-)
ReplyDeleteचोरी भी लोग ऐसे वैसे कवियों की तो नहीं करते न :-)
मैंने ग्रुप में एंट्री की है..आप चाहे तो मुझे रिकमंड कर दें
आभार फिर से
अनु
दुःख इस बात का है की कोई ज़ज्बो की पेशकश भी गर चोरी कर रहा है तो वो कितना कृपण होगा. खेर. शायद आप ने अपनी रचनाओं का रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए.
ReplyDeleteअनु जी , मैंने 'काव्यालय' फोरम में आप का नाम रेक्मंड क्र दिया है.
ReplyDeletethanks a lot.
DeleteRaju Jee, Aap to kamaal ke pathak hai. pata nahin kitne kaviyo aur kavitriyon ke blogs par ja jakar unki rachnaye padte rahte hai. Anulata jee ke blog se parichit karane ke liye bahut bahut shukriya
DeleteAnulata Raj Nair, Jee,
ReplyDeleteAaj jab Kaavylaaya mein Raju Patel jee nein apke blog ke link ko post kiya aur yeh bataya kee Ojaswini Sharma nein apki kavita ko hee post kar diya, to main apke blog par aya. Apki kavitayen aur blog dono hee ati sundar hai. Main bhee kaavylaava main apni poetry share karta rahta hoon. Apke jaise sunder sa Blog to banana nahi aata hai, par maine apni kavitayen vinodpassy.blogspot.com(jo kee google ka hai) par post kee hai. Meri adhikansh kavitayen stri kee bhavnayon ko prakat karti hai. Agar kabhi fursat mile to kuch meri kavitayon par bhee nazar dale. Kyonki ab to aap hamare group mein shamil ho hee chuki hai, hamey apki aur bhee sundar kavitayon ko dekhne ka mouka milta rahega. Dhanyavad.
खूबसूरत क्षणिकाएं..वाह!..बहुत बधाई।
ReplyDeleteअनु mam ,
ReplyDeleteआपकी किस-किस पोस्ट पर comment करूँ , सब एक से एक लाजवाब ,
तारीफ़ के शब्द खत्म हो रहे हैं , लेकिन पोस्ट नहीं |
chote chote nazuk se shabdo ne mohit kar liya ,bahut kub likha hai
ReplyDeletebahut hi achha anuji...
ReplyDeletevery nice post....
ReplyDelete