इन्होने पढ़ा है मेरा जीवन...सो अब उसका हिस्सा हैं........

Thursday, May 17, 2012

तुम गये नहीं अब तक !!!





मोहब्बत भी अजीब शय है..........एक बार जो हो गयी सो हो गयी........किसी शख्स को जिंदगी से निकाला जा सकता है मगर एहसासों को नहीं.......वो तो दिल की दीवारों पर चिपक के रह जाते हैं...........खुरच के निकालेंगे तो जो दर्द होगा वो कहाँ सह पायेंगे........

पुराने किसी गीत को सुन कर
कहीं खो जाना...
किसी फूल के खिलने पर 
यूँ ही मुस्कुराना...
बारिश में भिगो के पलकें 
अश्कों को छिपाना...
बेमौके ही तक-तक आईना
आँखों में काजल सजाना...
किसी भीनी सी आती खुशबू पर
चौंक कर पलट जाना !
तू है तो सही अब भी
मुझ में,
मेरे आस पास....
हर सू ....
सोचती हूँ 
के तुझको भुलाऊं कैसे ?
बिना खुद मिटे, 
तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
-अनु 

40 comments:

  1. भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
    बहुत सही ... अनुपम भाव संयोजित किए हैं आपने ...आभार

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  2. बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??

    प्रेम के दर्द से भरे ...प्रेम रस में पेज ...सुंदर ...खूबसूरत एहसास ...
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ती ...!!
    शुभकामनायें ...अनु जी ..!

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  3. हर सूं....
    भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे,,,,,,,

    बहुत सुंदर रचना,..अच्छी प्रस्तुत,,,,,,,,,

    MY RECENT POSTफुहार....: बदनसीबी,.....

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  4. भूलने के बहाने कुछ ज्यादा ही याद आती है ... सुंदर अभिव्यक्ति

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  5. मुझमें तू है तुझसे पार पाऊं कैसे...
    सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  6. बस गई एक बस्ती है , स्मृतियों की इसी ह्रदय में
    नक्षत्र लोक फैला है , जैसे इस नील निलय में

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  7. सच है यादें भूलाए नहीं भूलती. है अनु..सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  8. कुछ दिनों पहले ट्वीट भी किया था:
    मोहब्बत भी कमाल की चीज़ है..
    जिसे ना हो, उसे इसपर विश्वास ही नहीं होता..
    और जिसे हो जाए..
    उसे किसी और पर विश्वास नहीं होता.. :)

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  9. बारिश में भिगो के पलकें
    अश्कों को छिपाना...
    बेमौके ही तक-तक,आईना
    आँखों में काजल सजाना...

    bahut sundar Anu ji! Shubhkaamnayen!

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  10. मोहब्बत के हावी होने पर हम बाकी दुनिया से कट जाते हैं .कई बार ऐसा होना अच्छा लगता है !

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  11. क्या बात है.....वाह!


    सादर

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  12. अनु जी,
    पूर्व में हुई चर्चा के अनुसार आपके ब्लॉग से कुछ लेख को अपने दैनिक समचार पत्र भास्कर भूमि में प्रकाशित किया है। अखबार का प्रतियां आप तक भेजना चाहते है। आप अपने घर की पता भेजने की कृपा करे.......
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    1. बहुत बहुत शुक्रिया सर
      :-)

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  13. ....भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??

    सुन्दर अभिव्यक्ति..
    सादर

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  14. बहुत ही खूबसूरत कविता |

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  15. बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
    वाह ! बहुत खूब ।

    यादें भी जीने का सहारा होती हैं ।

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  16. बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??


    बहुत खूब ... वजूद जब वजूद से रूबरू होता है तो यही होता है

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  17. कोमल भाव युक्त सुन्दर ,अति सुन्दर रचना.....
    :-)

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  18. शुक्रिया रविकर जी.

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  19. भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??

    ....बहुत खूब ! कहाँ मुक्त हो पाते हैं यादों के बंधन से....

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  20. महसूस होती कविता ...

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  21. भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे .......aasan nahi hai bhulana.....

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  22. जो है उसे भुलाना कैसा !

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  23. तू है तो सही अब भी....
    मुझ में,
    मेरे आस पास....
    हर सूं....
    भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??

    bahut sundar abhivayakti ke sath dil ko chhune wali rachna !

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  24. वाह ! सीधे आपके दिल से निकल कर सबके दिल तक पहुँचती हुई भावनाओं के लिए शब्द भी कम पर जाते हैं..

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  25. बहुत सुन्दर ...

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  26. ...is se sundar nahi likha ja sakta..!

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  27. नहीं हो सकता ...जो हर सांस में वाबस्ता हो ...वह तो साँसों के साथ ही दूर पायेगा ....सांसें नहीं तो वह नहीं ......उससे पहले तो हर आह...हर हंसी में वह शरीक़ होगा

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  28. तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??
    बहुत खूब बहुत सुन्दर

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  29. बढ़िया अभिव्यक्ति....

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  30. खुद को खो कर ही दूसरे का वजूद मिटता है...दीवानगी का ये फलसफा बहुत खूब है...

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  31. मुझ में,
    मेरे आस पास....
    हर सूं....
    भुलाऊं तुझको कैसे ?
    बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??

    Sach Kaha.....

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  32. bbaton ko jitna bhulane ki koshish karo....wo utna hi gehra asar chhod jati he....

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  33. बिना खुद मिटे,
    तेरा वजूद मिटाऊं कैसे ??bahut badhiya ....

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  34. jindagi ke aaspass ...... bahut sundar rachna !

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  35. jindagi ke aaspass ......... bahut sundar rachna !

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