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हंसती हुई लड़कियों के भीतर
उगा होता है एक दरख़्त
उदासियों का,
जिनमें फलते हैं दर्द
बारों महीने...
और ठहरी हुई उदास आँखों वाली
लड़कियों के भीतर
बहता है एक चंचल झरना
मीठे पानी का...
आसमान की ओर तकती लड़कियों में
नहीं होती एक भी ख्वाहिश
एक भी उम्मीद ,
कि उसने नाप रखी है
अपने मन से
क्षितिज तक की दूरी....
और पलकें झुकाए
अंगूठे से ज़मीन कुरेदती लड़की
दरअसल
बुन रही होती है एक साथ
कई कई रूपहले सपने
मन ही मन में
गुपचुप गुपचुप|
सिले हुए होंठों वाली लड़कियां
गुनगुनाती हैं
नहीं सुनाई पड़ने वाले
एकाकी प्रेम गीत
जिन्हें वे खुद ही गुनती हैं, खुद ही सुनती है...
और सड़कों पर उतरीं
नारे लगाती,विरोध करती , चिल्लाती लड़कियां
होती हैं एकदम ख़ामोश !
इनके भीतर पसरा होता है एक निर्वात
कि उनकी आवाज़ कहीं तक पहुँचती नहीं !!
लड़कियां नायिकाएं नहीं होती....
कहानियों का सबसे झूठा किरदार होती हैं लड़कियां !!
~अनुलता ~
आप सभी के ब्लॉग पर अपनी अनुपस्थिति के लिए क्षमा चाहती हूँ....उम्मीद है अब इतने बड़े अंतराल न होंगे....
नहीं होती एक भी ख्वाहिश
एक भी उम्मीद ,
कि उसने नाप रखी है
अपने मन से
क्षितिज तक की दूरी....
और पलकें झुकाए
अंगूठे से ज़मीन कुरेदती लड़की
दरअसल
बुन रही होती है एक साथ
कई कई रूपहले सपने
मन ही मन में
गुपचुप गुपचुप|
सिले हुए होंठों वाली लड़कियां
गुनगुनाती हैं
नहीं सुनाई पड़ने वाले
एकाकी प्रेम गीत
जिन्हें वे खुद ही गुनती हैं, खुद ही सुनती है...
और सड़कों पर उतरीं
नारे लगाती,विरोध करती , चिल्लाती लड़कियां
होती हैं एकदम ख़ामोश !
इनके भीतर पसरा होता है एक निर्वात
कि उनकी आवाज़ कहीं तक पहुँचती नहीं !!
लड़कियां नायिकाएं नहीं होती....
कहानियों का सबसे झूठा किरदार होती हैं लड़कियां !!
~अनुलता ~
आप सभी के ब्लॉग पर अपनी अनुपस्थिति के लिए क्षमा चाहती हूँ....उम्मीद है अब इतने बड़े अंतराल न होंगे....
वाह ! लेकिन यह बात सिर्फ लड़कियों के लिए ही सच मालूम नहीं होती किसी न किसी रूप में हर कोई ही सबसे झूठा किरदार होता है...
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ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्द ,बेह्तरीन अभिव्यक्ति .!शुभकामनायें. आपको बधाई
कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
बहुत ही संवेदनशील रचना ... शब्दों का प्रभाव देर तक मन में छाए रहता है ...
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, जीना सब को नहीं आता - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteअनु दी आपकी ये रचना बेहद अच्छी लगी ..कितना सच है न इसमें ..लगा कुछ मुझसे होकर गुजर गया !
ReplyDeleteAwesome..!
ReplyDeleteग़ज़ब की रचना
ReplyDeleteबहुत कम शब्दों में बहुत कुछ कहती कविता.......
ReplyDeleteबहुत ही संवेदनशील रचना
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना है कुछ hindi quotes भी पढ़े
ReplyDeleteसुन्दर कविता
ReplyDeleteलड़कियां नायिकाएं नहीं होती....
ReplyDeleteकहानियों का सबसे झूठा किरदार होती हैं लड़कियां !!
... बहुत सही कहा...
बेहद प्रभावशाली रचना......बहुत बहुत बधाई.....
ReplyDeleteआपको सपरिवार नववर्ष की शुभकामनाएं...HAPPY NEW YEAR 2016...
Deletesunder bahot ache ...............!!!!!
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteन जाने क्या सच होता है लड़कियों का . गहन और सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteVery nice
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