कितना अच्छा किया था जो उस दिन मैंने अपने हाथ में तुम्हारी जगह अपने ही नाम का टैटू गुदवा लिया था.....तुम चाहते थे मैं तुम्हारा नाम लिखवाऊं....और कायदा भी वही है न.......मगर मैं भी तो अजीब हूँ ही......तुमने कहा मुझे पता है तुम क्या लिखवाओगी..मैंने पूछा अच्छा बताओ तो???? तुमने प्यार भरी आवाज़ में मुस्कुरा कर कहा,नहीं बताऊंगा...वो जो मेरे दिल में है......बस मैंने भी अपना ही नाम लिखवा लिया....कि मैं ही तो हूँ तुम्हारे दिल में :-) [तुम्हारी वो सूरत अब भी याद है मुझे,तुम्हारी उस सूरत का टैटू मेरे ज़हन में बन गया था उस रोज.. ]
अच्छा सोचो,उस रोज गर तुम्हारा नाम गुदवा लेती तो आज तुम्हारे न होने पर वो नाम मैं कहाँ छुपाती.......तुम्हारे दिए हज़ारों ज़ख्मों की तरह उसको हटाने को क्या एक और ज़ख्म बनाती.......??????
यूँ भी कितनी चीज़ें हैं जो तुम्हारे न होने का एहसास कराती हैं.....या तुम कभी थे इसकी याद दिलाती हैं.....जब मोहब्बत नहीं तो मोहब्बत की ये निशानियाँ किस काम की......
सच्ची , तुम तो बेवफाई में अव्वल निकले थे.....मुझे यूँ निकाला अपनी ज़िन्दगी से जैसे अपनी मूंछ के सफ़ेद बाल उखाड फेंकते थे.....वो बाल तो फिर उग आते थे न वहीँ....उतने ही सफ़ेद.....मगर सुनो...मैं नहीं वापस आने वाली......सच कहूँ तो तुमसे दूर होकर लगा कि तुम बिन जीना इतना भी मुश्किल नहीं है......तुम्हारी शुक्रगुजार हूँ कि तुमने मुझे मजबूत बना दिया.....नहीं जानती कि क्या करूंगी अपनी इस बाकी ज़िन्दगी का........शायद तुम्हारी यादों को भुलाते भुलाते ही कट जाए....
आज मैंने
एक वादा,
जो निभाना है मुझे
जब तलक बंधन है मेरा
मेरी साँसों से...
एक वादा,
कि कभी तुझे
मेरी साँसों से...
एक वादा,
कि कभी तुझे
रोने ना दूँगी.....
गर चोट लगेगी भीतर ..
तुझ पे जाहिर ना होने दूँगी ..
तुझ पे जाहिर ना होने दूँगी ..
लाख सिसकता रहे दिल मेरा
कंपकपाते रहें लब..
मगर ऐ आँख!
मैं तुझको कभी
मैं तुझको कभी
नम न होने दूँगी...
-अनु
-अनु
बहुत खूबसूरत रचना !!
ReplyDelete़़़़़़़़़़़़़़़
दिल में गुदा हो नाम
अपने को पता होता है
टैटू माना की हाथ में
खुदा होता है
लोगों से छुपाया जाता है
पर दिल का टैटू तो
रोज सामने आता है।
sushil g aapko padhkar maja aa gaya
Deleteबेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
ReplyDeleteअभिव्यक्ति........
Lovely poem Anu ! Hope you had a great Sunday !
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
लाख सिसकता रहे दिल मेरा
ReplyDeleteकंपकपाते रहें लब..
मगर ऐ आँख!
मैं तुझको कभी
नम न होने दूँगी...
बहुत सुंदर! -
दिनेश
सुंदर अहसास,
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति ....
हाँ, वादा मत भूलियेगा :)
लाख सिसकता रहे दिल मेरा
ReplyDeleteकंपकपाते रहें लब..
मगर ऐ आँख!
मैं तुझको कभी
नम न होने दूँगी...
मन को छूते भाव... सुदर प्रस्तुति... आभार
Nice poem indeed :)
ReplyDeletehttp://garimazlifeblog.blogspot.in/
:)
ReplyDeleteBeh gaye main aapki rachna main..Ghar men akela tha to jor jor se padha aapko...aur antim panktiyon men hoth kapkapa gaye..:( thoda aur padhta to ro padta...Maaf kariyega par mai kehena chahta hun...Jindagi ko kisi ka mohotaaj mat banaiye.
ReplyDeleteसही किया आपने , ऐसे बेवफा लोगों के कारण ही तो टेम्परेरी टैटू का चलन हुआ होगा . और ऐसे के लिए रोना क्या , रोये आपके दुश्मन .
ReplyDeleteवाह:बहुत सुन्दर अंदाज में प्यारी सी अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर .अनु..
ReplyDeleteकितना दर्द है अनु आपकी रचना में ....पढ़ते पढ़ते ही मन उदास हो गया ...!!ऐसे भी लोग होते हैं ....सोच रही हूँ ...!!क्या कहूँ .......बस इतना.. की बहुत दर्द भारी रचना लिखी है आज आपने ...!!
ReplyDeleteमन उदास कर गयी ...!!
Dil ko choo gaye. Bahut sahi likha hai aapne...
ReplyDeleteवाह!!टैटु से अपना ही नाम लिखवाने का आइडिया अच्छा है...with valid reason:)
ReplyDeleteआँखें नम न करने की दृढ़ इच्छाशक्ति...बहुत खूब !!
सस्नेह
sundar
ReplyDeleteउसे भुलाने का वादा करके दरअसल आप उसे ही याद कर रही हैं....फिर भी,शुभकामनायें !
ReplyDeleteमगर ऐ आँख!
ReplyDeleteमैं तुझको कभी
नम न होने दूँगी...
वाह!
सादर
Once again it touched my heart...hope you get the courage to face all this...
ReplyDeletebless you :)
नामुमकिन सा वादा..वाह! उम्दा...
ReplyDeleteउस रोज गर तुम्हारा नाम गुदवा लेती तो आज तुम्हारे न होने पर वो नाम मैं कहाँ छुपाती.......तुम्हारे दिए हज़ारों ज़ख्मों की तरह उसको हटाने को क्या एक और ज़ख्म बनाती.......??????
ReplyDeleteनिःशब्द कर दिया
इतना साहस,धैर्य और विवेक हो भीतर,तो आंख नम होने की नौबत ही न आए।
ReplyDeleteपुरानी यादें , मुलाकातें , हसीं बातें --अक्सर सोने नहीं देती .
ReplyDeleteसुन्दर रचना .
तुम्हारे दिए हज़ारों ज़ख्मों की तरह उसको हटाने को क्या एक और ज़ख्म बनाती.......??????
ReplyDeleteमन को छूते भाव ... आभार इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए
भावविभोर करती रचना...
ReplyDeleteये उसके नाम का टैटू तो वाकई बेकार की बात है :)
ReplyDeleteपर कविता सुन्दर है आपकी .
बहुत सुंदर----anu ji
ReplyDeleteबहुत सुन्दर है अनु जी, अति उत्तम.
ReplyDeleteउन्हें भुलाने की कोशिश भी ...
ReplyDeleteयाद करने का इक बहाना है ???
शुक्रिया शास्त्री जी
ReplyDeleteनि:शब्द करती रचना .... <3
ReplyDeleteअनु जी,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना।
सच कहुँ दिल को छु गईं पंक्तियाँ।
बहुत ही सरल भाव से दर्शाया है आपने।
ढेर सारी शुभकामनायें।
प्रतीक संचेती
क्या करें दिलचस्पी ख़त्म हो जाती है पर लगाव बचा रहता है.
ReplyDeleteकभी हम भी तुम भी आशना तुम्हे याद हो के ना हो
सच के करीब रचना निसंदेह
अनु.....टैटू गुदवाना सच में दर्द ही देता है..पहले गदवाते वक्त ..फिर बेवफाई के बाद....वैसे भी जो मन पर छपा होता है वो कभी न कभी तो आंखों को नम कर ही देता है....
ReplyDeleteमैं तुझको कभी
ReplyDeleteनम न होने दूँगी...
मन को छूते भाव... सुदर प्रस्तुति... आभार
इस तरह की प्रतिज्ञा जब दृढ़ हो जाती है, जीवन जीना सरल हो जाता है।
ReplyDeleteRequest you to please add the follow by email widget so that people like me can follow you by email.
ReplyDeleteThis might add to the already big fan following of yours but this would also make the readers get regular updates from you !!!
Thanks for sharing a wonderful poetic blog !
Vah bahut acche...Anu ji..
ReplyDeletebe a great warrior in your life..
God bless you ..
तुम्हें बहलाने की कोशिशें भी
ReplyDeleteअब नाकाम हो गईं हैं .....
अनु जी दुआएं हैं ....:))
बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteमगर ऐ आँख!
ReplyDeleteमैं तुझको कभी
नम न होने दूँगी...
अनु जी,
बहुत सुन्दर, बहुत ही भावुक रचना सच में।
प्रेम और इतनी बेरुखी ...
ReplyDeleteभावनान में बहना आसान है पर हकीकत में ऐसा वादा निभाना संभव है क्या ... खुद से पूछना फिर बताना ... चायद ये इ आसान न होगा ...
nice one ...
ReplyDeletethere are things which has memories attached with them...
अच्छी रचना...
ReplyDeleteशुभकामनाएं!!
पढ़ते-पढ़ते
बहुत ठीक किया है ,
ReplyDeleteसीने का दर्द छिपाया है ,
उनके लिए जिन्हें चाक करते
देर न लगी ....
बहुत खूब...
ReplyDeleteबहुत निजी.
ReplyDeleteI loved it Anu..very,very beautiful:) beyond words indeed!
ReplyDeleteWada poora zaroor karna, very nice :)
ReplyDeletegr8,.i read it many times and each time i felt the pain. beautifully said
ReplyDeletetouched my heart...........really very nice :) :)
ReplyDeleteपहला पैराग्राफ बहुत सुन्दर है |
ReplyDeleteसादर